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Lok Sabha Election 2019: आचार संहिता की मार, 31 तक ही धान बेच सकेंगे किसान

Lok Sabha Election 2019. लोकसभा चुनावों के लिए आदर्श आचार संहिता लागू होने के कारण किसानों से धान खरीद की समय सीमा नहीं बढ़ेगी। किसानों के बीच अब तक 266.17 करोड़ बंटे हैं।

By Alok ShahiEdited By: Published: Fri, 22 Mar 2019 01:21 PM (IST)Updated: Fri, 22 Mar 2019 01:21 PM (IST)
Lok Sabha Election 2019: आचार संहिता की मार, 31 तक ही धान बेच सकेंगे किसान
Lok Sabha Election 2019: आचार संहिता की मार, 31 तक ही धान बेच सकेंगे किसान

रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड के किसान 31 मार्च तक ही धान क्रय केंद्रों पर धान बेच सकेंगे। आचार संहिता प्रभावी होने की वजह से पिछले साल की तरह इसबार खरीद की समय सीमा नहीं बढ़ेगी। खाद्य, सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामले विभाग के मंत्री सरयू राय ने इसे सुनिश्चित करने का निर्देश विभागीय अफसरों को दिया है। उन्होंने धान के एवज में किसानों को हर हाल में एक सप्ताह के अंदर बोनस सहित न्यूनतम समर्थन मूल्य का भुगतान करने को कहा है। वे मंगलवार को विभागीय अफसरों के साथ बैठक कर रहे थे।

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मंत्री ने कहा है कि चुनाव अवधि के दौरान राज्य में पीडीएस दुकानों से वितरित होने वाले चावल, गेहूं, नमक, चीनी आदि का वितरण बदली हुई परिवहन व्यवस्था की वजह से बाधित न हो, इस पर फोकस करने का निर्देश दिया गया है। चुनाव के लिए ट्रकों की धरपकड़ से राशन वाहनों को मुक्त रखने की कोशिश की जा रही है। जहां तक राशन की उपलब्धता की बात है, जून 2019 तक के लिए नमक, चीनी आदि की खरीद आचार संहिता प्रभावी होने से पहले ही कर ली गई है। चावल, गेहूं के साथ ही इसका वितरण सुनिश्चित करना है।

मंत्री ने किसानों से अबतक हुई धान की खरीद को संतोषजनक बताया है। कहा है कि गत वर्ष 31 मार्च तक 16 लाख 33 हजार 416 क्ंिवटल धान की खरीद हुई थी। इसके सापेक्ष इस वर्ष अबतक 16 लाख 33 हजार 218 क्ंिवटल धान की खरीद हो चुकी है। इसमें 86 फीसद किसानों को 1900 रुपये प्रति क्ंिवटल की दर से 266 करोड़ 17 लाख रुपये का भुगतान हो चुका है।

उन्होंने कहा है कि धान बेचनेवाले सभी किसानों का भुगतान समय पर हो जाय, इसके लिए विभाग द्वारा 30 करोड़ रुपये अविलंब ट्रेजरी से निकालने का आदेश वित्त विभाग को दिया गया है। होली के बाद मार्च के अंतिम सप्ताह में धान खरीद में तेजी  आने की संभावना को देखते हुए खरीद में शामिल सरकारी तंत्र को अधिक सक्रिय बनाने का निर्देश विभागीय सचिव और निदेशक को दिया गया है।


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