LokSabha Election 2019: भाकपा (माले) को मंजूर नहीं महागठबंधन से मिला सांत्वना पुरस्कार, जहां मजबूत लड़ेगी चुनाव
दीपंकर भट्टाचार्या ने कहा कि राजद ने अपने हिस्से से प्रतीकात्मक सांत्वना के रूप में माले को बिहार में महागठबंधन से एक सीट आरा देने की घोषणा की है। इसके लिए लालू प्रसाद को धन्यवाद।
गिरिडीह, जेएनएन। बिहार-झारखंड में भाकपा माले का महागठबंधन से कोई समझौता नहीं हुआ है। इस कारण भाकपा (माले) महागठबंधन से बंधी हुई नहीं है। दोनों राज्यों में कोई भी निर्णय लेने के लिए माले स्वतंत्र है। यह बातें माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने शनिवार को बगोदर में दैनिक जागरण से खास बातचीत में कहीं।
दीपंकर ने कहा कि राजद ने अपने हिस्से से प्रतीकात्मक सांत्वना के रूप में माले को बिहार में महागठबंधन से एक सीट आरा देने की घोषणा की है। इसके लिए लालू प्रसाद यादव को धन्यवाद। इस मामले में माले अपना निर्णय राजद को सुना देगी।
भाकपा के युवा नेता कन्हैया कुमार के लिए बेगूसराय लोकसभा सीट नहीं छोड़ने के महागठबंधन के फैसले पर उन्होंने आश्चर्य व्यक्त किया। कहा- कन्हैया समेत जो भी वाम उम्मीदवार मजबूत स्थिति में होगा माले समर्थन करेगी। बिहार में माले उन्हीं सीटों पर लड़ेगी जहां जीतने की स्थिति में होगी। झारखंड में माले कोडरमा एवं पलामू लोकसभा सीट से लड़ेगी।
हजारीबाग में भाकपा, धनबाद में मासस एवं राजमहल लोकसभा सीट पर माकपा को समर्थन देंगे। झारखंड की 11 सीटों पर तथाकथित महागठबंधन के प्रत्याशियों को समर्थन देंगे। कारण, झारखंड हो या बिहार माले की प्राथमिकता भाजपा को हराना है। कोडरमा के संदर्भ में कहा कि वहां माले अकेले भाजपा को हराएगी।
भट्टाचार्य शनिवार को बगोदर में छात्र-युवा परिवर्तन यात्रा में भाग लेने पहुंचे थे। उन्होंने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए छात्र-युवाओं को आह्वान किया।