MP: एग्जिट पोल में बंपर सीटें मिलने के रूझान पर भाजपा नेताओं में श्रेय लेने की मची होड़
लोकसभा चुनावों को लेकर आए एग्जिट पोल से मध्य प्रदेश के भाजपा नेता उत्साहित हैं। भाजपा के नेता दावा कर रहे हैं कि हम 27 सीटें जीत रहे हैं।
भोपाल, राज्य ब्यूरो। लोकसभा चुनावों को लेकर आए एग्जिट पोल से मध्य प्रदेश के भाजपा नेता उत्साहित हैं। अब भाजपा के नेता दावा कर रहे हैं कि हम कम से कम 27 सीटें जीत रहे हैं। जीत की संभावना को देखकर श्रेय लेने की होड़ भी नेताओं में शुरू हो गई है।
प्रदेश में लोकसभा चुनाव प्रभारी स्वतंत्रदेव सिंह और सह प्रभारी सतीश उपाध्याय प्रदेश में सक्रिय थे ही, प्रदेश प्रभारी डॉ. विनय सहस्त्रबुद्धे भी लंबे समय तक प्रदेश में डेरा डाले रहे। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी प्रदेश में सबसे ज्यादा सभाएं कीं। प्रदेशाध्यक्ष राकेश सिंह भी 29 अप्रैल का अपना चुनाव निपटाने के बाद प्रदेश में सक्रिय हुए। हालांकि संगठन नेताओं का मानना है कि प्रदेश के परिणामों में मात्र मोदी लहर का योगदान रहा है। जनता ने बिना प्रत्याशी देखे सिर्फ मोदी को वोट दिया है।
सीटों तक ही सिमटे रहे दिग्गज
वैसे तो प्रदेश का सियासी माहौल भाजपा के पक्ष में ही रहा है, लेकिन विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद माहौल बदलने की शुरूआत हुई थी। लोकसभा चुनाव में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कांग्रेस की ओर से अकेले प्रचार कर कांग्रेस के पक्ष में माहौल बनाने की कोशिश की।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी ने भी मप्र में खूब मेहनत की। ज्योतिरादित्य सिंधिया हों या दिग्विजय सिंह, दोनों ही अपनी सीटों पर उलझे रहे। भाजपा नेताओं का भी यही हाल रहा। प्रदेशाध्यक्ष राकेश सिंह 29 अप्रैल तक अपनी संसदीय सीट जबलपुर से नहीं निकल पाए तो एकाध दिन छोड़कर केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी 12 मई तक मुरैना में प्रचार करते रहे।
एक दर्जन सीटों पर विरोध भी झेला
प्रदेश की एक दर्जन सीटें ऐसी थीं, जहां भाजपा प्रत्याशियों को कार्यकर्ताओं के विरोध का सामना करना पड़ रहा था। इनमें से ज्यादातर प्रत्याशी वे थे, जिन्हें क्षत्रपों का आशीर्वाद प्राप्त था। ऐसी सीटों पर माहौल को संभालने के लिए भाजपा के दिग्गज नेता और राष्ट्रीय संगठन महामंत्री रामलाल को कई बार प्रदेश के दौरे पर आना पड़ा। राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. विनय सहस्त्रबुद्धे को पार्टी की प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के लिए भोपाल में ही डेरा डालना पड़ा।
मोदी-शाह ने लगाई ताकत
पीएम नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने भी प्रदेश डेढ़ दर्जन सभाओं को संबोधित किया और रोड शो किए। मोदी ने 19 लोकसभा क्षेत्रों में नौ सभाएं ली, वहीं एक रोड शो भी किया। शाह ने नौ लोकसभा क्षेत्रों में आठ स्थानों पर आमसभा ली और भोपाल में एक रोड शो किया। इनके अलावा राष्ट्रीय स्तर के तीन और प्रदेश के 17 नेताओं ने भी रोड शो किए। शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश में 144 सभाएं कीं।
केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने नौ, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने तीन, निर्मला सीतारमण ने दो, नितिन गड़करी ने आठ, देवेंद्र फडणवीस ने एक, विजय रूपाणी ने तीन, योगी आदित्यनाथ ने दो, स्मृति ईरानी व जयाप्रदा ने पांच-पांच और उमा भारती ने 26 सभाएं लीं। नरेंद्र सिंह तोमर ने 14, प्रभात झा ने 11, विनय सहस्त्रबुद्धे ने 12, स्वतंत्रदेव सिंह ने 10 और सतीश उपाध्याय ने 60 सभा को संबोधित किया। इसके अलावा फग्गनसिंह कुलस्ते ने चार, नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने पांच, नरोत्तम मिश्रा ने 20 और प्रहलाद पटेल ने दो सभाएं लीं।
तमाम प्रयासों से भी ज्यादा रहा मोदी लहर का आवेग
भाजपा के मुख्य प्रवक्ता डॉ. दीपक विजयवर्गीय कहते हैं कि लोकसभा चुनाव में सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने पूरे मनोयोग से अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन किया है। ये बात जरूर है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता और मोदी लहर का आवेग तमाम प्रयासों से भी ज्यादा रहा है। लिहाजा किसी एक नेता या कार्यकर्ता के श्रेय का सवाल नहीं है। ये चुनाव मोदी की साख, पारदर्शिता, जनता के प्रति उनकी प्रतिबद्धता के समर्थन पर केंद्रित रहा है।
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