Lok Sabha Election 2019 : कोई भी जीत जाए, हम गरीब लोग गरीब ही रहेंगे..ELECTION TRAVEL
Lok Sabha Election 2019. प्रदीप कुमार प्रामाणिक कहने लगे कि सिंहभूम सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी गीता कोड़ा और भाजपा प्रत्याशी लक्ष्मण गिलुवा के बीच मुकाबला होगा।
टाटा-किरीबुरु, मां भवानी शंकर बस से परमानंद गोप। Lok Sabha Election 2019 दिन सोमवार। शाम के 4.40 बज रहे हैं। जगन्नाथपुर बस स्टैंड में टाटा से किरीबुरु जा रही मां भवानी शंकर बस आकर रुकी। यात्री अपने गंतव्य तक जाने के लिए बस में चढ़ने लगे। मैं भी भीड़ का हिस्सा था। धीरे से जगन्नाथपुर से नोवामुंडी तक जाने के लिए बस में चढ़ गया। बस खुलने के थोड़ी देर बाद मौका देखकर मैंने सहयात्री से चुनावी गपशप शुरू कर दी।
एक यात्री हो भाषा में कहने लगे- वोट रे ¨तगुवा कान नेता कोएते जाई दाईयो रेयो रेंगे होको दो रेंगे गेबु ताईना। होको डियंग तेको चाकड चाबा काड बुआ। निमिर दो कम से कम वोट रेया महत्व दोबु सोमजाओ तेया बु दोरकारा।’ (चुनाव में खड़े प्रत्याशियों में से कोई भी जीत दर्ज कर ले हम गरीब लोग गरीब ही रहेंगे। हमलोगों को हड़िया से ठगा जा रहा है। आज के समय में हमें कम से कम वोट के महत्व को समझना होगा।)
मैंने पूछा, आपका नाम क्या है? उन्होंने नाम नहीं बताया। पूछा- कहां के रहने वाले हैं? जवाब मिला- किसान हूं। कोटगढ़ बस स्टैंड से दस किलोमीटर दूर सरबाई गांव में रहता हूं। पास खड़े एक व्यक्ति ने तुरंत बात आगे बढ़ाते हुए कहा- नोवामुंडी क्षेत्र में इसबार वैसे प्रत्याशी को लोग वोट देंगे जो बंद पड़े 12 लौह अयस्क खदानों को दोबारा शुरू करने का वादा करेगा। खदानें बंद होने से काम कर रहे हजारों स्थायी व अस्थायी मजदूरों के समक्ष रोजी-रोटी की समस्या पैदा हो गई है।
पूछा- नाम क्या है? जवाब मिला- बिक्रम हेम्ब्रम। बगल में बैठे प्रदीप कुमार प्रामाणिक कहने लगे कि सिंहभूम सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी गीता कोड़ा और भाजपा प्रत्याशी लक्ष्मण गिलुवा के बीच मुकाबला होगा। गीता कोड़ा ने इस चुनाव को रोचक बना दिया है। कड़ा टक्कर दे रही हैं। लक्ष्मण गिलुवा केवल मोदी सरकार की उपलब्धियों को भुनाने में लगे हैं। उधर, गीता कोड़ा अपने पति पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा के कार्यकाल में किए गए विकास कार्यो को वोटरों के सामने रखकर वोट मांग रही हैं। भाजपा कई क्षेत्रों में सर्जिकल स्ट्राइक, जीएसटी का गुणगान कर रही है। इससे चुनाव कितना प्रभावित होगा यह तो समय बताएगा।
चाईबासा से नोवामुंडी लौट रहे गैरेज मिस्त्री विश्वकर्मा दास कहने लगे- लक्ष्मण गिलुवा को जनता नहीं चाहते हुए भी नरेंद्र मोदी के नाम पर वोट दे देगी। गिलुवाजी गांव में कभी आए ही नहीं। जगन्नाथपुर, नोवामुंडी, किरीबुरु, बड़ाजामदा, गुवा में एक से दो कार्यकर्ता हैं, उनसे ही घिरे रहे। कभी मिलना होता है तो इन्हीं से मिलते हैं। कई गांव ऐसे हैं कि आज भी अपने सांसद को नहीं पहचान पाएंगे। बातचीत का दौर चल ही रहा था कि बस नोवामुंडी बस स्टैंड में आकर रुक गई। खलासी से जोरदार आवाज लगाई। यात्रियों के साथ मैं भी उतर गया।