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Election 2019: भाजपा को अपने घर से ही चुनौती, कांग्रेस कर्ण सिंह के बेटे को उतारने की तैयारी में

कभी कांग्रेस की गढ़ रही ऊधमपुर-डोडा संसदीय सीट हमेशा राजनीति के लिहाज से विशेष रही है। कई दिग्गजों ने इस सीट से अपनी किस्मत आजमाई है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Fri, 15 Mar 2019 01:15 PM (IST)Updated: Fri, 15 Mar 2019 01:15 PM (IST)
Election 2019: भाजपा को अपने घर से ही चुनौती, कांग्रेस कर्ण सिंह के बेटे को उतारने की तैयारी में
Election 2019: भाजपा को अपने घर से ही चुनौती, कांग्रेस कर्ण सिंह के बेटे को उतारने की तैयारी में

जम्मू, अवधेश चौहान। कभी कांग्रेस की गढ़ रही ऊधमपुर-डोडा संसदीय सीट हमेशा राजनीति के लिहाज से विशेष रही है। कई दिग्गजों ने इस सीट से अपनी किस्मत आजमाई है। यही नहीं चुनाव जीत कर उन्होंने केंद्रीय मंत्रिमंडल में भी खास जगह बनाई। इनमें पूर्व सदर ए रियासत डॉ. कर्ण सिंह से चमन लाल गुप्ता और डॉ. जितेंद्र सिंह शामिल हैं। अभी तक 13 बार हुए चुनावों में कांग्रेस ने नौ बार इस सीट पर जीत दर्ज की है। इस बार इस सीट में समीकरण पूरी तरह बदल चुके हैंं।

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भाजपा को अब अपने गढ़ में अपने ही चुनौती दे रहे हैं। भाजपा से ही बागी हुए चौधरी लाल सिंह डोगरा स्वाभिमान ट्रस्ट से चुनाव लड़ रहे हैं। प्रबल संभावना है कि भाजपा दोबारा डॉ. जितेंद्र सिंह को इसी सीट से दोबारा टिकट दे सकती है। जम्मू कश्मीर पैंथर्स पार्टी के चेयरमैन हर्ष देव सिंह ने इसी सीट से चुनाव लडऩे की घोषणा की है। कांग्रेस ने उम्मीदवार की अधिकारिक तौर पर घोषणा तो नहीं की है, परंतु कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डॉ. कर्ण सिंह के बेटे बिक्रमादित्य के यहां से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लडऩे की संभावना है।

यही एक ऐसा संसदीय क्षेत्र है जिसमें संभाग के छह जिले, किश्तवाड़, रामबन, डोडा, कठुआ, रियासी और ऊधमपुर आते हैं। वर्ष 2014 के चुनाव में डॉ. जितेंद्र सिंह ने 4,87,369 वोट मिले थे। इसके बाद इसी साल हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने ऊधमपुर जिले की सभी तीन, कठुआ की सभी पांच, रियासी की एक और डोडा क्षेत्र की तीन सीटों पर कब्जा किया था। कांग्रेस ने रियासी की दो और डोडा-रामबन की दो सीटों पर विजय दर्ज की थी।

अब बदल गए हैं समीकरण

पांच साल में इस संसदीय क्षेत्र के समीकरण बदल चुके हैं। बसोहली से भाजपा के विधायक लाल सिंह डोगरा स्वाभिमान ट्रस्ट से चुनाव लडऩे की घोषणा कर चुके हैं। कठुआ मामले की जांच सीबीआइ से करवाने की मांग को लेकर हिंंदू एकता मंच की रैली में शामिल होने पर लाल सिंह को पार्टी के दवाब में मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। लाल सिंह ने मंत्रीपद छोडऩे के बाद डोगरा स्वाभिमान संगठन को बनाकर बिगुल फूंक कर भाजपा को चेतावनी दे दी थी कि जम्मू के डोगरा लोगों की आंकाक्षाओं और उनके हितों को नजरअंदाज नहीं कर सकते। लाल सिंह ने गत वर्ष जुलाई के बाद भाजपा इकाई की किसी भी बैठक में शिरकत न कर यह बता दिया कि डोगरों के स्वाभिमान सबसे बढ़ कर है। उनका कठुआ जिले में अपना जनाधार है। साल 2014 के विधानसभा चुनाव में मोदी लहर के बीच तीस हजार वोट हासिल करने वाले हर्षदेव सिंह भी पैंथर्स पार्टी से चुनाव लड़ रहे हैं। भाजपा के लिए राहत की बात यह है कि ऊधमपुर से बागी हुए भाजपा नेता पवन गुप्ता चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हो गए हैं। हालांकि लाल सिंह के मसले पर भाजपा ने चुप्पी साधी है, लेकिन अंदर ही अंदर लाल सिंह को मनाने की कोशिश जारी है।

कांग्रेस को आजाद का सहारा

कांग्रेस का डोडा, किश्तवाड़ और भद्रवाह जिलों में अच्छा खासा वोट बैंक है। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रह चुके गुलाब नबी आजाद ने अपने कार्यकाल के दौरान दूरदराज के इन पहाड़ी क्षेत्रों में काफी काम करवाया है। ऐसे में विक्रमादित्य को यह सीट दिए जाने से कांग्रेस मुस्लिम बहुल इलाके में सेंध लगा सकती है।

छह जिलों में बंटी है यह सीट

जम्मू संभाग की उधमपुर-डोडा संसदीय क्षेत्र 20,230 वर्ग किलोमीटर में फैला है। संभाग के छह जिलों, किश्तवाड़, रामबन,डोडा, कठुआ, रियासी, उधमपुर पर आधारित इस सीट की आबादी 24 लाख से अधिक है। क्षेत्र में मतदाताओं की संख्या 14,61,373 है। वर्ष 2014 के चुनाव में भाजपा के उम्मीदवार डॉ. जितेंद्र सिंह कांग्रेस के उम्मीदवार गुलाम नबी आजाद को पराजित कर सांसद बने थे। डॉ. सिंह ने 4,87,369 वोट मिले थे। जबकि आजाद को 4 लाख 20 हजार वोट मिले थे। डॉ. जितेंद्र से पहले इस संसदीय क्षेत्र में आने वाले 17 विधानसभा क्षेत्रों में वर्ष 2009 व वर्ष 2004 में कांग्रेस के चौधरी लाल सिंह इस संसदीय सीट से चुनाव जीते थे। लाल सिंह से पहले लगातार तीन बार भाजपा के प्रो चमन लाल गुप्ता ने इस संसदीय सीट से चुनाव जीते थे।

यह विधानसभा क्षेत्र आते हैं अधीन

-किश्तवाड़

-डोडा

-भद्रवाह

- इंद्रवाल

-रामबन

-बनिहाल

-गुलाबगढ़

-रियासी

-गूल गुलाबगढ़,

-उधमपुर

-रियासी

-रामनगर

-बनी

-बसोहली

-कठुआ

-बिलावर

-हीरानगर

यह रहे हैं अब तक सांसद

1967-डॉ. कर्ण सिंह, कांग्रेस

1968- ब्रिगेडियर घंसारा सिंह, कांग्रेस

1971- डॉ. कर्ण सिंह, कांग्रेस

1977- डॉ. कर्ण सिंह, कांग्रेस

1980- डॉ. कर्ण सिंहह, कांग्रेस

1984-गिरधारी लाल डोगरा, कांग्रेस

1989- धर्मपाल शर्मा, कांग्रेस

1991- चुनाव नहीं हुए

1996- प्रो. चमन लाल गुप्ता, भाजपा

1998 प्रो. चमन लाल गुप्ता, भाजपा

1999 प्रो. चमन लाल गुप्ता, भाजपा

2004 लाल सिंह, कांग्रेस

2009 लाल ङ्क्षसिंह, कांग्रेस

2014 डॉॅ. जितेंद्र सिंह, भाजपा

चुनौतियां

1. बेरोजगारी

2.बिजली-पानी

3.सड़क निर्माण

4. संचार

5 सदल गांव

6 टूरिज्म हब

7 पर्यटन स्थलों का विकास

8 दूरदराज क्षेत्रों में सड़क हादसों को रोकने।

9 परिहार बंधुओं की हत्या के मामले की जांच


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