Election 2019: प. बंगाल के दूसरे चरण में संवेदनशील बूथों पर चुनाव आयोग की कड़ी नजर
रविशंकर प्रसाद के नेतृत्व में भाजपा का प्रतिनिधि मंडल ने दिल्ली में मुख्य चुनाव आयुक्त से मिल कर जब प. बंगाल के सभी बूथों को संवेदनशील घोषित करने की मांग की तो ममता बनर्जी भड़क गईं
कोलकाता, अनवर हुसैन। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद के नेतृत्व में भाजपा का प्रतिनिधि मंडल ने दिल्ली में मुख्य चुनाव आयुक्त से मिल कर जब पश्चिम बंगाल के सभी बूथों को संवेदनशील घोषित करने की मांग की तो राज्य के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भड़क गईं।
मुख्यमंत्री ने भाजपा द्वारा सभी बूथों को संवेदनशील घोषित करने की मांग को बंगाल का अपमान बताया। इस मुद्दे पर प्रदेश भाजपा और सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस के नेता आमने-सामने आ गए थे और राजनीतिक टकराव की स्थिति पैदा हो गई थी। अतत: चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल में संवेदनशील बूथों को लेकर गंभीरता दिखाई है।
राज्य में प्रथम चरण के मतदान में कहीं-कहीं धांधली और गड़बड़ी की शिकायतें मिलने के बाद चुनाव आयोग 18 अप्रैल को दार्जिलिंग, जलपाईगुड़ी और रायगंज में होने वाले दूसरे चरण के मतदान को लेकर हरकत में आया है। राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी कार्यालय के सूत्रों के मुताबिक तीनों लोकसभा क्षेत्रों में 80 प्रतिशत बूथों को अति संवेदनशील के रूप में चिन्हित कर लिया गया है।
उसी के अनुरूप उन क्षेत्रों में सुरक्षा इंतजाम किए जा रहे हैं। सबसे अधिक पहाड़ी क्षेत्र दार्जिलिंग में 685 अति संवेदनशील बूथ चिन्हित किए गए हैं, जबकि जलपाईगुड़ी में 572 और रायगंज में 654 संवेदनशील बूथ पाए गए हैं।
राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी कार्यालय के सूत्रों के हवाले से मिली खबर के मुताबिक उत्तर बंगाल की इन तीनों लोकसभा सीटों पर कुल 5390 बूथों पर शांतिपूर्ण और अबाध चुनाव कराने के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है।
सशस्त्र सुरक्षा बल की 140 कंपनियां तैनात की गई हैं। केंद्रीय बल की 81 कंपनियां मौजूद हैं। स्थानीय पुलिस को प्रतिदिन चुनाव आयोग को कानून व्यवस्था पर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया है। साथ ही गैर जमानती वारंट पर तत्वरित कार्रवाई करते हुए संबंधित दागी व्यक्तियों को गिरफ्तार करने का निर्देश दिया गया है। विशेष पुलिस पर्यवेक्षक विवेक दुबे ने दूसरे चरण के मतदान के लिए सुरक्षा इंतजाम की समीक्षा करने के बाद पहले ही कहा है कि शांतिपूर्ण चुनाव कराना ही उनका उद्देश्य है और इसके लिए जो उपाय करने होंगे वह सब कुछ चुनाव आयोग करेगा।