देश में पहली बार इस एक मतदान केंद्र पर कराना पड़ा था तीन बार पुर्नमतदान, ये थीं वजह
Election 2019 करीब 23 साल पूर्व देश में पहली बार साल1996 के लोकसभा चुनाव में दौसा संसदीय क्षेत्र के जौण मतदान केन्द्र पर ट्रिपल पोल कराना पड़ा था।
जयपुर, नरेन्द्र शर्मा। देश में छत्तीसगढ़ का नक्सली एरिया हो या फिर जम्मू-कश्मीर की घाटी हो हर जगह चुनाव होते है और फिर रिपोल (पुर्नमतदान)। लेकिन रिपोल के बाद भी तीसरी बार मतदान कराना पड़े तो यह सुनकर आश्चर्य जरूर होगा। दरअसल, करीब 23 साल पूर्व देश में पहली बार साल,1996 के लोकसभा चुनाव में दौसा संसदीय क्षेत्र के जौण मतदान केन्द्र पर ट्रिपल पोल कराना पड़ा था। आज भी जब लोकसभा चुनाव आते है तो जौण गांव के ग्रामीणों में वो कभी ना भुलाने वाली तस्वीरों की याद ताजा हो जाती है। वहीं प्रशासन और निर्वाचन विभाग भी सतर्क हो जाता है। इस मतदान केंंद्र को अति संवेदनशील मतदान केंंद में शामिल किया गया है ।
स्व.राजेश पायलट और किरोड़ी लाल मीणा के बीच था मुकाबला
साल,1996 के लोकसभा चुनाव में दौसा संसदीय क्षेत्र से दो कद्दावर नेता कांग्रेस से राजेश पायलट और भाजपा से किरोड़ी लाल मीणा आमने-सामने थे। जौण मतदान के दौरान बूथ को कैप्चर करने का प्रयास किया गया,बैलेट पेपर फाड़ दिए,मतदानकर्मियों से मारपीट हुई। ऐसे में रिपोल कराना पड़ा, रिपोल में सुरक्षा के इंतजाम भी किए, लेकिन राजनीति की दिग्गजो का यह चुनाव रिपोल में भी अखाड़ा बन गया और लोगों ने मतदान केंद्र की खिड़कियां तोड़ दी, मतपेटी में पानी भर दिया, बैलेट लूट लिए, फिर क्या था पूरे देश की ऐसी पहली घटना हो गई जिसमें तीसरी बार मतदान कराने की तारीख तय हुई।
इस तारीख को सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए गए, उस जमाने मे पैरामिलिट्री फोर्स तैनात की गई, चप्पे चप्पे पर सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए। जौण मतदान केंंद से करीब 10 किलोमीटर दूर से आने वाले मुख्य मार्गोँ को पूरी तरह से सील कर दिया गया था। तब जाकर शांतिर्पूवक मतदान हुआ।
आश्चर्य की बात यह भी है कि 1996 के बाद ठीक 13 साल बाद 2009 में देश मे एक बार फिर ट्रिपल पोलिंग की घटना हुई। यह घटना भी दौसा में हुई लेकिन वह मतदान केंद्र था गोठड़ा। इस बार ग्रामीण महिलाओं को जरूरी कार्य जैसे कुंए या हैंडपम्प से पानी लेकर आना आदि मतदान से पहले से करने के लिए पाबंद किया गया। मतदान के दौरान सिर्फ मतदाता को घर से बाहर निकलने की अनुमति दी गई। चुनाव तो तीसरी बार मतदान कराने के बाद सम्पन्न हो सका, लेकिन तत्कालीन जिला कलेक्टर पी.के.गोयल और पुलिस अधीक्षक एम.एल लाठर को हटाकर नए अधिकारियों को लगाना पड़ा था।