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Lok Sabha Election-2019: कम्प्यूटर बाबा का हठ योग अनुष्ठान भी नहीं आया दिग्गी राजा के काम, हार गए राजा

विरोधियों को शिकस्‍त देने के लिए दिग्विजय सिंह ने एक विशेष अनुष्‍ठान कराया था इसमें कम्प्यूटर बाबा की अगुआई में हजारों साधुओं ने एक विशेष अनुष्‍ठान किया था। हार गए राजा

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Tue, 07 May 2019 12:40 PM (IST)Updated: Thu, 23 May 2019 04:49 PM (IST)
Lok Sabha Election-2019: कम्प्यूटर बाबा का हठ योग अनुष्ठान भी नहीं आया दिग्गी राजा के काम, हार गए राजा

भोपाल, जेएनएन। Lok Sabha Election-2019 में विरोधियों को पटखनी देने के लिए नेताओं ने तरह-तरह के उपाय किए थे। कोई मंदिर गया तो किसी ने हवन पूजन कराया। किसी ने मनौती मानी तो किसी ने चादर चढ़ाने का संकल्प लिया। इसी कड़ी में कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह (Digvijaya Singh) ने भोपाल के शिक्षा कॉलेज मैदान में एक विशेष पूजा भी कराई थी। इस अनुष्‍ठान को 'हठ योग' का नाम दिया गया था मगर ये पूजा भी उनको जीत दिलाने में काम नहीं आई। दिग्गी राजा के लिए किया गया यह अनुष्‍ठान कंप्‍यूटर बाबा (Computer Baba) की अगुआई में संपन्‍न हुआ। इसमें कम्प्यूटर बाबा हजारों साधुओं के साथ 'हठ योग' पर बैठे थे मगर उन सभी का सामूहिक हठ योग भी काम नहीं आया।

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कम्प्यूटर बाबा ने भोपाल के शिक्षा कॉलेज मैदान पर कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह के लिए हठयोग किया। दिग्विजय सिंह ने भी पत्नी के साथ संत समागम में पूजा अर्चना की और हवन भी किया। सैफिया कॉलेज मैदान पर संतों ने जुटकर ये अनुष्ठान किया था। इससे पहले दिग्विजय के समर्थन में आठ मई को भोपाल में एक बड़ी शोभायात्रा भी निकाली गई इसकी कमान भी कम्प्यूटर बाबा ने ही संभाली थी। 

 

इस मौके पर कम्प्यूटर बाबा ने कहा था कि भाजपा सरकार पांच साल में राम मंदिर नहीं बना पाई। अब राम मंदिर नहीं तो मोदी भी नहीं। दरअसल, भोपाल से कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह को कंप्यूटर बाबा का खुला समर्थन शुरू से ही मिल रहा है। कम्प्यूटर बाबा पूर्व में भाजपा के साथ थे लेकिन बाद में नाराज होकर कांग्रेस के पक्ष में हो गए। भाजपा सरकार में दर्जा प्राप्त मंत्री रहे कम्प्यूटर बाबा को कांग्रेस ने अपना स्टार प्रचारक भी बनाया। कम्प्यूटर बाबा ने दिग्विजय सिंह की जीत के लिए सात से लेकर नौ मई तक हठ योग कराया था मगर वो भी बेकार ही रहा। 

कम्प्यूटर बाबा अपने बयानों के कारण भी सुर्खियों में रहते हैं। अभी हाल ही में उन्‍होंने कहा था कि भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह खुद को लोगों का मामा कहते हैं, लेकिन असल में वह शकुनी मामा हैं। पिछली भाजपा की शिवराज सिंह सरकार ने नर्मदा के नाम पर छलावा किया है। भोपाल में लड़ाई धर्म और अधर्म के बीच है। साध्‍वी प्रज्ञा पर तंज कसते हुए उन्‍होंने यह भी कहा था कि साधु के भेष बनाने से कोई साधु नहीं हो जाता। 

भोपाल सीट की चर्चा सबसे अधिक रही। क्योंकि यहां कांग्रेस के दिग्विजय सिंह के सामने भाजपा ने साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को मैदान में उतारा। साध्‍वी प्रज्ञा और दिग्विजय के बीच सीधी लड़ाई में मुकाबला दिलचस्‍प रहा, इससे पहले कम्प्यूटर बाबा ने दिग्गी राजा की जीत के लिए हठ योग भी किया। अपनी तरह का ये पहला अनुष्ठान था जिसे किसी नेता के समर्थन में आयोजित किया गया था। 

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