फिरोजपुर लोकसभा क्षेत्रः कभी बलराम जाखड़ के नाम से जानी जाती रही थी यह सीट
फिरोजपुर संसदीय क्षेत्र की पहचान पूर्व लोकसभा अध्यक्ष स्व. बलराम जाखड़ से भी रही है। वे 1980 में यहां से जीते। उनके बेटे सुनील जाखड़ को यहां से दो बार हार मिली।
जेएनएन, फिरोजपुर। फिरोजपुर शहीदों की धरती के नाम से जाना जाता है। यहां कई लड़ाइयां लड़ी गईं। सीमा पर बसा होने के कारण यह भारत-पाक के बीच हुए युद्धों का गवाह बना। हुसैनीवाला बॉर्डर पर अमर शहीद भगत सिंह, राजगुरु व सुखदेव की समाधि स्थित है। यहीं पर जीरो लाइन के पास रिट्रीट सेरेमनी होती है।
फिरोजपुर संसदीय क्षेत्र की पहचान पूर्व लोकसभा अध्यक्ष स्व. बलराम जाखड़ से भी रही है। वे 1980 में यहां से जीते। उनके बेटे सुनील जाखड़ को यहां से दो बार हार मिली। इस समय वे गुरदासपुर सीट से सांसद हैं। 1985 से इस सीट पर शिअद का कब्जा है। इस क्षेत्र के लोग मुख्य तौर पर कृषि व्यवसाय से जुड़े हैं।
विधानसभा हलकों में किसका दबदबा
- फिरोजपुर शहरी- कांग्रेस
- फिरोजपुर देहाती- कांग्रेस
- गुरुहरसहाय- कांग्रेस
- फाजिल्का- कांग्रेस
- जलालाबाद- शिअद
- अबोहर-भाजपा
- बल्लुआना- कांग्रेस
- मलोट- कांग्रेस
- मुक्तसर- शिअद
डेमोग्राफी
- कुल वोटर: 1342488
- पुरुष: 700553
- महिला: 641935
पांच साल में बड़ी घटना
2015 में नौ श्रद्धालुओं व 2017 में 14 अध्यापकों की सड़क हादसे में मौत।
विकास का हाल
सरहदी इलाका होने के कारण देश के अन्य लोकसभा हलकों की अपेक्षा यहां विकास कम हुआ है। फिरोजपुर जिला देश के 115 पिछड़े जिलों में शुमार है। उद्योग-धंधा न होने से बेरोजगारी काफी है। इस वजह से युवा आपराधिक गतिविधियों खासकर नशा तस्करी के जाल में फंस रहे हैं।
स्थानीय मुद्दे
- रोजगार की कमी
- शुद्ध पेयजल नहीं
- दयनीय सेहत सेवाएं
- शिक्षा का गिरता स्तर
- घाटे में जाती किसानी