BJP Manifesto foreign policy: प्रवासी भारतीयों को बेहतर सूचना तंत्र मिलेगा, आतंकवाद का खात्मा करेंगे
BJP Manifesto में विदेश नीति पर ध्यान देते हुए सात बिंदुओं में बांटा गया है। वसुधैव कुटुंबकम का अनुसरण करते हुए मैत्रीपूर्ण देशों के साथ प्रगति शांति और सुरक्षा की बात कही गई है।
नई दिल्ली [ जागरण स्पेशल ]। भारतीय जनता पार्टी ने सोमवार को पार्टी मुख्यालय में लोकसभा चुनाव 2019 के लिए घोषणा पत्र जारी कर दिया है। भाजपा ने इसे संकल्प पत्र नाम दिया है। इसमें विदेश नीति पर खासा ध्यान दिया है। इसे सात मुख्य बिंदुओं में बांटा गया है। मुख्य रूप से वसुधैव कुटुंबकम का अनुसरण करते हुए मैत्रीपूर्ण देशों के साथ प्रगति, शांति और सुरक्षा बेहतर करने की बात कही गई है। प्रवासी भारतीयों से जुड़ाव के लिए संस्थागत सूचना तंत्र बनाने का वादा किया गया है। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काम कर रहे देशों के साथ जुड़ने की बात कही गई है।
वसुधैव कुटुंबकम के तहत वैश्विक सहयोग की बात
भाजपा ने संकल्प पत्र में विदेश नीति के तह पहले बिंदु में वसुधैव कुटुंबकम का अनुसरण करते हुए पड़ोसी देशों के साथ विकास, सुरक्षा और शांति के मोर्चे को और मजबूत करने का वादा किया है। आपदा राहत और मानवीय सहायता के लिए लचीला बुनियादी ढांचा विकसित करने की बात भी कही है। दूसरे बिुंदु में शिक्षा और तकनीक ज्ञान को बेहतर करने के लिए वैश्चिक स्तर पर सहयोग की बात कही गई है। इसके लिए अन्य देशों से शिक्षा और तकनीक को एक दूसरे से साझा कर बेहतर करने का वादा किया गया है। तकनीक को उच्च शिखर पर ले जाने के लिए अंतरर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का सहयोग करने की बात कही गई है।
भारत गौरव अभियान शुरू करेंगे
तीसरे बिंदु में विदेशों में रहने वाले भारतीयों को केंद्र में रखा गया है। इसमें प्रवासी भारतीय से नियमित रिश्ते बनाए रखने के लिए अलग से तंत्र स्थापित करने का वादा किया गया है। इसके लिए भारत गौरव अभियान की शुरूआत करने का वादा किया गया है। इसी तरह आतंकवाद के मुद्दे पर वैश्विक स्तर पर और मजबूती से काम करने की बात कही गई है। आतंकवाद से संबंध रखने वाले देशों और संगठनों को वैश्विक मंच पर अलग-थलग करने के लिए सभी आवश्यक उपाय करने का वादा किया गया है।
वैश्विक मुसीबतों से निपटेंगे
वैश्विक मुसीबतों से निपटने के लिए यूएन, जी 20, ब्रिक्स, एससीओ, कॉमनवेल्थ आदि मंच के जरिए काम करेंगे। इसके अलावा-रूस इंडिया-चीन (आरआईसी) और जापान-अमेरिका-भारत (जेएआई) जैसे सांकेतिक बातचीत के माध्यमों से वैश्विक बुराइयों के खिलाफ लड़ाई में सहयोग करेंगे। अपनी नेबरहुड फर्स्ट नीति को आगे बढ़ाने के लिए पड़ोसी देशों के साथ क्षेत्रीय समन्वय और आर्थिक सहयोग में तेजी लाने के लिए बड़े पैमाने पर बिम्सटेक जैसे मंचों का लाभ उठाया जाएगा।सभी देशों के विकास के लिए राजनयिक संबंधों का एक बड़ा ध्यान केंद्रित करने के लिए ज्ञान का आदान-प्रदान और प्रौद्योगिकी साझा करने का वादा किया गया है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता पाने का वादा
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता के लिए पूरे मनायोग से काम करने की बात भी संकल्प पत्र में कही गई है। वादा किया गया कि वैश्विक व्यस्तता और दुनिया में भारत के ऊंचे कद के साथ तालमेल रखने के लिए राजनयिकों की ताकत को बढ़ाया जाएगा। इसके अलावा एक मजबूत तंत्र के जरिए विदेश नीति-निर्माण में विस्तार की सुविधा दी जाएगी। भारत में प्रासंगिक विदेश नीति और भूराजनीतिक मुद्दों और मैत्रीपूर्ण विदेशी राजनयिकों की क्षमताओं को विकसित करने के लिए संस्थानों की स्थापना की जाएगी। इसके लिए एक पूर्ण विश्वविद्यालय की स्थापना भी करने का वादा किया गया।