Lok Sabha Election 2019 : गरीब के लिए योजनाएं बनाइए, रोजगार दीजिए
Lok Sabha Election 2019. अच्छी योजनाएं बनाइए। महंगाई कम कीजिए। रोजगार दीजिए। फिर अनुदान देने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी।
चक्रधरपुर,रूपेश कुमार विक्की। Lok Sabha Election 2019सिंहभूम संसदीय क्षेत्र का चक्रधरपुर रेलवे स्टेशन। शाम के पांच बजे हैं। गोलू की चाय दुकान पर मुसाफिर चाय की चुस्की ले रहे हैं। इनमें रेलवे के कुछ बड़ा बाबू और शहर के सियासी मन मिजाज रखने वाले भी हैं। धीरे से चुनावी चर्चा शुरू करते हुए मैंने पूछा- चुनाव में अबकी कौन जीतेगा?
कुछ यात्री मुंह देखने लगे। मैंने फिर से सवाल दोहराया। इस पर राणा कहने लगे कि कोई जीते या हारे, क्या फर्क पड़ता है। जनता की समस्याएं कहां दूर हो रही हैं। चुनावी घोषणाएं बाद में कोई याद नहीं रखता। मैंने कहा- कांग्रेस ने गरीबों को 72 हजार रुपये देने को कहा है, भाजपा ने भी किसानों को...? सवाल पूरा होने से पहले ही राणा बोल पड़े- ये दोनों पार्टियां पैसे देंगी कहां से, पहले यह तो बताएं? फिर दार्शनिक अंदाज में बोले- सरकार का काम जनता के लिए कल्याणकारी योजनाएं बनना है। अच्छी योजनाएं बनाइए। महंगाई कम कीजिए। रोजगार दीजिए। फिर अनुदान देने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी। लेकिन यह तो घोषणा सुनाकर वोट खरीद रहे हैं। इस पर प्रतिबंध लगना चाहिए।
तभी यात्रा पर निकले मनोज ङ्क्षसह ने चाय की चुस्की लेते हुए कहा- मोदी सरकार ने गरीबों को शौचालय, आवास और रसोई गैस दिया है। इसका लाभ मिलेगा। तभी यात्री रमेश बानरा कहने लगे- सरकार को कोल्हान से पलायन और मानव तस्करी रोकने के लिए ठोस काम करना चाहिए। इतना गरीबी है कि दलाल यहां के युवक युवतियों को दिल्ली, पंजाब ले जाकर बेच दे रहे हैं। यहीं कल-कारखाना लग जाए तो किसी को बाहर नहीं जाना पड़ेगा। पर किसी सरकार ने इस बारे में कोई पहल नहीं की। बात सुन रहे यात्री अशोक शर्मा ने हां में हां मिलाते हुए कहा- आजादी के बाद भी सिंहभूम क्षेत्र में गरीबी है। पीने के लिए पानी नहीं है। बाहर से आकर यहां कंपनियां पैसा कमा रही है, लेकिन गांव के लोग गरीब है। भाजपा व कांग्रेस दोनों के सांसद और विधायक रहे, क्या किया इस दिशा में? अबकी चुनाव में प्रत्याशी से हिसाब मांगना चाहिए। हां, एक बात है कि मोदी सरकार में रेलवे स्टेशन चकाचक है। स्टेशन साफ सुथरा है। बिजली है। एलइडी बल्ब और सोलर सिस्टम है। बस ट्रेन भी समय से चलने लगे तो समस्या दूर हो जाएगी।
इसी बीच दुकान पर चाय पीने के लिए पहुंचे खिलाड़ी परमजीत ङ्क्षसह ने कड़क आवाज में टोका- मोदी को अपनी फिक्र रहती, तो नोटबंदी व जीएसटी जैसा इतना बड़ा कदम नहीं उठाते। मोदी ने देशहित के लिए इतने कड़े फैसले लिए हैं। इसी बीच उनके साथी अशोक यादव कहने लगे कि मोदी मोदी कहने से मोदी इस बार जीतने वाले नहीं हैं। क्या इन पांच सालों में मोदी ने राम मंदिर बनाने के लिए एक ईंट की भी जुड़ाई? क्या गरीबों के खाते में 15 लाख रुपया आया? खाली विदेश घूमने में देश का करोड़ों रुपया पानी की तरह बहा दिया। इस बात पर अनुज ङ्क्षसह ने कहा कि मोदी जी ने युवाओं को रोजगार नहीं दिया। सरकारी बहाली भी नहीं हुई। सब काम प्राइवेट एजेंसी से करवा रहे हैं। यह ठीक नहीं है। उमेश चौहान बातचीत में टपक पड़े- राहुल गांधी को भी देशद्रोह की धारा हटाने की घोषणा नहीं करनी चाहिए। यह ठीक नहीं है। खैर, सिंहभूम में लड़ाई तो कांग्रेस और भाजपा के बीच ही होगी। तभी चाय दुकानदार गोलू बोल पड़ा- सर, पहली बार तो चायवाला प्रधानमंत्री बना है। जोरदार ठहाके के साथ चर्चा खत्म हो गई।