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सपा नेता आजम खान की भड़काऊ टिप्पणियों पर चुनाव आयोग का एक और नोटिस

चुनाव आयोग ने सपा नेता और रामपुर लोकसभा सीट से उम्‍मीदवार आजम खान के खिलाफ मंगलवार को दूसरा नोटिस जारी किया है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Tue, 16 Apr 2019 10:36 PM (IST)Updated: Tue, 16 Apr 2019 10:56 PM (IST)
सपा नेता आजम खान की भड़काऊ टिप्पणियों पर चुनाव आयोग का एक और नोटिस

नई दिल्ली, प्रेट्र। पिछले कुछ दिनों में उत्तर प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर कथित रूप से भड़काऊ टिप्पणियां करने के लिए चुनाव आयोग ने मंगलवार को समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता आजम खां को एक और नोटिस जारी किया। पहली नजर में आचार संहिता उल्लंघन का दोषी मानते हुए उन्हें नोटिस मिलने के 24 घंटे के भीतर जवाब देने के लिए कहा गया है। चुनाव आयोग ने उनकी टिप्पणियों का हवाला भी दिया है।

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एक अवसर पर उन्होंने कथित रूप से कहा, 'फासीवादी उनकी हत्या करने की कोशिश कर रहे हैं।' एक अन्य मौके पर उन्होंने दावा किया कि प्रधानमंत्री ने मुस्लिमों की हत्या की है। उन्होंने कथित रूप से यह भी कहा कि अपराधी संवैधानिक पदों पर काबिज हो रहे हैं। उनका इशारा राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह की तरफ था।

चुनाव आयोग ने इस बात उल्लेख भी किया है कि उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत एफआइआर दर्ज की गई है। साथ ही नोटिस में बताया गया है कि सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक चुनावों के दौरान धर्म और जाति का इस्तेमाल करते हुए बयान नहीं दिए जा सकते।

मालूम हो कि रामपुर से भाजपा प्रत्याशी जयाप्रदा के खिलाफ अभद्र टिप्पणी के मामले में आयोग पहले ही आजम खां पर 72 घंटे तक प्रचार करने पर देशव्यापी प्रतिबंध लगा चुका है, जो मंगलवार सुबह छह बजे से प्रभावी है। इससे पहले 2014 के लोकसभा चुनावों में भी आजम खां पर इसी तरह का प्रदेशव्यापी प्रतिबंध लग चुका है।

उनके बयानों को लेकर 13 दिन में आजम के खिलाफ जिले के विभिन्न थानों में नौ मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। आठ मुकदमे आपत्तिजनक बयानों को लेकर हुए हैं, जबकि एक मुकदमा अनुमति से अधिक देर तक रोड शो निकालने का है। इतने मुकदमे दर्ज होने के बाद विरोधी दल अब उनके चुनाव लड़ने पर रोक लगाने या फिर उनके भाषणों पर प्रतिबंध लगाने की मांग करने लगे हैं।

गौरतलब है कि पिछले लोकसभा चुनाव में भी चुनाव के समय आजम खां द्वारा भड़काऊ और आपत्तिजनक बयानबाजी करने पर सात मुकदमे हुए थे। चुनाव आयोग ने उनके भाषण देने पर रोक लगाई थी।


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