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Lok Sabha Election 2019: धनबाद में मुद्दे अपार, नेता चुनने का यही आधार

धनबाद लोकसभा क्षेत्र में इस बार दो बार के भाजपा सांसद पीएन सिंह के सामने धनबाद में पहली बार चुनाव लडऩे पहुंचे महागठबंधन प्रत्याशी के तौर पर कांग्रेस के कीर्ति आजाद हैं।

By mritunjayEdited By: Published: Wed, 17 Apr 2019 07:41 AM (IST)Updated: Wed, 17 Apr 2019 07:41 AM (IST)
Lok Sabha Election 2019: धनबाद में मुद्दे अपार, नेता चुनने का यही आधार

रांची, आशीष झा। धनबाद लोकसभा चुनाव में इस बार जो दो मुख्य उम्मीदवार हैं उनमें एक का नाम है तो दूसरे की घर-घर पहचान है। फिलहाल दोनों में से कोई कम नहीं दिख रहा लेकिन अंत में लड़ाई तो मुद्दों के आधार पर ही होगी।

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धनबाद के लिए किसी को अपना परिचय अब देने की जरूरत नहीं। ऐसे में नाम और पहचान के बाद लड़ाई मुद्दों पर होगी। जलापूर्ति, बिजली, परिवहन, ओवरब्रिज का निर्माण, बदहाल स्वास्थ्य और शिक्षा व्यवस्था, खदानों के कारण प्रदूषण जैसे स्थाई मुद्दों के साथ-साथ इस बाद ट्रेनों के फिर से संचालन का मुद्दा लोगों की जुबां पर चढ़ा हुआ है। ऐसे में दोनों नेताओं को कुछ काम और कुछ चुनौतियों पर जनता को आश्वस्त करना होगा। लोकसभा चुनाव में मुद्दों के आधार पर ही चुनाव का परिणाम लोगों के सामने होगा।

धनबाद लोकसभा क्षेत्र में इस बार दो बार के भाजपा सांसद पीएन सिंह के सामने धनबाद में पहली बार चुनाव लडऩे पहुंचे महागठबंधन प्रत्याशी के तौर पर कांग्रेस के कीर्ति आजाद हैं, हालांकि तीन बार दरभंगा से सांसद रहने का अनुभव उनके पास भी है। सदन के अनुभवों में दोनों किसी से कम नहीं हैं। कीर्ति दिल्ली से विधायक रह चुके हैं और दरभंगा से सांसद तो पशुपति नाथ सिंह धनबाद से ही विधायक और सांसद रहे हैं। पीएन सिंह ने एक बार चुनाव जीतने के बाद पिछले 25 वर्षों से कभी हार नहीं देखी है।

धनबाद कहीं न कहीं भाजपा का गढ़ रहा है और 2004 में इस गढ़ को कांग्रेस के ददई दुबे ने तोड़ा था जब चार बार की सांसद प्रो. रीता वर्मा को उन्होंने शिकस्त दी थी। खैर, इस चुनाव में सबकुछ नए सिरे से होगा। पीएन सिंह अपने कार्यों को गिनाएंगे। शहर से लेकर बाहर तक सड़कों का जाल बिछ रहा है, सिटी सेंटर से हीरक रोड और हीरक रोड से राज्य की सबसे चौड़ी सड़क का निर्माण को सिंह समर्थक भाजपा की उपलब्धियों में जोड़ते हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत छह हजार से अधिक भवन निर्माण शहरी क्षेत्र में बन चुके हैं तो छह सौ करोड़ से अधिक की जलापूर्ति परियोजनाएं पंचेत और अन्य इलाकों में चल रही हैं। इन्हीं मुद्दों में से कई ऐसे हैं जिसपर लोग सवाल उठाएंगे।

मुद्दे

राष्ट्रीय

ट्रेनों का परिचालन : धनबाद-चंद्रपुरा लाइन पर ट्रेनों का आवागमन बाधित होने के बाद फिर से सभी ट्रेनों का संचालन शुरू नहीं हो सका है। लोग तकलीफ में हैं।

कोयला क्षेत्र में रंगदारी : देश के कई हिस्सों में कोयला जाता है और इस क्रम में रंगदारी देनी पड़ती है। उद्योगपतियों ने सीएम को त्राहिमाम संदेश भेजा।

प्रदूषण : कोयले की ढुलाई में इस्तेमाल हो रहे वाहनों पर ऊपर से कपड़ा या प्लास्टिक नहीं होता। इस कारण कोल डस्ट प्रदूषण का बड़ा कारण बन रहा है।

राज्य स्तरीय

विधि-व्यवस्था : धनबाद में दशकों से विधि-व्यवस्था की समस्या रही है। नीरज हत्याकांड लोगों की जेहन से अभी तक नहीं हटा है।

झरिया पुनर्वास : कोयले की आग पर बसे झरिया के अधिकांश हिस्से का पुनर्वास होना है लेकिन यह प्रक्रिया बहुत ही धीमी है और लोग खतरे में हैं।

ट्रैफिक और ओवरब्रिज : शहरी क्षेत्र में ट्रैफिक की समस्या से आम से लेकर खास लोग तक परेशान रहते हैं। नया ओवरब्रिज बनाने को लेकर काम आगे नहीं बढ़ा है।

स्थानीय

जलापूर्ति : धनबाद के विभिन्न हिस्सों में पानी के लिए लड़ाई आम बात है। जरूरत के लिहाज से आधी जलापूर्ति भी धनबाद में नहीं हो रही है।

बिजली : सभी ट्रांसफॉर्मर और तार बदलने के बाद भी धनबाद बिजली संकट झेल रहा है। इस मुद्दे पर आम लोग लगातार आंदोलन करते रहे हैं।

विस्थापन : बड़ी परियोजनाओं के कारण विस्थापित हुए लोगों का दर्द कम होने का नाम नहीं ले रहा। विस्थापन इस क्षेत्र की एक बड़ी समस्या अभी भी है।
मत-विमत
पेयजल संकट का करवा रहे हैं पूर्ण निदान : पीएन सिंह
धनबाद में पेयजल संकट हमेशा से मुद्दा रहा है। इसे समाप्त करने को मैंने काफी काम किया। कोशिश होगी कि इस कार्यकाल में इसका पूर्ण समाधान निकाल दें ताकि भविष्य में लोगों को पानी की समस्या से जूझना न पड़े। इसके लिए 1000 करोड़ के प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है। प्रधानखंता-गिरिडीह रेल लाइन का प्रस्ताव स्वीकृत हो चुका है। मेरे ही प्रयास से इसका सर्वे भी हुआ है। इसे हर हाल में पूरा कराना मेरी प्राथमिकता होगी। कोलियरियों से प्रदूषण कम कराना, सिंदरी में खाद कारखाना समय पर लगे और शुरू हो, धनबाद में एयरपोर्ट का काम शुरू हो इनको लेकर मेरी विशेष सक्रियता रहेगी। धनबाद में उद्यमियों को भयमुक्त वातावरण मिले इसके लिए विशेष प्रयास किया जाएगा।
-पीएन सिंह, भाजपा प्रत्याशी, धनबाद
विस्थापितों की समस्या का समाधान पहली प्राथमिकता : कीर्ति आजाद
धनबाद में अग्नि प्रभावित क्षेत्रों से विस्थापन की गंभीर समस्या है। सांसद बनने के बाद विस्थापितों की समस्या का समाधान मेरी प्राथमिकता होगी। कोल इंडिया का निजीकरण रोकना, धनबाद में एम्स व एयरपोर्ट खुलवाना, कोलियरियों में कार्यरत आउटसोर्सिंग कंपनियों के कर्मचारियों को वेज बोर्ड का लाभ दिलाना भी मेरी प्राथमिकता सूची में होगा। रोजगार के मामले में धनबाद अपनी पहचान खो रहा है। अधिकतर बड़ी कंपनियां बंद हो गई हैं लिहाजा यहां रोजगार सृजन न के बराबर है। ग्रामीण क्षेत्र से भी लोगों का पलायन हो रहा है। इस पर लगाम लगाने व रोजगार सृजन के क्षेत्र में काम करने का भी भरपूर प्रयास होगा।
-कीर्ति झा आजाद, कांग्रेस प्रत्याशी, धनबाद


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