पश्चिम बंगाल: वोटिंग में गड़बड़ी की आशंका को लेकर 80 फीसद बूथ पर तैनात किए जाएंगे केंद्रीय बल
11 अप्रैल को कूच बिहार और अलीपुरद्वार के कुछ हिस्सों से बूथ कैप्चरिंग इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों की तोड़-फोड़ और मतदाताओं को डराने-धमकाने की घटनाएं सामने आईं थी
कोलकाता (पीटीआइ)। पश्चिम बंगाल में विपक्षी दलों की ओर से पहले चरण के मतदान में गड़बड़ी की शिकायत किए जाने के कुछ दिनों बाद चुनाव आयोग ने तीन लोकसभा सीटों पर 5,000 से अधिक बूथों पर 80 फीसद केंद्रीय बल तैनात करने का फैसला किया है, यहां 18 अप्रैल को मतदान होगा।
11 अप्रैल को कूच बिहार और अलीपुरद्वार के कुछ हिस्सों से बूथ कैप्चरिंग, इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों की तोड़-फोड़ और मतदाताओं को डराने-धमकाने की घटनाएं सामने आईं थी।
चुनाव आयोग के एक अधिकारी के अनुसार शुरुआत में दार्जिलिंग, रायगंज और जलपाईगुड़ी सीटों के 5,390 बूथों में से 55 फीसद पर केंद्रीय बलों को तैनात करने का फैसला किया गया था, लेकिन पहले चरण के चुनाव में अनियमितताओं की शिकायतों के बाद इसमें बदलाव किया गया।
चुनाव आयोग के अधिकारी के मुताबिक, 'पहले चरण में केंद्रीय बलों ने अलीपुरद्वार और कूचबिहार के 51 फीसद बूथों को कवर किया। लेकिन अब यह तय किया गया है कि लोकसभा की तीन सीटों के लिए 80 फीसद मतदान केंद्रों पर केंद्रीय बलों की 194 कंपनियां तैनात रहेंगी।'
अधिकारी ने कहा कि अन्य 20 फीसद बूथों पर राज्य सशस्त्र पुलिस, सीसीटीवी, वेबकास्टिंग, वीडियोग्राफी की जाएगी। इसके अलावा, केंद्रीय बलों की छह कंपनियों को स्ट्रांग रूम की सुरक्षा में तैनात किया जाएगा। दूसरे चरण के लिए केंद्रीय बलों की संख्या बढाई गई है, अधिकारी ने कहा कि हो सकता है कि अगले पांच चरणों के लिए चुनाव आयोग सौ फीसद अर्धसैनिक बल की व्यवस्था करे।
उन्होंने कहा, चुनाव आयोग के निर्देशों के अनुसार तीसरे चरण के मतदान के लिए अर्धसैनिक बलों की 274 कंपनियां पश्चिम बंगाल में तैनात की जा सकती हैं। चौथे चरण में यह संख्या बढ़कर 383 और पांचवें चरण में 400 तक पहुंच सकती है। चुनाव अधिकारी ने कहा, छठे और सातवें चरण में यह आंकड़ा कम हो सकता है।