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Lok Sabha Election : चुनावी चौपाल : थोड़ा मिला है, थोड़े की जरूरत है

LOk Sabha Election. बांगुड़दा गांव। प्रधानमंत्री के आह्वान पर इसे सांसद विद्युत वरण महतो ने सांसद आदर्श ग्रामÓ के रूप में चुना है। यहां चुनावी चौपाल में लोगों ने ये बातें कहीं।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Sat, 30 Mar 2019 01:32 PM (IST)Updated: Sat, 30 Mar 2019 01:32 PM (IST)
Lok Sabha Election : चुनावी चौपाल : थोड़ा मिला है, थोड़े की जरूरत है
Lok Sabha Election : चुनावी चौपाल : थोड़ा मिला है, थोड़े की जरूरत है

जमशेदपुर, वीरेंद्र ओझा। पूर्वी सिंहभूम जिला मुख्यालय से करीब 30 किलोमीटर दूर है पटमदा प्रखंड का बांगुड़दा गांव। प्रधानमंत्री के आह्वान पर इसे सांसद विद्युत वरण महतो ने 'सांसद आदर्श ग्रामÓ के रूप में चुना है। यह गांव डिमना चौक से माचा, कटिन होते हुए बड़ाबाजार (प. बंगाल) के रास्ते में पड़ता है। हमने बांगुड़दा गांव के माझपाड़ा में चौपाल लगाई, जहां लोग हरिमंदिर में जुटे। चौपाल में हर उम्र के लोग थे, जो हंसी-मजाक के साथ लोकसभा चुनाव के संबंध में बातें कर रहे थे।

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ग्रामीणों का कहना था कि पिछले पांच साल में डिमना से बांदवान तक पक्की सड़क मिल गई, तो गांव में घर-घर बिजली पहुंच गई। गांव की गलियों में भी चौक-चौराहों पर सोलर स्ट्रीट लाइट लग गई है। अब यहां पेयजल और एक अस्पताल की सख्त जरुरत है। किसान बनमाली माझी कहते हैं कि सांसद के प्रयास से गांव में पांच जगह बोङ्क्षरग हुई और जलमीनार भी लगे, लेकिन दो ही में पानी आ रहा है। वह भी खारा है, पीने लायक नहीं। 

बीमार पड़ने पर जाना पड़ता 30 किलोमीटर

कटिन में राशन दुकान चलाने वाले हिमांशु महतो की पीड़ा है कि गांव में कोई बीमार पड़ता है, तो हमारे पास 30 किलोमीटर जमशेदपुर या आठ किलोमीटर पर बांदवान (प. बंगाल) जाने के सिवा कोई विकल्प नहीं होता। यहां उपस्वास्थ्य केंद्र है, लेकिन करीब एक माह से डॉक्टर नहीं हैं। नर्स के भरोसे यह केंद्र चलता है। पास के माचा में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बना है, लेकिन वह अभी तक शुरू नहीं हो पाया है। पटमदा में भी नाम का ही स्वास्थ्य केंद्र है। 

कौशल विकास केंद्र की ख्वाहिश

शिबू सहिस अभी युवा हैं, लेकिन अनपढ़ हैं। वैसे वे राजमिस्त्री का काम करते हैं, लेकिन इनकी इच्छा है कि कौशल विकास केंद्र यहां होता तो कई युवाओं को इससे लाभ होता। इसी तरह की बातें गोपालचंद्र महतो, पशुपति सहिस, मुचीराम महतो, पदक महतो आदि ने भी कहीं।

 योजनाएं अच्छी, क्रियान्वयन ठीक नहीं

अश्विनी सिंह (मुखिया प्रतिनिधि) कहते हैं कि केंद्र सरकार की योजनाएं खराब नहीं हैं, लेकिन इनका क्रियान्वयन सही ढंग से नहीं हुआ। अभी तक शौचालय निर्माण व पेयजल के लिए जो भी काम हुए हैं, जिला प्रशासन ने ठेकेदार के माध्यम से कराया है। यदि इसे पंचायत स्तर पर कराया जाता, तो शायद बेहतर काम होता। ठेकेदार जैसे-तैसे काम करके चला गया, लेकिन हम उसका उपयोग नहीं कर पा रहे हैं, क्योंकि वे सही तरीके से नहीं बने।  


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