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पटना साहिब: शत्रुघ्न-रविशंकर, दो महारथियों के बीच यहां नाक की लड़ाई

पटना साहिब सीट पर दो महारथियों के बीच कड़ी टक्कर है। यहां भाजपा के रविशंकर प्रसाद और भाजपा छोड़कर कांग्रेस से आए शत्रुघ्न सिन्हा दोनों दिग्गजों के बीच यहां नाक की लड़ाई है।

By Kajal KumariEdited By: Published: Sat, 13 Apr 2019 02:43 PM (IST)Updated: Sun, 14 Apr 2019 04:00 PM (IST)
पटना साहिब: शत्रुघ्न-रविशंकर, दो महारथियों के बीच यहां नाक की लड़ाई
पटना साहिब: शत्रुघ्न-रविशंकर, दो महारथियों के बीच यहां नाक की लड़ाई

पटना [सुनील राज]। पटना साहिब संसदीय सीट इस बार भाजपा और कांग्रेस के लिए नाक की लड़ाई वाली सीट बन गई है। भारतीय जनता पार्टी ने पुराने सांसद शत्रुघ्न सिन्हा का टिकट काट कर यहां से रविशंकर प्रसाद को उम्मीदवार बनाया है।

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दो बार से भाजपा के लिए यह सीट जीतने वाले शत्रुघ्न सिन्हा को भी अंदाजा था कि भाजपा उन्हें चुनाव मैदान से बाहर का रास्ता दिखासकती है, इसलिए समय रहते उन्होंने भाजपा को अलविदा करने और कांग्रेस का दामन थामने की रणनीति तैयार कर ली थी। कांग्रेस ने उन्हें यहां से सिंबल भी दे दिया है।

जाहिर है भाजपा के पुराने और नए प्रत्याशी के बीच पटना साहिब सीट पर होने वाली टक्कर मतदाताओं के लिए उत्सुकता का विषय बन गई है।

ताजा स्थिति

शत्रुघ्न सिन्हा पिछले दो चुनाव से पटना साहिब सीट जीतकर भाजपा की झोली में डालते रहे हैं। उनके सामने कांग्रेस, राजद के बड़े-बड़े दिग्गज चुनाव मैदान में उतरे लेकिन मात खाते रहे। लेकिन इस बार शत्रु का मुकाबला भाजपा प्रत्याशी से होगा। 

भाजपा बनाम कांग्रेस के बीच यहां जीत किसी के लिए आसान नहीं होगी। मुकाबला कड़ा होना तय है। देखना यह होगा कि कायस्थ बहुल इस क्षेत्र में मतदाताओं का रुझान किस ओर होगा पर यह तो समय तय करेगा।

परिसीमन के बाद पटना साहिब

पटना साहिब सीट का इतिहास ज्यादा पुराना नहीं है। पहले पटना में एक ही संसदीय सीट हुआ करती थी। 2008 में परिसीमन के बाद पटना साहिब संसदीय क्षेत्र बना। इस संसदीय क्षेत्र को बख्तियारपुर, दीघा, बांकीपुर कुम्हरार, पटना साहिब और फतुहा विधानसभा क्षेत्र को मिलाकर बनाया गया। 

परिसीमन के बाद पटना संसदीय क्षेत्र की तीन विधानसभा पटना पश्चिम, पटना केंद्रीय और पटना पूर्वी को खत्म करते हुए इनकी जगह दीघा, बांकीपुर और कुम्हरार को नया विधानसभा क्षेत्र बनाया गया।

ऐसा है पटना साहिब

बिहार की राजधानी पटना के अंदर पटना साहिब सीट आती है। इस शहर का अपना ही ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है। यहां सिखों की आस्था से जुड़ा ऐतिहासिक दर्शनीय स्थल तख्त हरमंदिर साहब है तो हिंदुओं की आस्था से जुड़ा शीतला मंदिर भी। इस क्षेत्र की कुल आबादी करीब 25.74 लाख है। इस आबादी का 73.37 फीसद शहर में और शेष 26.63 प्रतिशत गांव में बसता है।

19.46 लाख है यहां वोटर 

पटना साहिब संसदीय क्षेत्र में वर्तमान में मतदाताओं की संख्या करीब 19.46 लाख से थोड़ी अधिक है। इनमें 10 लाख 52 हजार 278 पुरुष और 8 लाख 93 हजार 885 महिला मतदाता हैं।

स्टार वार के लिए फेमस है सीट

पटना साहिब सीट को स्टार वार सीट भी माना जाता है। इस सीट से शत्रुघ्न सिन्हा के साथ ही फिल्म अभिनेता शेखर सुमन और भोजपुरी फिल्मों के अभिनेता कुणाल भी अपनी किस्मत आजमा चुके हैं। यह दीगर बात है कि इन दोनों अभिनेताओं को जीत का स्वाद नहीं मिल पाया।

पिछले दो चुनाव भाजपा की ओर से चुनाव मैदान में उतरने वाले शत्रुघ्न सिन्हा कांग्रेस के दो स्टार प्रत्याशी शेखर सुमन और कुणाल को यहां से पटखनी दे चुके हैं।

 

दो महारथियों के लिए नाक की लड़ाई बन गया है पटना साहिब

2014 चुनाव में पटना साहिब से शत्रुघ्न सिन्हा ने जीत दर्ज कराई। कांग्रेस ने उनके मुकाबले कुणाल सिंह को यहां से मैदान में उतारा था। शत्रु को उस चुनाव 4,85,905 वोट मिले। उनके प्रतिद्वंद्वी कुणाल सिंह को उनके मुकाबले 2,20,100 वोट से ही संतोष करना पड़ा।

यहां तीसरे स्थान पर जेडीयू के डॉ. गोपाल प्रसाद सिन्हा रहे थे। जिन्हें 91,024 वोट मिले। उस चुनाव में करीब 7727 वोट नोटा में दर्ज कराए गए।

2009 चुनाव में पटना साहिब सीट से शत्रुघ्न सिन्हा को करीब 3,16,549 मत प्राप्त हुए। दूसरे स्थान पर राजद प्रत्याशी विजय कुमार को 1,49,779 वोट हासिल हुए। कांग्रेस प्रत्याशी शेखर सुमन उस चुनाव यहां से तीसरे स्थान पर रहे थे। उन्हें तब 61,308 वोट ही मिल पाए थे।


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