Move to Jagran APP

Lok Sabha Election 2019 : पहला मुद्दा,पहला वोट : व्यक्तिगत सामान की तरह ही नेता को चुनें : पीयूष

LOk Sabha Election 2019. दैनिक जागरण के पहला मुद्दा पहला वोट अभियान को संबोधित करते हुए कैप्टन डॉ. विजय कुमार पीयूष ने कहा कि नेता व्यक्तिगत सामान की तरह चुने।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Sun, 31 Mar 2019 12:13 PM (IST)Updated: Sun, 31 Mar 2019 12:13 PM (IST)
Lok Sabha Election 2019 : पहला मुद्दा,पहला वोट : व्यक्तिगत सामान की तरह ही नेता को चुनें : पीयूष
Lok Sabha Election 2019 : पहला मुद्दा,पहला वोट : व्यक्तिगत सामान की तरह ही नेता को चुनें : पीयूष

जमशेदपुर, जागरण संवाददाता। दैनिक जागरण ने लोकसभा चुनाव के मद्देनजर आपके मुद्दे को जानने का प्रयास किया है। इससे भारत की भावी पीढ़ी के विचार जानने का मौका मिलेगा। यह बातें दैनिक जागरण के पहला मुद्दा, पहला वोट अभियान को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि को-ऑपरेटिव कॉलेज के हिंदी विभाग के अध्यक्ष सह एनसीसी अधिकारी कैप्टन डॉ. विजय कुमार पीयूष की। 

loksabha election banner

उन्होंने छात्रों से अपील की कि वे जिस तरह चावल, कुत्ता, जूता, जैसे व्यक्तिगत सामान चुनते हैं, ठीक उसी तरह से इस संसदीय चुनाव में सर्वे कर अपने सांसद को चुने। डॉ. पीयूष ने कहा कि आज के छात्र यह चाहते हैं केरल हो या राजस्थान सबको समान शिक्षा मिलें। यह नहीं हो कि जब नर्सरी में एडमिशन के लिए 60 हजार रुपय लग सकता है तो बीए एडमिशन में एक लाख क्यों नहीं। शिक्षा का व्यापक निजीकरण से रोकना बहुत जरूरी है। वर्ना सबको एक समान शिक्षा की कल्पना करना मुश्किल है। ठीक उसी तरह से स्वास्थ्य है।

न देखें जाति-धर्म

प्रत्याशी को वोट करते समय यह न देंखे वे किसी जाति से किस धर्म से है, बल्कि देखें कि वह कितना पढ़ा-लिखा है। समाज में उसकी पहचान क्या है। मुद्दों पर आधारित प्रत्याशियों से बात करें। ठोक बजाकर वोट दें। वर्ना नीतीश भारद्वाज जैसा कोई आएगा और आप उसके सजदे में आंख मूंदकर वोट डालेंगे, जिसका पछतावा बाद में होगा। ऐसा करने पर जीतने वाला नहीं बल्कि आप शर्मिदा होते हैं। छात्र भारत के भविष्य है। इस कारण दैनिक जागरण ने शैक्षणिक संस्थानों को इस अभियान के लिए चुना है, इससे छात्रों की राय जानने का मौका मिला है।

नोटा को नो

इस जागरुकता अभियान को को-ऑपरेटिव कॉलेज के बीएड प्रभारी डॉ. संजीव कुमार सिंह ने कहा कि छात्रों ने इस बार नोटा को नो कहने का मन बनाया है। कॉलेज के छात्रों ने इसका संकल्प लिया है। वे अपना मतदान जरूर करें तथा प्रत्याशी की जीत-हार में देशहित में मतदान अवश्य करें। इस अभियान की अध्यक्षता कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य डॉ. केएम महतो ने की। मौके पर शिक्षकों में डॉ. अशोक कुमार रवानी, डॉ. कृष्णा प्रसाद, डॉ. मनोज, फ्लोरेंस वेग, राजीव झा, महावीर महतो, विनय पाठक, राजू ओझा उपस्थित थे।

ऐसे प्रत्याशी को वोट करेंगे ताकि पछतावा न हो

को-ऑपरेटिव कॉलेज में शनिवार को आयोजित पहला मुद्दा, पहला वोट अभियान में छात्रों ने एक सुर में कहा कि हम ऐसे प्रत्याशी को वोट करेंगे ताकि पछतावा न हो। हां यह सही है तमाम मुद्दों पर बात होगी। मुद्दों से भागने वाले प्रत्याशियों को तरजीत नहीं देंगे। केंद्रीय छवि के साथ-साथ स्थानीय छवि को को भी देखेंगे। शिक्षा एवं स्वास्थ्य प्राथमिकता सूची में सबसे आगे रहेगी। उसके बाद काम के अधिकार को मौलिक अधिकार में शामिल।

स्वास्थ्य हमारा पहला मुद्दा होगा। आज भी स्वास्थ्य केंद्रों में मरीजों का इलाज पैरासिटमल पर निर्भर है। इसकी व्यवस्था में सुधार होना चाहिए।

- अंजन सेन।

नोटा का प्रयोग कम से कम हो हम इसका ध्यान रखेंगे। वोट जरूर करेंगे। केंद्र व स्थानीय चेहरा इस चुनाव में बहुत मायने रखेगा।

- सोनू कुमार पाठक।

ठगबंधन गठबंधन नहीं चलेगा। शिक्षा का निजीकरण बंद करना होगा। कहीं 1500 में शिक्षा तो वही शिक्षा अन्य जगहों में डेढ़ लाख में। ऐसा नहीं चलेगा।

- सुजीत कुमार मुर्मू।

मागों को पूरा करने वालों को वोट दूंगा। सबसे पहले देश हित देखूंगा और इसके बाद स्थानीय मुद्यों को लेकर प्रत्याशी का परखूंगा।

- अमन पांडेय।

इस चुनाव में रोजगार देने वाले प्रत्याशी को वोट दूंगी। रोजगार कोल्हान विश्वविद्यालय की तरह रोजगार नहीं चाहिए। कम से गुजारा होने वाला रोजगार चाहिए।

- दीपिका शर्मा

सड़क व किसान इस चुनाव में मुद्दा होगा। हमारे किसान की उपज सुरक्षित नहीं है, आज तक इस जिला में कोल्ड स्टोरेज नहीं बना है। गांव में सड़के नहीं है।

- बृहस्पति महतो

महिला सुरक्षा इस चुनाव में मेरा मुद्दा है। आज की जो परिस्थिति है महिलाओं को सात बजे के बाद काम करने नहीं दिया जाता है। हमें पुरुषों के समान आजादी चाहिए।

- रुकैया तहसीन।

आज तक मेरे गांव में बिजली नहीं पहुंची है, डिबरी से पढ़ाई करते हैं। तेल खत्म होने पर वह भी बंद हो जाती है। गांव में अस्पताल व शिक्षा की व्यवस्था करने वालों को ही वोट।

- लक्ष्मण बानरा।

वैसे इंजीनियरिंग कॉलेज सरकार न खोलें जो बेरोजगार की फौज तैयार कर रही है। इन कॉलेजों को बंद किया जाना चाहिए। सरकारी शिक्षा व्यवस्था में सुधार हो।

- आशीष कुमार झा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.