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कानाफूसी: अपनी ही पार्टी के प्रत्याशी के खिलाफ उतरा भाजपा विधायक, लोग बोले- कार्यकर्ता तो हैं नहीं पोस्टर कौन लगा जाता है?

Lok Sabha Election 2024 पश्चिम बंगाल की दार्जिलिंग लोकसभा सीट पर इस बार मुकाबला दिलचस्प है। कांग्रेस ने मुनीष तामांग को प्रत्याशी बनाया है। उनको वाम मोर्चा का समर्थन भी मिला है। वहीं भाजपा ने राजू बिष्ट को चुनाव मैदान में उतारा है। खास बात यह है कि कर्सियांग के भाजपा विधायक विष्णु प्रसाद शर्मा निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं।

By Jagran News Edited By: Ajay Kumar Published: Tue, 16 Apr 2024 04:35 PM (IST)Updated: Tue, 16 Apr 2024 04:35 PM (IST)
कानाफूसी: अपनी ही पार्टी के प्रत्याशी के खिलाफ उतरा भाजपा विधायक, लोग बोले- कार्यकर्ता तो हैं नहीं पोस्टर कौन लगा जाता है?
लोकसभा चुनाव 2024: दार्जिलिंग लोकसभा सीट पर दिलचस्प है चुनावी मुकाबला।

जेएनएन, कोलकाता। पश्चिम बंगाल की दार्जिलिंग संसदीय सीट से कर्सियांग के भाजपा विधायक विष्णु प्रसाद शर्मा उर्फ बीपी बजगाईं भी निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। वह भाजपा उम्मीदवार राजू बिष्ट को चुनौती दे रहे हैं। सिलीगुड़ी शहर दार्जिलिंग संसदीय क्षेत्र के अधीन है। सोमवार सुबह जब लोग जगे तो कई इलाकों में बीपी बजागाईं के समर्थन में पोस्टर टांगे मिले।

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लोगों का कहना है कि कार्यकर्ता तो दिखते ही नहीं तो फिर यह पोस्टर रात में कौन लगा गया। इसको लेकर लोग तरह-तरह की बातें कर रहे हैं। कुछ लोगों का कहना है कि शायद निर्दलीय उम्मीदवार ने रात में पोस्टर लगाने के लिए कुछ लोगों को हायर किया होगा। अब इसमें सच्चाई कितनी है, इसके बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता।

क्या करेंगे इधर आकर, एनर्जी बचा रहे हैं

एक ओर जहां भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के बड़े-बड़े नेता चुनाव प्रचार के लिए लगातार उत्तर बंगाल आ रहे हैं, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस एवं माकपा नेताओं का कोई अता-पता नहीं है। अभी तक कोई भी बड़ा नेता चुनाव प्रचार करने नहीं आया है। जबकि उत्तर बंगाल में सभी सीटों पर माकपा और कांग्रेस गठबंधन के उम्मीदवार हैं।

कांग्रेस ने मुनीष तामांग को उतारा

दार्जिलिंग संसदीय सीट से ही कांग्रेस के मुनीष तामांग मैदान में हैं और उनको वाम मोर्चा ने समर्थन दिया है। आम लोगों में चर्चा है कि पार्टी को इस क्षेत्र में जीत की कोई उम्मीद नहीं दिख रही। इसलिए यहां नहीं आकर अपनी एनर्जी बचा रहे हैं। ऐसे लोगों का साफ कहना है क्या करेंगे यहां आकर...।

कांग्रेस इस बार वहीं ज्यादा जोर लगा रही है, जहां जीत की उम्मीद है। जहां जीत की उम्मीद नहीं है वहां नेताओं की आवाजाही कम हो रही है।

शायद ही इस बार कांग्रेस या माकपा का कोई बड़ा नेता चुनाव प्रचार के लिए उत्तर बंगाल आए। यह स्थिति तब है जब पहले चरण के मतदान के कुछ ही दिन बचे हैं। 19 अप्रैल को मतदान होना है। उसके 48 घंटे पहले चुनाव प्रचार बंद हो जाएगा। अब देखना है कि यह बात कहां तक सच होती है।

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