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Lok Sabha Election 2019: पलामू में BJP की तैयारी मुक्कमल, RJD पिछड़ा; पढ़ें Reality Check

Lok Sabha Election 2019. भाजपा का कार्यालय शहर थाना रोड में तो राजद का कोई स्थायी ठिकाना नहीं। शहर में झंडे लगाने में दोनों दलों के बीच बसपा की भी है सेंधमारी।

By Alok ShahiEdited By: Published: Tue, 23 Apr 2019 11:28 AM (IST)Updated: Tue, 23 Apr 2019 11:37 AM (IST)
Lok Sabha Election 2019: पलामू में BJP की तैयारी मुक्कमल, RJD पिछड़ा; पढ़ें Reality Check
Lok Sabha Election 2019: पलामू में BJP की तैयारी मुक्कमल, RJD पिछड़ा; पढ़ें Reality Check

मेदिनीनगर, राज्य ब्यूरो। Lok Sabha Election 2019 - पलामू में प्रचार अब अपने अंतिम दौर में है। सड़कों पर कम ही सही लेकिन प्रचार की गाडिय़ां धूल उड़ाती दिख रहीं। डालटनगंज में शहर में भाजपा के झंडों के बीच राजद और बसपा के झंडों की सेंधमारी है। बाइक पर कोई मोदी का मुखौटा लगाए घूम रहा, तो कोई माथे पर राजद की पट्टी बांधे नजर आता है। सुबह से देर रात तक चुनावी कार्यालयों में गहमागहमी का माहौल दिख रहा है। रणनीति बनती है। खर्चे का हिसाब -किताब और पेट्रोल-बैनर के पैसे का भी जिक्र होता। भाजपा का कार्यालय शहर थाना रोड में है तो राजद का यहां कोई स्थायी कार्यालय नहीं। होटल या धर्मशाला में बैठक होती है।

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पलामू में भाजपा प्रत्याशी बीडी राम की प्रचार कमान वैसे तो पार्टी के नेताओं ने संभाल रखी है लेकिन अर्थ प्रबंधन के आखिरी स्तर पर परिजनों का ही वीटो लगता है। खर्च का लेखा-जोखा यहीं रख रहे हैं। भाजपा नेताओं में प्रदेश उपाध्यक्ष और पलामू के लोकसभा प्रभारी आदित्य साहू, प्रदेश के मंत्री मनोज सिंह लगातार यहां कैंप कर कार्यकर्ताओं को निर्देश दे रहे। बीडी राम के रिश्तेदार और छतरपुर विधायक राधाकृष्ण किशोर तो शुरू से ही मोर्चे पर तैनात हैं। हालांकि उनसे कार्यकर्ता नाराज हैं। वजह, अक्सर उनका मोबाइल स्विच ऑफ मिलता है इन दिनों।

ऑफ रिकॉर्ड भाजपा के एक नेता ने कहा कि मोबाइल स्विच ऑफ यूं ही नहीं रहता। भाई, प्रचार में पैसा तो लगता है। कार्यकर्ता पैसे के लिए बारबार फ़ोन करते हैं, तो सबसे बढिय़ा उपाय चुपचाप मोबाइल ऑफ कर लो। यह भी जोड़ते कि मोदी लहर का फायदा उठाकर जो पैसा बच जाए बेहतर। इधर राजद ने भी प्रचार में पूरी ताकत झोंक रखी है कांग्रेस-झाविमो का पूरा सपोर्ट भी है। झामुमो ने भी बल दे रखा है। हालांकि, आर्थिक मोर्चे पर घूरन राम थोड़े कमजोर दिख रहे। लोकसभा चुनाव लडऩा आसान नहीं। हजार और लाख का जमाना कब का लद गया।

छह विधानसभा में ताकत झोंकनी है तो करोड़ का गणित है। बैनर पोस्टर के अलावा मीडिया को भी विज्ञापन देना पड़ता है। पिछले दिनों एक बड़े अखबार के प्रतिनिधि घूरन राम से बातचीत करने पहुंचे। घूरन राम ने थोड़ी देर बातचीत के बाद उनसे कहा, आप कांग्रेस के फलां नेता से गढ़वा में मिल लीजिए वही मैनेजमेंट संभाल रहे। उस नेता के पास पहुंचने के बाद उन्होंने कहा कि अरे भाई घूरन राम आपको घुमा रहे। मेरे पास कहां फंड है।

बूथ प्रबंधन की बात करें तो भाजपा यहां भी चाक- चौबंद दिखती है। भाजपा नेता शशिभूषण पांडे कहते हैं कि काफी समय पहले से हमारे कार्यकर्ताओं ने घर-घर वोट पर्ची पहुंचाने का काम शुरू कर दिया था, अब यह आखिरी दौर में है। चुनाव के दिन एक बूथ पर दस यूथ की तैयारी पूरी कर ली गई है। वे बूथ खर्च की जानकारी साझा नहीं करते हैं। हालांकि, बताया जा रहा है कि कम से कम 5000 रुपये और लंच की व्यवस्था है एक बूथ पर। दूसरे दलों के लोग अभी इस मोर्चे पर बहुत कुछ करते नहीं दिख रहे हैं। राजद के पास भाजपा जैसा कैडर नहीं।

देर रात भाजपा के चुनाव कार्यालय में हिसाब किताब चल रहा। यहां कार्यकर्ता और नेता जी की बहस हो रही है। नेता जी कहते हैं तीन लीटर पेट्रोल की पर्ची दी है और यहां बैठकर समय गुजार रहे हो। कार्यकर्ता भी जिरह पर उतर जाता है। कहता है कि दिन भर तो गली-गली घूम रहे हैं। 3 लीटर की जगह 5 लीटर खर्चा हो गया। अब क्या खून से गाड़ी चलेगी। बहस बढ़ती इससे पहले दूसरे लोगों ने हस्तक्षेप किया और मामला शांत हो गया। यहां कल किस को किस मोहल्ले और गली में जाना है इसकी रणनीति तैयार की जा रही। पता चला देर रात सांसद यहां पहुंचेंगे कार्यकर्ता उनके इंतजार में बैठे हैं।


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