Move to Jagran APP

बिहार की इन 4 सीटों पर एनडीए VS आरजेडी की जंग, यहां 19 अप्रैल को होगा मतदान; किसके वादों पर भरोसा करेगी जनता?

लोकसभा चुनाव के पहले चरण के तहत 19 अप्रैल को बिहार की चार (जमुई गया औरंगाबाद व नवादा) पर मतदान होगा। इन चारों सीटों पर जहां राजग का मुकाबला महागठबंधन से होना है। इनमें सभी पर महागठबंधन के घटक दल राजद के प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। वहीं राजग के घटक दलों में भाजपा के दो हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्यूलर) व लोजपा (रामविलास) के एक-एक प्रत्याशी मैदान में हैं।

By Jagran News Edited By: Deepti Mishra Published: Mon, 15 Apr 2024 01:08 PM (IST)Updated: Mon, 15 Apr 2024 01:08 PM (IST)
बिहार की इन चार सीटों पर 19 अप्रैल को होगा मतदान।

 जागरण टीम, पटना। बिहार में पहले चरण में चार लोकसभा सीटों पर मतदान होना है। इनमें सभी पर महागठबंधन के घटक दल राजद के प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। राजग के घटक दलों में भाजपा के दो, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्यूलर) व लोजपा (रामविलास) के एक-एक प्रत्याशी मैदान में हैं।

loksabha election banner

जमुई लोकसभा क्षेत्र में राजग के अरुण भारती लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) और महागठबंधन की राजद प्रत्याशी अर्चना रविदास आमने-सामने हैं। अरुण भारती पार्टी सुप्रीमो चिराग पासवान के बहनोई हैं। जमुई क्षेत्र अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। चिराग पासवान 2014 से यहां से सांसद रहे हैं। यहां की राजनीति नरेन्द्र मोदी, नीतीश कुमार और लालू यादव के इर्द-गिर्द सिमटी हुई है।

अधिकतर मतदाता मोदी पैकेज से खुश हैं, जिसमें मुफ्त अनाज, आवास, शौचालय और किसान सम्मान की राशि मिल रही। अग्निपथ को लेकर असंतोष है। गया लोकसभा क्षेत्र में हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्यूलर) के प्रत्याशी जीतन राम मांझी बिहार के मुख्यमंत्री रहे हैं। उनका मुकाबला राजद के कुमार सर्वजीत से है।

गया: आरक्षित है सीट

गया संसदीय क्षेत्र अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। अनुसूचित जाति के 33 प्रतिशत वोट हैं, जो दोनों प्रत्याशियों के बीच जाने का अनुमान है। पिछले चुनाव में जदयू के विजय कुमार मांझी यहां से जीते थे। मुफ्त अनाज, आयुष्मान कार्ड जैसे मुद्दे थोड़े प्रभावी दिख रहे।

औरंगाबाद लोस क्षेत्र में भाजपा के टिकट पर सुशील कुमार सिंह तीसरी बार मैदान में हैं। इनका मुकाबला राजद के अभय कुमार सिन्हा से है। जदयू से पूर्व विधायक रहे अभय कुमार लोकसभा चुनाव की घोषणा के बाद राजद में शामिल हो गए। यहां जातीय गोलबंदी ही महत्वपूर्ण है। बड़ा फैक्टर नरेन्द्र मोदी हैं। वहीं, राजद की ओर से पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के कार्यकाल को रोजगार के रूप में भुनाने के प्रयास का भी प्रभाव आधार वोटों में दिख रहा है।

नवादा लोस क्षेत्र की चुनावी जंग में तीसरा कोण भी बना रही। यहां भाजपा से विवेक ठाकुर मैदान में हैं। वह वर्तमान में राज्यसभा सदस्य हैं। राजद से श्रवण कुमार चुनाव मैदान में है। राजद के पूर्व प्रदेश महासचिव बिनोद यादव पार्टी से टिकट नहीं मिलने पर निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर मैदान में हैं। इन्हें नवादा और रजौली से राजद विधायक का साथ मिलने से मुकाबला रोचक हो गया है।

साल 2009 परिसीमन के बाद अब तक हुए तीन आम चुनाव में भूमिहार जाति के ही सांसद जीते। क्षेत्र में भूमिहारों की संख्या सबसे अधिक है, दूसरे स्थान पर यादव हैं। भाजपा मोदी फैक्टर को गांव-गांव तक पहुंचाने की रणनीति पर है तो राजद रोजगार के मुद्दे उछाल रहा। पिछले चुनाव में नवादा से लोजपा के चंदन सिंह जीते थे। इस बार बेटिकट हो गए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.