छत्तीसगढ़ की कोरबा लोकसभा सीट के लिए अजित जोगी और उनके पुत्र के बीच खींचतान
जकांछ सुप्रीमो अजीत जोगी बसपा को ज्यादा सीट देने के लिए तैयार हैं लेकिन शर्त यह रहेगी कि कोरबा लोकसभा सीट जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ को ही मिले।
रायपुर ब्यूरो, छत्तीसगढ़। लोकसभा चुनाव के मैदान में पहली बार उतरने की तैयारी कर रही जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जकांछ) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजीत जोगी और उनके पुत्र व जकांछ के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी के बीच कोरबा लोकसभा सीट को लेकर खींचतान मची हुई है। पिता अजीत जोगी अब दिल्ली की राजनीति में दखल देना चाह रहे हैं, तो उनके पुत्र अमित जोगी दिल्ली पहुंचने के लिए अपना रास्ता बनाने में लगे हैं। पिता-पुत्र के बीच मची खींचतान पर पार्टी के कार्यकर्ता खुसुर पुसुर कर रहे हैं।
जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ की कोर कमेटी ने फैसला लिया है कि पार्टी विधानसभा चुनाव की तरह लोकसभा चुनाव भी बहुजन समाज पार्टी के साथ गठबंधन करके लड़ेगी। पार्टी सूत्रों की मानें तो जकांछ सुप्रीमो अजीत जोगी बसपा को ज्यादा सीट देने के लिए तैयार हैं, लेकिन शर्त यह रहेगी कि कोरबा लोकसभा सीट जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ को ही मिले। कोरबा लोकसभा सीट को नहीं छोड़ने का सबसे बड़ा कारण यह है कि इसमें मरवाही विधानसभा क्षेत्र आता है, जो कि अजीत जोगी की जन्मस्थली है। इसके अलावा राजनीतिक लिहाज से मरवाही विधानसभा क्षेत्र जोगी परिवार का गढ़ भी है। वर्तमान में अजीत जोगी मरवाही के विधायक हैं। इसके पहले मरवाही के विधायक उनके पुत्र अमित जोगी रह चुके हैं।
दरअसल, विधानसभा चुनाव के लिए जोगी परिवार में यह तय हुआ था कि तीन सदस्य अजीत जोगी, पत्नी डॉ. रेणु जोगी और बहू ऋचा जोगी चुनाव लड़ेंगे। अमित को चुनाव प्रबंधन की जिम्मेदारी दी गई थी। तब से अमित जोगी ने यह तय कर लिया था कि वह लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने कोरबा लोकसभा सीट से उसी वक्त खुद को उम्मीदवार चुन लिया था। विधानसभा चुनाव के दौरान कोरबा लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले विधानसभा क्षेत्रों का उन्होंने दौरा भी किया। पार्टी के लोग भी यही मानकर चल रहे थे कि अमित जोगी कोरबा लोकसभा सीट के जकांछ प्रत्याशी होंगे। कांग्रेस और भाजपा खेमे में भी यह खबर फैल चुकी थी। अब अजीत जोगी ने यह बयान दिया है कि कोरबा लोकसभा क्षेत्र के लोग चाहते हैं कि वे चुनाव लड़ें। अगर, लोग चाह रहे हैं, तो विचार किया जा रहा है। हालांकि, अजीत जोगी ने यह भी कहा है कि कोर कमेटी में फैसला होगा।
विपक्ष की कुर्सी नहीं का आ रही रास
अजीत जोगी छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री हैं। अभी उन्हें यहां के विधानसभा सदन में पार्टी के महज चार विधायकों के साथ विपक्ष में बैठना पड़ रहा है। उन्हें यह रास नहीं आ रहा। अजीत जोगी चाहते हैं कि वे सांसद बनकर लोकसभा में पहुंच जाएं। इससे उनकी पार्टी राष्ट्रीय पटल पर दिखने लगेगी।