रायबरेली में अविश्वास प्रस्ताव पर खींचतान कांग्रेस में आपसी विरोध का नतीजा : डॉ. दिनेश शर्मा
डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि किसी भी कीमत पर जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी हासिल करने के लिए कांग्रेस पार्टी तरह-तरह के हथकंडे अपना रही है।
लखनऊ, जेएनएन। उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने रायबरेली में जिला पंचायत अध्यक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर हो रही खींचतान का ठीकरा कांग्रेस पर फोड़ दिया है। उन्होंने कहा कि यह कांग्रेस के ही दो गुट में आपसी विरोध का नतीजा है। किसी भी कीमत पर जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी हासिल करने के लिए कांग्रेस पार्टी तरह-तरह के हथकंडे अपना रही है।
डॉ. दिनेश शर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि कई जिला पंचायत सदस्यों को मध्य प्रदेश में कांग्रेस महासचिव अजय सिंह के होटल में छिपाकर रखा गया और जब वहां से सदस्य किसी तरह निकले तो अब पूरे मामले कुछ पाने और गुमराह करने के लिए अपनी पार्टी की विधायक आदिति सिंह पर टोल प्लाजा के पास हमला दिखाया गया, जबकि वहां गाड़ी इसलिए दुर्घटनाग्रस्त हुई क्योंकि अदिति सिंह के काफिले के सामने एक चार पहिया वाहन आ गया था। उनकी गाड़ी बहुत तेज गति से थी, इसलिए पलट गई। फिर भी कांग्रेस नेताओं की शिकायत पर रायबरेली जिला प्रशासन ने रिपोर्ट दर्ज की है। हम मजिस्ट्रेट जांच भी करवा रहे हैं।
डॉ. दिनेश शर्मा ने बताया कि कांग्रेस की संस्कृति ही हमेशा खरीद-फरोख्त की रही है और जिस तरह कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका वाड्रा इस मामले में हस्तक्षेप कर रही हैं, वह उनकी हताशा को दर्शाता है। क्योंकि लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए वह जहां जहां गईं उन्हें माकूल जन समर्थन नहीं मिला। इसलिए वह अब रायबरेली की राजनीति में कूद पड़ी हैं। इस मामले में एमएलसी दिनेश प्रताप सिंह का कोई लेना देना नहीं हैं।कांग्रेस को अपनी आपातकाल वाली सोच से बाहर आना होगा। हमने कांग्रेस की विधायक अदिति सिंह को पर्याप्त सुरक्षा दी है। कांग्रेस की मांग पर अविश्वास प्रस्ताव पर चुनाव के लिए पर्याप्त सुरक्षा राज्य सरकार की ओर से दी गई। वहां तीन कंपनी पीएसी लगाई गई है। फिर भी हताश कांग्रेस तरह-तरह के हथकंडे अपना रही है।
पूरी घटना की साजिश प्रियंका वाड्रा ने रची : दिनेश सिंह
डिप्टी सीएम डॉ दिनेश शर्मा की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद रायबरेली से भाजपा के लोकसभा प्रत्याशी व एमएलसी दिनेश सिंह ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपना पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि वह इस पूरी घटना में साजिश रचने के लिए प्रियंका गांधी को दोषी मानते हैं और उनके खिलाफ मुकदमा करवाएंगे। इसमें कांग्रेस महासचिव अजय सिंह, जिन्होंने अपने होटल में जिला पंचायत सदस्यों को बंधक बनवा कर रखा, उनके खिलाफ भी मामला दर्ज करवाएंगे। रायबरेली में 52 जिला पंचायत सदस्यों में से 31 सदस्य हमारे पक्ष में हैं। इसलिए कांग्रेस पार्टी हताश है और वह समाजवादी पार्टी के गुंडों का उपयोग कर तरह-तरह के कुचक्र रच रही है।
दिनेश सिंह ने कहा कि यूपी सरकार इस मामले में पूरी तरह से निष्पक्ष होकर कार्रवाई कर रही है, वरना किसी भी सरकार में उसकी पार्टी से जुड़े एमएलसी के खिलाफ मामला इतनी आसानी से दर्ज नहीं होता। इसकी निष्पक्ष जांच करवा कर सरकार कार्रवाई करेगी। रायबरेली में सीएम योगी आदित्यनाथ ने काफी काम करवाया है। कांग्रेस जो काम 50 वर्षों में नहीं करवा पाई वह भाजपा ने कुछ समय में ही कर दिखाया। 73 करोड़ रुपये नहरों की सफाई के लिए दिए गए इसलिए कांग्रेसी हताश हैं।
गौरतलब है कि जिला पंचायत अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव से पहले मंगलवार को जमकर बवाल हुआ। मारपीट, फायरिंग और अपहरण की घटनाओं से रायबरेली कांप उठी। दहशतगर्दों ने जिले के हर प्रवेश द्वार पर नाकेबंदी कर दी और वहां से निकलने वाले जिला पंचायत सदस्यों के वाहनों को निशाना बनाया, उन्हें पीटा और कई का अपहरण कर लिया। इस दौरान अविश्वास प्रस्ताव की अगुआई करने वाले जिला पंचायत सदस्य राकेश अवस्थी गंभीर रूप से घायल हो गए। सदर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक अदिति सिंंह पर भी जानलेवा हमला किया गया, उन्हें भी चोटें आई। घटना के बाद कांग्रेस और सपा समेत कई राजनीतिक दलों के नेता सड़क पर उतर आए थे। हजारों की भीड़ ने कलेक्ट्रेट को घेरा था। देर शाम जिला पंचायत सदस्य राकेश अवस्थी की ओर से एमएलसी दिनेश प्रताप सिंह, जिला पंचायत अध्यक्ष अवधेश प्रताप सिंंह समेत छह लोगों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज कराया गया है। इस बीच बुधवार को कांग्रेस की महासचिव प्रियंका वाड्रा के रायबरेली पहुंचने से राजनीति और गरमा गई है।
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