इलेक्शन एक्सप्रेस: भाई साहब, कुछ भी बोलो...यहां तो कांग्रेस आ गई, पर केंद्र में तो मोदी ही आएंगे
चुनाव को लेकर राजस्थान का मतदाता क्या सोचता है यह जानने के लिए मैं भी जयपुर के दुर्गापुरा रेलवे स्टेशन से जोधपुर-इंदौर रणथम्भौर एक्सप्रेस की जनरल बोगी में सवार हो गया।
जयपुर, मनीष गोधा। कहा जाता है कि देश की नब्ज टटोलनी हो तो रेल की किसी जनरल बोगी में सवार हो जाइए। लोकसभा चुनाव को लेकर राजस्थान का मतदाता क्या सोचता है, यह जानने के लिए मैं भी जयपुर के दुर्गापुरा रेलवे स्टेशन से जोधपुर-इंदौर रणथम्भौर एक्सप्रेस की जनरल बोगी में सवाई माधोपुर तक सवार हो गया। जयपुर से सवाई माधोपुर का सफर करीब दो घंटे का है। यह एक ऐसा रूट है, जहां दैनिक यात्री ही ज्यादातर मिलते हैं। काफी मशक्कत के बाद बोगी में चढ़ पाया। बोगी खचाखच भरी थी। दरवाजे से आगे बढ़ना मुश्किल हो रहा था। जहां जगह मिली खड़ा हो गया। मैं कुछ देर इंतजार करता रहा कि बात शुरू हो, लेकिन नहीं हुई। फिर मैंने पास खड़े एक युवक से बात शुरू की।
पता चला कि उसका नाम पुष्पेंद्र वैष्णव है और जयपुर में रहकर पढ़ाई करता है। चुनाव के माहौल की बात की तो वह पहले हिचकिचाया, फिर बोला-हां बन तो रहा है माहौल। लग रहा है मोदी जी वापस आएंगे। पुलवामा आतंकी हमले के बाद बहुत फर्क पड़ा है। पास खड़े एक और छात्र दिलखुश मीणा ने कहा कि मोदी ने काम तो किया है। सबसे अच्छा कामतो पाकिस्तान को सबक सिखाने का किया। यह बहुत जरूरी हो गया था। मैंने कहा, लेकिन रोजगार... तो दोनों बोले, उसकी भी कोशिश चल रही है। कुछ तो हो ही जाएगा। इसी बहस में विनोद कुमार भी शामिल हो गए। कहा कि वैसे तो बीए किया हुआ है, लेकिन काम पेंटर का करता हूं, क्योंकि नौकरी नहीं मिली। बोले-पाकिस्तान वाला काम तो सच में बहुत अच्छा किया है इस सरकार ने। बहुत सालों से सहन कर रहे थे। यह काम बहुत पहले होना चाहिए था। एक बात और इस सरकार में अच्छी हुई है कि लोगों को काम करना आ गया। पहले लोग काम चोरी करते थे। अब किसी सरकारी दफ्तर में जाओ तो लोग सीट पर दिखते हैं। रोजगार को लेकर तो कुछ होना ही चाहिए, बड़ी परेशानी है।
रेलवे को लेकर भी निकली बात
इतने में भीड़ का धक्का लगा तो एक व्यक्ति बोला, देखो कितनी भीड़ है। रेल के डिब्बे का रंगरोगन करना अच्छी बात है, लेकिन डिब्बे भी तो बढ़ाओ। किराया सब एक जैसा दे रहे हैं, लेकिन एक को सीट मिल जाती है, दूसरा पूरे रास्ते खड़े होकर जाता है। इस बीच कांग्रेस के 72 हजार रुपये देने की बात चली तो विनोद कुमार ने कहा, अरे साहब... ये घोषणाएं तो होती रहती हैं। सौ में से दस को लाभ मिलता है, बाकी 90 यूं ही परेशान होते रहते हैं। किसान कर्जमाफी को लेकर राजस्थान में यही तो हुआ है। इस बीच चर्चा में एक फैक्ट्री में काम करने वाले जितेंद्र सिंह भी शामिल हो गए। बताया कि पढ़ाई और नौकरी साथ ही करता हूं। राजस्थान में भले ही कांग्रेस आ गई, लेकिन केंद्र में तो मोदी सरकार ही आएगी। इतने साल कांग्रेस को देखा है तो इनको भी कम से कम एक मौका तो और मिलना ही चाहिए।
जातिगत समीकरण पर भी छिड़ी बात
जातीय समीकरण की बात उठी तो दिलखुश ने कहा कि हां, इसका असर तो पड़ता है। जितेंद्र ने भी कहा कि जाति के नाम पर गांव में माहौल भी बनाया जाता है। अब गांव जाऊंगा तो देखूंगा कि माहौल क्या है, लेकिन लोग इस बार बात तो मोदी की ही कर रहे हैं। बातचीत का सिलसिला हालांकि इसके बाद भी चलता रहा, लेकिन इसी दौरान अगला स्टेशन आ गया। जनरल बोगी में भीड़ और बढ़ गई तो चर्चा से ज्यादा लोग अपनी जगह सुरक्षित करने के जुगाड़ में लग गए। इसके कुछ देर बाद ट्रेन सवाई माधोपुर पहुंची और मेरी यात्रा ने भी विराम ले लिया।