मांझी ने गिरिराज और प्रज्ञा ठाकुर को बताया भाषाई आतंकी, बिहार में सियासत तेज
हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के अध्यक्ष और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने भाजपा के फायर ब्रांड नेता गिरिराज सिंह और साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को भाषाई आतंकी बताया है।
By Rajesh ThakurEdited By: Published: Fri, 03 May 2019 07:57 PM (IST)Updated: Fri, 03 May 2019 11:33 PM (IST)
पटना, जेएनएन। हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के अध्यक्ष और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने भाजपा के फायर ब्रांड नेता गिरिराज सिंह और साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को भाषाई आतंकी बताया है।
मांझी ने पटना हवाई अड्डा पर मीडिया से कहा कि गिरिराज सिंह और साध्वी प्रज्ञा की भाषा एक आतंकवादी की भाषा है। ये भाषाई आतंकवादी है, जो समाज में नफरत का जहर घोल रहे हैं। कभी हरे रंग के बहाने तो कभी बुर्का के बहाने एक धर्म विशेष के लोगों को टारगेट करते हैं। वे कुछ बोलने को मुंह खोलते हैं तो शांतिप्रिय लोग आतंकित हो जाते हैं।
मांझी ने प्रज्ञा ठाकुर को लेकर भी कई सवाल उठाए और कहा कि प्रज्ञा शहीद हेमंत करकरे को गाली बक रही हैं तो क्या भाजपा भी मानती है कि हेमंत करकरे आतंकवादियों के एजेंट थे। देश के लोग भाजपा से इस मसले पर उसका पक्ष जानना चाहते हैं। मांझी ने कहा भाजपा को यदि राष्ट्रीय एकता की चिंता है, तो उसे अपने इन दो नेताओं के भाषाई आतंकवाद पर काबू करना चाहिए। इससे पहले गुरुवार को मांझी ने मसूद अजहर को अजहर 'साहब' बताया था। उनके इस बयान की काफी निंदा हुई थी।
उधर भाजपा के साथ ही मांझी की सहयोगी कांग्रेस ने भी उन्हें इस प्रकार के बयान से बचने की सलाह दी है। भाजपा के वरिष्ठ नेता और पथ निर्माण मंत्री नंद किशोर यादव ने कहा कि जब से मसूद अजहर पर प्रतिबंध लगाया गया है, विरोधियों की बेचैनी बढ़ गई है। कभी वे आतंकवादियों के समर्थन में कसीदे पढ़ रहे हैं तो कभी उनके साथ खड़े हो जा रहे हैं। उन्होंने मांझी को सलाह दी है कि वे अपना भाषा ज्ञान दुरुस्त करें, इसके बाद ही कुछ बोलें।
इधर कांग्रेस प्रवक्ता हरखू झा ने कहा कि जीतनराम मांझी उस प्रवृति के नेता नहीं हैं। बोलचाल में उनके मुंह से संभवत: यह बात निकल गई होगी, लेकिन उन्हें ऐसा बोलना नहीं चाहिए। वर्तमान में जो राजनीतिक माहौल है उसमें उनकी बोली से महागठबंधन को नुकसान हो सकता है। हरखू झा के साथ ही राजद प्रवक्ता चितरंजन गगन ने कहा कि मांझी ने व्यंग्य में मसूद को साहब कहा होगा। जो लोग प्रज्ञा ठाकुर को महिमा मंडित कर रहे हैं, पहले उन्हें उसका जवाब देना चाहिए, इसके बाद ही कोई सवाल उठाए जाने चाहिए।
मांझी ने पटना हवाई अड्डा पर मीडिया से कहा कि गिरिराज सिंह और साध्वी प्रज्ञा की भाषा एक आतंकवादी की भाषा है। ये भाषाई आतंकवादी है, जो समाज में नफरत का जहर घोल रहे हैं। कभी हरे रंग के बहाने तो कभी बुर्का के बहाने एक धर्म विशेष के लोगों को टारगेट करते हैं। वे कुछ बोलने को मुंह खोलते हैं तो शांतिप्रिय लोग आतंकित हो जाते हैं।
मांझी ने प्रज्ञा ठाकुर को लेकर भी कई सवाल उठाए और कहा कि प्रज्ञा शहीद हेमंत करकरे को गाली बक रही हैं तो क्या भाजपा भी मानती है कि हेमंत करकरे आतंकवादियों के एजेंट थे। देश के लोग भाजपा से इस मसले पर उसका पक्ष जानना चाहते हैं। मांझी ने कहा भाजपा को यदि राष्ट्रीय एकता की चिंता है, तो उसे अपने इन दो नेताओं के भाषाई आतंकवाद पर काबू करना चाहिए। इससे पहले गुरुवार को मांझी ने मसूद अजहर को अजहर 'साहब' बताया था। उनके इस बयान की काफी निंदा हुई थी।
उधर भाजपा के साथ ही मांझी की सहयोगी कांग्रेस ने भी उन्हें इस प्रकार के बयान से बचने की सलाह दी है। भाजपा के वरिष्ठ नेता और पथ निर्माण मंत्री नंद किशोर यादव ने कहा कि जब से मसूद अजहर पर प्रतिबंध लगाया गया है, विरोधियों की बेचैनी बढ़ गई है। कभी वे आतंकवादियों के समर्थन में कसीदे पढ़ रहे हैं तो कभी उनके साथ खड़े हो जा रहे हैं। उन्होंने मांझी को सलाह दी है कि वे अपना भाषा ज्ञान दुरुस्त करें, इसके बाद ही कुछ बोलें।
इधर कांग्रेस प्रवक्ता हरखू झा ने कहा कि जीतनराम मांझी उस प्रवृति के नेता नहीं हैं। बोलचाल में उनके मुंह से संभवत: यह बात निकल गई होगी, लेकिन उन्हें ऐसा बोलना नहीं चाहिए। वर्तमान में जो राजनीतिक माहौल है उसमें उनकी बोली से महागठबंधन को नुकसान हो सकता है। हरखू झा के साथ ही राजद प्रवक्ता चितरंजन गगन ने कहा कि मांझी ने व्यंग्य में मसूद को साहब कहा होगा। जो लोग प्रज्ञा ठाकुर को महिमा मंडित कर रहे हैं, पहले उन्हें उसका जवाब देना चाहिए, इसके बाद ही कोई सवाल उठाए जाने चाहिए।
लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप
Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें