गुजरात: कभी स्वतंत्र पार्टी का था दबदबा, 1984 के बाद भाजपा की होती गई पकड़ मजबूत
Lok Sabha Election 2019 गुजरात में कभी स्वतंत्र पार्टी का दबदबा था उदार समाजवादी पीलू मोदी इस पार्टी के प्रमुख चेहरा थे।
अहमदाबाद, शत्रुघ्न शर्मा। गुजरात में लोकसभा का पहला चुनाव वर्ष 1962 में हुआ था जिसमें 22 सीट में से कांग्रेस ने 16 व स्वतंत्र पार्टी ने 4 जबकि 2 सीट अन्य के खाते में थी। वर्ष 1967 के चुनाव में स्वतंत्र पार्टी ने 12 सीट जीतकर कांग्रेस को 11 पर समेट दिया था, उदार समाजवादी पीलू मोदी इस पार्टी के प्रमुख चेहरा थे।
गुजरात में कांग्रेस के अलावा कभी स्वतंत्र पार्टी की तूती बोलती थी, पीलू मोदी स्वतंत्र पार्टी के प्रमुख नेता थे। वे भारत में उदारवादी एवं मुक्त आर्थिक नीतियों के समर्थक रहे। वे पारसी धर्म के मानने वाले थे। वे लोकसभा के सभासद भी रहे। उनके भाई रूसी मोदी, टाटा लोहा एवं इस्पात कम्पनी (टिस्को) के भूतपूर्व अध्यक्ष थे। आपातकाल के समय तत्कालीन प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी ने उन्हें मीसा के अन्तर्गत गिरफ्तार करवा दिया था। वे गोधरा पंचमहाल से दो बार1967 व 1971 में लोकसभा के सदस्य चुने गए।
वर्ष 1962 व 1967 में स्वतंत्र पार्टी ने गुजरात में बेहतर प्रदर्शन किया लेकिन इसके बाद उसका यहां से सूपडा साफ हो गया। वर्ष1977 के चुनाव में जनता पार्टी व भारतीय लोकदल ने16 सीट पर कब्जा जमाकर कांग्रेस को पछाड़ दिया। वर्ष 1980 में एक बार फिर कांग्रेस ने अपनी खोई जमीन हासिल की और 26 में से 25 सीट पर कब्जा जमा लिया। वर्ष 1984 में भाजपा ने एक सीट मेहसाणा से ए के पटेल के साथ अपना खाता खोला उसके बाद 1991 में भाजपा ने 20 सीट पर जीत दर्ज की। इसके बाद के चुनाव में भाजपा ने 1996 में सोलह, 1999 में बीस, 2004 में 14, 2009 में 15 व 2014 के चुनाव में 26 सीटों पर जीत दर्ज की।
मई 1960 में महाराष्ट्र से भाषा के आधार पर अलग हुए गुजरात में हाल लोकसभा की 26 व राज्यसभा की 11 सीट हैं। गत लोकसभा चुनाव में भाजपा ने सभी 26 सीट पर कब्जा जमा लिया था जबकि राज्यसभा की 7 सीट पर भाजपा काबिज है। इनमें से दो सदस्य भाजपा अध्यक्ष अमित शाह गांधीनगर से व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी अमेठी से लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं। दोनों का कार्यकाल अगस्त 2023 तक का है इसलिए इनमें से किसी के भी राज्य सभा से इस्तीफा देने पर गुजरात में राज्यसभा का चुनाव कराना पड़ सकता है।