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Lok Sabha Election 2019: स्थानीय नेताओं की अनदेखी पर 14 कांग्रेसियों का इस्तीफा

Lok Sabha Election 2019 संबलपुर के नेताओं की उपेक्षा से नाराज जिला कांग्रेस कमेटी के 14 पदाधिकारियों ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।

By Edited By: Published: Thu, 04 Apr 2019 09:24 PM (IST)Updated: Fri, 05 Apr 2019 09:13 AM (IST)
Lok Sabha Election 2019: स्थानीय नेताओं की अनदेखी पर 14 कांग्रेसियों का इस्तीफा

संबलपुर, जेएनएन। संबलपुर के नेताओं की उपेक्षा से नाराज जिला कांग्रेस कमेटी के 14 पदाधिकारियों ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। साथ ही पार्टी के जिला कार्यालय में ताला जड़ दिया है। कांग्रेस की ओर से पहले संबलपुर के पूर्व विधायक व जिला कांग्रेस अध्यक्ष अश्विनी गुरु को पार्टी का उम्मीदवार घोषित किया गया था लेकिन वीर सुरेंद्र साय इंस्टीटयूट ऑफ मेडिकल साइंस एंड रिसर्च के पूर्व निदेशक डॉ. अश्विनी पुजाहारी के कांग्रेस में शामिल होने के बाद से मामला उलझ गया।

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घोषित उम्मीदवार अश्विनी गुरु को टिकट को लेकर गड़बड़ी होने की आशंका थी। ऐसे में वह संबलपुर लोकसभा सीट के लिए टिकट की आस लगाए थे। लेकिन पिछले करीब पांच दशकों से कांग्रेस के साथ जुड़े अश्विनी को कांग्रेस ने नामांकन दाखिल करने के अंतिम दिन कुछ घंटे पहले बड़ा झटका दे दिया। अश्विनी को न तो विधानसभा और न ही लोकसभा का उम्मीदवार बनाया गया।

बलांगीर जिला के कांग्रेस नेता व पूर्व सांसद शरत पटनायक को संबलपुर लोकसभा का उम्मीदवार बनाया गया। इसकी खबर लगने के बाद से जिला कांग्रेस के पदाधिकारी भड़क गए। संबलपुर जिला के नेताओं को नजरअंदाज कर बलांगीर और सोनपुर जिला के नेताओं को यहां से उम्मीदवार बनाए जाने के विरोध में जिला कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष प्रेमप्रकाश साहनी समेत निरंजन त्रिपाठी, विजय कुमार भुइंया, महासचिव त्रिलोचन पुरोहित, नगर अध्यक्ष लालमोहन साठिया, सचिव गोपाल पंडा, संगठन सचिव नियति सेन, हरिश्चंद्र बाली, थोमास मचेरी, सरोज मिश्र, बुर्ला नगर अध्यक्ष शिवब्रत प्रधान, वरुण देहरी आदि ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।

गौरतलब है कि टिकट वितरण में गड़बड़ी की संभावना को देख बीते मंगलवार को कांग्रेस की ओर से राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी और प्रदेश अध्यक्ष निरंजन पटनायक को पत्र लिख कर चेतावनी दी गई थी कि अन्य जिला के लोगों को संबलपुर लोकसभा और विधानसभा का उम्मीदवार बनाये जाने पर सामूहिक इस्तीफा दिया जाएगा, लेकिन जिसका डर आखिर वही हुआ। कांग्रेस ने अन्य जिला के दोनों नेताओं को उम्मीदवार बनाया। यहां के असंतुष्ट कांग्रेसियों के असहयोग का खामियाजा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवारों को भुगतना पड़ सकता है।


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