जम्मू- कश्मीर से क्यों नहीं हटा अनुच्छेद 370, केंद्रीय मंत्री गडकरी ने बताया कारण
नितिन गडकरी ने कहा कि रोजगार पैदा करने के लिए कश्मीर में ज्यादा उद्योग और निवेश की जरूरत है लेकिन अनुच्छेद 370 जमीन लेने के रास्ते में बाधा है।
नई दिल्ली, आइएएनएस। मोदी सरकार जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को संवेदनशील हालात की वजह से नहीं खत्म कर पाई। यह कहना है केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का। हालांकि, भाजपा के वरिष्ठ नेता गडकरी ने यह भी कहा कि संविधान के इस विशेष प्रावधान को खत्म करने को लेकर पार्टी प्रतिबद्ध है।
वरिष्ठ पत्रकार करन थापर को दिए साक्षात्कार में गडकरी ने कहा कि रोजगार पैदा करने के लिए कश्मीर में ज्यादा उद्योग और निवेश की जरूरत है, लेकिन अनुच्छेद 370 जमीन लेने के रास्ते में बाधा है। यह पूछे जाने पर कि क्या अनुच्छेद 370 को खत्म करने से कश्मीर का शेष भारत से संपर्क खत्म हो सकता है, केंद्रीय मंत्री ने कहा पार्टी इसे खत्म करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है, लेकिन जम्मू-कश्मीर में हालात को देखते हुए लोकसभा में पूर्ण बहुमत होने के बावजूद ऐसा नहीं कर सकी। लेकिन उन्होंने कहा कि भाजपा लंबे समय से अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के लिए प्रतिबद्ध है और इस पर अडिग है।
अनुच्छेद 370 पर एक और सवाल के जवाब में और अनुच्छेद 35 ए को रद करने पर, जो राज्य के 'स्थायी निवासियों' को विशेष विशेषाधिकार और अधिकार प्रदान करता है, गडकरी ने कहा, 'हमें और अधिक होटल, रेस्तरां, रिसॉर्ट्स की आवश्यकता है। हमें पर्यटन बढ़ाने की जरूरत है। लेकिन धारा 370 की वजह से कोई भी वहां जमीन नहीं खरीद सकता। आइटी कंपनियां अपनी कंपनियों को वहां स्थापित नहीं कर सकती हैं। और यही कारण है कि लोगों को रोजगार नहीं मिल रहा है।'
जब बताया गया कि राज्य सरकार से 100 साल के लिए लीज पर जमीन ली जा सकती है, तो उन्होंने कहा कि ताज या ओबेरॉय जैसी बड़ी होटल कंपनियां होटल शुरू करने की स्थिति में नहीं थीं। कश्मीर में 'वे अब विस्तार नहीं करना चाहते हैं। मैंने उनके साथ विचार-विमर्श किया है। क्योंकि इस कानून के कारण बहुत सारी कानूनी समस्याएं हैं, वे वहां निर्माण नहीं कर सकते, विस्तार नहीं कर सकते। यही समस्या है।'
यह पूछे जाने पर कि क्या मोदी सरकार के तहत कश्मीर के हालात तेजी से बिगड़े हैं, सड़क और राजमार्ग, शिपिंग और जल संसाधन मंत्री गडकरी ने कहा,'यह कश्मीर के लोगों की वजह से नहीं है। यह पाकिस्तान के कारण है।' हमारे साथ तीन युद्धों के बाद, पाकिस्तान ने महसूस किया है कि वो भारत के खिलाफ इस तरह नहीं जीत सकता। इसलिए उसने आतंकवादियों और आतंकवादी संगठनों का समर्थन करके छद्म युद्ध का सहारा लिया है, और समस्याएं पैदा कर रहा है। कश्मीर में कुछ घटनाएं इसलिए हो रही हैं क्योंकि पाकिस्तानी मूल के लोग कश्मीर आ रहे हैं और समस्या पैदा कर रहे हैं।
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