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Lok Sabha Election 2024: क्या तीसरी बार क्लीन स्वीप कर पाएगी भाजपा, हिमाचल की सभी सीटों पर इस बार क्यों रोचक है मुकाबला?

Lok Sabha Election 2024 हिमाचल प्रदेश की चारों लोकसभा सीटों पर चुनावी रण सज चुका है। सातवें चरण में इन सीटों पर मतदान होगा। कुल 37 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। मंडी लोकसभा सीट पर मुकाबला दिलचस्प है। यहां बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत के सामने कांग्रेस ने प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह को उतारा है। पढ़ें हर सीट का हाल...

By Jagran News Edited By: Ajay Kumar Published: Thu, 23 May 2024 11:39 AM (IST)Updated: Thu, 23 May 2024 12:24 PM (IST)
लोकसभा चुनाव 2024: हिमाचल प्रदेश की चारों लोकसभा सीटों पर कांटे की टक्कर।

नीरज आजाद, जागरण, धर्मशाला। मात्र चार संसदीय सीटों वाला राज्य हिमाचल प्रदेश। राजनीति का भी सिरमौर। केंद्र की सत्ता में आसीन भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर का गृह राज्य। संसदीय चुनाव के लिए 37 प्रत्याशी चुनाव मैदान में। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर पांचवीं बार हमीरपुर से चुनाव लड़ रहे हैं। चुनौती दे रहे हैं कांग्रेस प्रत्याशी एवं ऊना के पूर्व विधायक सतपाल रायजादा।

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मंडी से बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत के सामने हैं लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह। विक्रमादित्य, छह बार मुख्यमंत्री रहे वीरभद्र सिंह व सांसद प्रतिभा सिंह के बेटे हैं। कांगड़ा में भाजपा के ब्राह्मण चेहरे राजीव भारद्वाज के सामने पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा हैं।

शिमला से भाजपा सांसद सुरेश कश्यप को चुनौती दे रहे हैं छह बार क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके केडी सुल्तानपुरी के छोटे बेटे व विधायक विनोद सुल्तानपुरी। पिछले संसदीय चुनाव में चारों सीटें भाजपा ने जीती थीं। इन चारों सीटों पर देशभर की नजर है।

कांगड़ा और शिमला में जनसभा कर चुके नड्डा

भाजपा ने समय से प्रत्याशियों की घोषणा कर चुनाव प्रचार के दो चरण पूरे कर लिए हैं। पन्ना सम्मेलन के अलावा मोर्चों के सम्मेलन भी पार्टी सभी विधानसभा क्षेत्रों में कर चुकी है। राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा कांगड़ा व शिमला संसदीय सीट में सभा को संबोधित कर चुके हैं।

प्रत्याशी उतारने में कांग्रेस ने की देरी

कांग्रेस ने काफी देर करते हुए कांगड़ा और हमीरपुर में 30 अप्रैल को प्रत्याशी उतारे। कांग्रेस प्रत्याशियों के समर्थन में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू प्रचार कर रहे हैं। प्रदेश में विधानसभा की छह सीटों पर उपचुनाव के लिए भी सुक्खू ने सक्रियता बढ़ाई है। उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ऊना जिले में अधिक सक्रिय हैं। प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह बेटे विक्रमादित्य सिंह के प्रचार में ही जुटी हैं।

हमीरपुर लोकसभा: धूमल परिवार का गढ़

हमीरपुर भाजपा का गढ़ रहा है। भाजपा प्रत्याशी अनुराग ठाकुर के पिता प्रेम कुमार धूमल यहां का तीन बार प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। अधिकतर समय यह सीट भाजपा के पास ही रही है। इस बार स्थिति यह है कि मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री इसी संसदीय क्षेत्र से हैं।

कांग्रेस प्रत्याशी सतपाल रायजादा के लिए दोनों ने मोर्चा संभाला है। अनुराग के लिए प्रेम कुमार धूमल ने काफी पहले से मोर्चा संभाल रखा है। अनुराग सभाएं कर ऊना से कई नई रेलागाड़ियां शुरू करने की बात को प्रमुखता से उठा रहे हैं।

मंडी लोकसभा: दोनों प्रत्याशियों में जुबानी जंग

मंडी संसदीय क्षेत्र में मुख्य मुकाबला कंगना रनौत व विक्रमादित्य सिंह के बीच है। इस क्षेत्र में वीरभद्र परिवार का दबदबा रहा है। विक्रमादित्य और कंगना के बीच जुबानी जंग जारी है। यहां पर पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कंगना के प्रचार की कमान संभाल रखी है।

जयराम के विधानसभा क्षेत्र सराज में भाजपा को भारी लीड मिलती रही है, जबकि वीरभद्र परिवार को रामपुर विधानसभा क्षेत्र से समर्थन मिलता रहा है। विक्रमादित्य ने कुल्लू जिले पर अधिक फोकस कर रखा है। भाजपा को मंडी जिले से आस है। विधानसभा चुनाव में जिले की 10 में से नौ सीटों पर भाजपा प्रत्याशी जीते हैं।

कांगड़ा लोकसभा: गिना रहे अपने-अपने काम

कांगड़ा संसदीय क्षेत्र में भाजपा के बाद कांग्रेस ने ब्राह्मण चेहरे आनंद शर्मा को उतारा है। 17 विधानसभा क्षेत्रों वाले इस क्षेत्र में भाजपा के राजीव भारद्वाज प्रचार के दो चरण पूरे कर चुके हैं, जबकि आनंद शर्मा अभी एक दौरा ही पूरा कर पाए हैं। भाजपा में सांसद किशन कपूर का टिकट कटने से गद्दी समुदाय में नाराजगी है।

भाजपा नरेन्द्र मोदी के 10 वर्ष में किए गए कार्यों को लेकर जनता के बीच है, जबकि आनंद शर्मा केंद्र सरकार की नाकामियां गिना रहे हैं। वह अग्निपथ योजना को भी सत्ता में आने पर निरस्त करने की बात कर रहे हैं। वह केंद्रीय मंत्री रहते हुए हिमाचल प्रदेश, विशेषरूप से कांगड़ा के लिए दिए गए केंद्रीय संस्थानों की याद दिलाते हैं।

शिमला: दोनों को अपने जिलों से आस

शिमला संसदीय सीट 15 साल से भाजपा के कब्जे में है। यहां दूसरी बार मैदान में उतरे भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष व सांसद सुरेश कश्यप के सामने कांग्रेस विधायक विनोद सुल्तानपुरी हैं। प्रदेश की एकमात्र आरक्षित संसदीय सीट पर एक प्रत्याशी सोलन जिले से, जबकि दूसरा सिरमौर से है। बीच में है शिमला जिला, यही दोनों की किस्मत तय करेगा।

कसौली के विधायक विनोद पिता केडी सुल्तानपुरी के कार्यों के साथ प्रदेश सरकार के 14 माह के कार्यकाल में कराए कार्यों को गिना रहे हैं। संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस के मंत्रियों भी प्रतिष्ठा भी जुड़ी है। कांग्रेस सरकार ने मंत्री व मंत्रीस्तरीय सर्वाधिक नियुक्तियां इसी क्षेत्र से की हैं। हाटी समुदाय को जनजातीय दर्जा मिलने का लाभ भाजपा प्रत्याशी को मिल सकता है।

भाजपा चारों सीटें जीत रही है। मतदाता प्रधानमंत्री मोदी की नीतियों व कल्याणकारी योजनाओं के कारण फिर मोदी को प्रधानमंत्री बनाएंगे। - डॉ. राजीव बिंदल, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष।

लोकसभा चुनाव में कांग्रेस चारों सीटों पर भारी बहुमत से जीत हासिल करेगी। कांग्रेस की जनसभाओं में उमड़ रही भीड़ इस बात का प्रतीक है। जनता अब किसी बहकावे में आने वाली नहीं है। नरेश चौहान, प्रदेश उपाध्यक्ष, कांग्रेस।

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