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LokSabha Election 2019: सरकारें आई-गई, किसी ने नहीं ली कानगोई औद्योगिक क्षेत्र की सुध

संयुक्त बिहार सरकार में बदहाली का शिकार हो चुके इस औद्योगिक क्षेत्र का सुध अलग झारखंड बन जाने के बाद भी नहीं ली गई।

By Edited By: Published: Sat, 23 Mar 2019 03:59 PM (IST)Updated: Sat, 23 Mar 2019 04:05 PM (IST)
LokSabha Election 2019: सरकारें आई-गई, किसी ने नहीं ली कानगोई औद्योगिक क्षेत्र की सुध
LokSabha Election 2019: सरकारें आई-गई, किसी ने नहीं ली कानगोई औद्योगिक क्षेत्र की सुध
मिहिजाम, जेएनएन।मिहिजाम नगर पर्षद क्षेत्र के रेलपार स्थित कानगोई में स्थापित औद्योगिक क्षेत्र बदहाली के दौर से गुजर रहा है। आज यहां वीरानगी पसरी हुई है। लगभग सभी फैक्ट्रियों पर ताला लग चुका है। संयुक्त बिहार सरकार में बदहाली का शिकार हो चुके इस औद्योगिक क्षेत्र का सुध अलग झारखंड बन जाने के बाद भी नहीं ली गई। जनप्रतिनिधियों की भी खास दिलचस्पी इस क्षेत्र को विकास करने में नहीं दिखती। एक समय था इस औद्योगिक क्षेत्र में आधे दर्जन से अधिक फैक्ट्रियां चलती थी। क्षेत्र के सैंकड़ों परिवार इसपर आश्रित थे। अब तो यहां मशीनों का शोर सुनाई देता है और न ही लोगों की आवाज। सरकार अगर इस क्षेत्र का विकास करने के प्रति प्रतिबद्ध रहती तो यहां सैंकड़ों लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया जा सकता था।

1974 में मिला था औद्योगिक क्षेत्र का दर्जा : बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. जगन्नाथ मिश्रा ने 1974 में औपचारिक रूप से इस क्षेत्र को औद्योगिक क्षेत्र का दर्जा दिया था। इस औद्योगिक क्षेत्र में प्रथम चितरंजन मोटर फैक्ट्री स्थापित की गई। मोटर फैक्ट्री के संस्थापक मंडल जी उन दिनों पंजाब में इलेक्ट्रिकल इंजीनियर के पद पर कार्यरत थे। नौकरी छोड़ कर मिहिजाम में इलेक्ट्रिक मोटर पंप का कारखाना खोला। वर्ष 1990 तक कारखाना किसी तरह चला, फिर बिहार सरकार की आर्थिक नीति व भ्रष्टाचार का शिकार हो गया। स्थिति ऐसी हुई की फैक्ट्री में ताला लग गया। मंडल जी भी बर्बाद हो गए। ट्यूशन पढ़ाकर उन्हें अपना गुजारा करना पड़ा। यहां बिहार सिलिकेट, संजीव इंजीनियरिंग, सुशील ग्लास, ओम इंडस्ट्रीज, दांता फैक्ट्री, मिहिजाम मिनरल ग्राइंडिग, जेके इंडस्ट्रीज, गीता अमोनियम पेपर, सेनेटरी पाइप, ग्लास फैक्ट्री, कांटी फैक्ट्री, बिस्कुट फैक्ट्री, फेब्रिकेशन मोटर पंप, चंद्रदेव हवाई चप्पल, सिसौदिया इंडस्ट्रीज, कार्टन बनाने की फैक्ट्री एवं जन्द्रा इंटरप्राइजेज जैसे कई फैक्ट्रियां स्थापित थी। सरकार की लालफीताशाही की वजह से सभी उद्योग धीर-धीरे बंद हो गए। इसे पुनर्जीवित करने के लिए स्थानीय फैक्ट्री संचालकों ने बर्ष 2005 में जामताड़ा जिला के पहले उपायुक्त नितिन मदन कुलकर्णी से अनुशंसा करा कर झारखंड सरकार के समक्ष रखा। इसके अलावा तत्कालीन उद्योग मंत्री व मुख्य सचिव से भी इसे चालू कराने को गुहार लगाई। परंतु इस पर कहीं कोई पहल नहीं हुई। हालांकि अब तीन-चार फैक्ट्री का यहां किसी तरह संचालन किया जा रहा है। बाकी जर्जर फैक्ट्री अराजक तत्वों का अड्डा बन चुका है। 

क्या कहते हैं व्यवसायी
फेलेस्फार व क्वा‌र्ट्ज पत्थर से पावडर बनाने वाले कारखाना के मालिक कृष्णा साव ने बताया कि औद्योगिक क्षेत्र स्थापित होने से लगभग 20 फैक्ट्री के लिए बिहार सरकार ने जमीन उपलब्ध कराई। बिहार स्टेट फाइनेंशियल कॉरपोरेशन (बीएसएफसी) ने प्रत्येक फैक्ट्री को ऋण दिया। फैक्ट्री के लिए आवंटित की गई जमीन सरकार की थी। फैक्ट्री के नाम पर जमीन नहीं रहने के कारण दूसरे बैंकों से उन्हें लोन नहीं मिला। आर्थिक तंगी के कारण अधिकांश फैक्ट्री बंद हो गई। बाद में फैक्ट्री के केयरटेकर, चौकीदार को मासिक भत्ता भी बंद हो गया। ऐसे में केयरटेकर ने फैक्ट्री के सामानों को बेचना शुरू कर दिया। बताया कि चार-पांच व्यवसायी स्थानीय थे बाकी सभी फैक्ट्री संचालक बिहार व अन्य इलाके के थे जिससे उनके लिए फैक्ट्री पर नजर रखना मुश्किल हो गया। कृष्णा साव बताते हैं कि मिहिजाम से हाजी रिजाउल रहमान, बापी चटर्जी और कैलाश साव के साथ हमने इसे दुबारा गुलजार करने का प्रयास किया। हमारा संघर्ष जारी है। वहीं शहर के प्रसिद्ध उद्यमी हाजी रिजाउल रहमान ने बताया कि फैक्ट्री के लिए दो तरह के ऋण का प्रावधान किया गया। इसमें एक टर्म लोन व दूसरा कैश क्रेडिट लोन। बताया कि पूर्व में बिहार सरकार ने नीलामी कर दूसरे लोगों को फैक्ट्री स्थापित करने की पहल की। सभी उजड़े फैक्ट्री के सामने नोटिस बोर्ड लगे। परंतु जिनके फैक्ट्री डूब गए उन लोगों ने हाई कोर्ट पटना में याचिका दायर कर इस प्रक्रिया पर रोक लगा दी। इस कारण आज तक यहां वीरानगी पसरी हुई है। बताया कि व्यवसायियों ने स्थानीय विधायक को इस मामले की जानकारी दी है। बताया कि फैक्ट्री की स्थापना होगी तो सैंकड़ों नौजवानों को रोजगार मिलेगा।
'मिहिजाम स्थित कानगोई औद्योगिक क्षेत्र का मामला मेरे संज्ञान में आया है। शीघ्र ही मामले की जांच कर पहल करूंगा।
- जटाशंकर चौधरी, उपायुक्त, जामताड़ा 

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