Lok Sabha Election2019: शाम ढलते ही थम गया प्रचार, जानें क्या चल रही अंदरखाने की तैयारियां
फीरोजाबाद एटा कासगंज और मैनपुरी संसदीय क्षेत्रों में थमा प्रचार का शोर। चलेगी अब हवा बनाने की मुहिम। प्रत्याशियों ने समर्थकों को दी जुदा-जुदा क्षेत्रों की जिम्मेदारी।
आगरा, जेएनएन। रविवार शाम को चुनाव प्रचार थम गया। मगर प्रत्याशियों की धुकधुकी बढ़ गई है। तीसरे चरण का मतदान शुरु होने में बस एक दिन और बाकी रह गए है। एटा- कासगंज, मैनपुरी और फीरोजाबाद संसदीय क्षेत्रों के प्रत्याशी चुनाव को अपने पक्ष में मोडऩे के लिए हर दांव चल रहे हैं। यह वक्त प्रत्याशियों के लिए कयामत से कम नहीं है तो असली खेल सोमवार की रात में होगा। प्रत्याशियों के गढ़ों में सेंधमारी के लिए हर कोई जुटा हुआ है तो नजर है उस वोटर्स पर, जो हवा के साथ चलता है। इन वोटर्स का रुख अपनी तरफ करने के लिए हर प्रत्याशी ने पूरी ताकत झोंक दी है। अंतिम वक्त पर अपनी हवा का शोर पैदा करने के लिए समर्थकों को लगा दिया है।
अब से कुछ ही देर में चुनाव प्रचार थम जाएगा है। घर- घर की कुंडी खटखटाने का क्रम भी रुक जाएगा है। मगर असल सियासी दांव अब दिन के उजाले में गांव की चौपालों पर और रात के अंधेरे में बस्तियों में चले जाएंगे। एक बड़ा वोटर ऐसा है, जो हवा के साथ बहता है। कोई समाज के साथ कदम मिलाता है तो कोई बस्ती के साथ। इस वोटर पर सभी प्रत्याशियों की नजर है। सभी प्रत्याशियों ने अपने खास लोगों को इस काम पर लगा दिया है। नजर विरोधी के उस गढ़ पर है, जिसे आसानी से कमजोर किया जा सकता है। इसके लिए अंतिम वक्त में इन गढ़ों के वोटर्स को लुभाने के लिए हर दांव चले जा रहे हैं।
शहर से लेकर गांव तक सेंधमारी
वोटों में सेंधमारी का खेल शहर से गांव तक चल रहा है। प्रत्याशियों से वोटर्स की नाराजगी का लाभ उठाने का भी प्रयास हर खेमा कर रहा है। अंतिम वक्त पर मतदाताओं का ब्रेनवाश करने के लिए शहर से गांव तक ऐसे क्षेत्रों में खास लोगों को जिम्मेदारी दी है। क्षेत्र के लोगों से मिलकर इस तरह की हवा बनाने का प्रयास किया जा रहा है, ताकि यह वोटर्स अपने ही पाले में आ जाएं।