Lok Sabha Election 2019: ओडिशा के सुंदरगढ़ जिले में 583 मतदान केंद्र संवेदनशील
Lok Sabha Election 2019 ओडिशा में विस चुनाव के लिए 19 मार्च को विज्ञप्ति जारी होने वाली है। जिले में कुल 1846 बूथ बनाये गए हैं जिनमें से 583 बूथ संवेदनशील हैं।
राउरकेला, जेएनएन। Lok Sabha Election 2019 चुनाव आयोग की घोषणा के अनुसार सुंदरगढ़ में लोकसभा एवं सात विधानसभा सीट के लिए एक साथ 18 अप्रैल को मतदान कराया जाएगा। जिले में चुनाव आचार संहिता लागू करने के साथ ही मतदान की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं।
राज्य में विस चुनाव के लिए 19 मार्च को विज्ञप्ति जारी होने वाली है। जिले में कुल 1846 बूथ बनाये गए हैं जिनमें से 583 बूथ संवेदनशील हैं। 19 से 26 मार्च तक नामांकन पत्र दाखिल किया जायेगा। सामान्य वर्ग के उम्मीदवार को नामांकन के लिए दस हजार तथा अनुसूचित जाति व जनजाति के उम्मीदवार को पांच हजार रुपये जमा करना होगा। लोकसभा चुनाव के लिए सामान्य वर्ग के प्रत्याशी को 25 हजार तथा अनुसूचित जाति व जनजाति के उम्मीदवार को 12,500 रुपये जमा करना है। इसके साथ ही पेन कार्ड एवं
शपथपत्र देना होगा। प्रत्येक प्रत्याशी को दो सेट में पर्चा दाखिल करना है। चुनाव क्षेत्र के 10 प्रस्तावक होंगे तथा चुनाव अधिकारी के पास पांच लोग उम्मीदवार के साथ जा सकेंगे। विधानसभा चुनाव के उम्मीदवार को अधिकतम 28 लाख एवं लोक सभा के लिए 70 लाख रुपये खर्च कर सकते हैं।
यहां किसी को नहीं मिला हैट्रिक का मौका
सुंदरगढ़ जिले के राउरकेला को सन 1967 में विधानसभा का दर्जा मिला था। तब से लेकर अब तक करीब 50 साल पुराने इस विधानसभा आज तक किसी भी राजनीतिक दल या प्रत्याशी को हैट्रिक बनाने का
मौका नहीं दिया है। वैसे दिलीप राय व शारदा नायक ने लगातार दो बार जीत दर्ज की है लेकिन इन्हें भी तीसरी बार हार का कड़वा स्वाद चखना पड़ा। हालांकि दिलीप राय अलग-अलग राजनीतिक दल से तीन बार राउरकेला विधानसभा का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। लेकिन हैट्रिक बनाने का करिश्मा वे भी नहीं कर पाए।
नहार व धीरेन समर्थकों ने शुरू किया माहौल बनाना
चुनाव की घोषणा के बाद शहर में भाजपा नेता सह पूर्व नगरपाल निहार राय व पार्टी के प्रदेश सचिव धीरेन सेनापति के समर्थकों ने माहौल बनाना शुरू कर दिया है। दोनों के इनके समर्थक दावा कर रहे हैं कि
भाजपा का टिकट उन्हें मिलने जा रहा है। दरअसल 2014 में राउरकेला विधानसभा सीट से दिलीप राय ने भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़कर जीत हासिल की थी। लेकिन इस बार उन्होंने चुनाव के तीन महीने पहले ही विधायक पद व भाजपा दोनों से अपना इस्तीफा दे दिया है। उनके इस्तीफे के बाद भाजपा से उम्मीदवार के रूप में निहार राय व धीरेन सेनापति के बीच मुकाबला है। धीरेन जहां भाजपा से लंबे समय से जुड़े रहे हैं तो निहार राय राउरकेला नगरपालिका में बतौर नगरपाल अपनी सेवा दे चुके हैं। निहार 2009 में कांग्रेस के टिकट पर राउरकेला सीट से चुनाव लड़ चुके हैं। राजनीतिक पंडितों का मानना है कि दिलीप राय का इस्तीफा अभी भाजपा में मंजूर नहीं हुआ है। वहीं बीजद में अगर दिलीप राय शामिल होते हैं तो बीजद का कोई बड़ा चेहरा भाजपा में शामिल हो सकता है। जिसके बाद पूरा सियासी माहौल ही बदल जाएगा और
टिकट वितरण उस समय की राजनीतिक जरूरत के अनुसार तय हो सकता है।
सोशल साइट में समर्थक चला रहे कैंपेन
दोनों नेताओं के समर्थक सोशल नेटवर्किंग साइट पर माहौल बनाने में जुटे हैं। कुछ उत्साही कार्यकर्ता यह दावा करने से भी पीछे नहीं हट रहे हैं कि टिकट फाइनल हो चुका है। हालांकि भाजपा की ओर से आधिकारिक रूप से किसी तरह की घोषणा अब तक नहीं हो पायी है। लेकिन दोनों के समर्थक अपनी-अपनी दावेदारी जताकर इसके पीछे अपने तर्क भी दे रहे हैं।