Lok Sabha Election 2019: मुंडाओं की रणभूमि बनी खूंटी, अर्जुन के सामने कालीचरण
Lok Sabha Election 2019. भाजपा ने बढ़ती उम्र का हवाला देकर कड़िया मुंडा के स्थान पर झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा को मैदान में उतारा है।
रांची, [प्रदीप सिंह]। Lok Sabha Election 2019 - राजधानी रांची से सटे खूंटी संसदीय क्षेत्र की पहचान अमर स्वतंत्रता सेनानी भगवान बिरसा मुंडा की वजह से मिली। इलाके के सघन वन क्षेत्र और ऊंची पहाडिय़ों में उनके गोरों से संघर्ष के निशान आज भी मौजूद हैं। फिलहाल सियासी मोर्चे पर कडिय़ा मुंडा ने खूंटी की पहचान कायम की। इस बार चुनाव मैदान में कडिय़ा मुंडा नहीं हैं। भाजपा ने बढ़ती उम्र का हवाला देकर उनके स्थान पर झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा को मैदान में उतारा है।
एक सधे खिलाड़ी की तरह अर्जुन मुंडा चुनावी समर में कडिय़ा मुंडा का आशीष लेकर कूद पड़े हैं। अर्जुन मुंडा इस क्षेत्र की जटिलताओं से वाकिफ हैं। लिहाजा वे रणनीतिक मोर्चे पर सर्तक और सजग भी हैं। उनकी कोशिश कडिय़ा मुंडा की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने की होगी। हालांकि, कांग्रेस ने उन्हें चक्रव्यूह में घेरने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ा है। खूंटी से कांग्रेस पार्टी ने कालीचरण मुंडा को उनके मुकाबले उतारा है।
कालीचरण मुंडा इलाके के प्रतिष्ठित राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखते हैं। आश्चर्यजनक यह भी है कि उनके सगे भाई नीलकंठ सिंह मुंडा भाजपा में हैं और राज्य सरकार में मंत्री भी। मुंडा वोटरों को साधने से लेकर, मिशनरियों की रणनीति भेदने समेत शहरी वोटरों को आकर्षित करने की चुनौती दोनों प्रत्याशियों के बीच है। इसमें जो कामयाबी पाएगा, जीत का सेहरा उसी के सिर बंधेगा। हालांकि देर से घोषणा होने के कारण कांग्रेस प्रत्याशी कालीचरण मुंडा चुनाव प्रचार में पिछड़े प्रतीत हो रहे हैं जबकि अर्जुन मुंडा ने आक्रामक प्रचार अभियान चला रखा है। वे हर इलाके में जनसंपर्क अभियान चला रहे हैं।
कुल वोटर - 1174643
पुरुष - 589866
महिला- 584776
ट्रांसजेंडर मतदाता- 01
कुल मतदान केंद्र - 1705
विधानसभा क्षेत्र
खरसावां- विधायक जेएमएम दशरथ गगराई
तमाड़- विधायक आजसू के विकास मुंडा
तोरपा- विधायक जेएमएम के पौलुस सुरीन
खूंटी - विधायक भाजपा के नीलकंठ सिंह मुंडा
सिमडेगा- भाजपा से विमला प्रधान
कोलेबिरा- कांग्रेस-विक्सल कोनगाड़ी
2014 के चुनाव परिणाम
भाजपा - कडिय़ा मुंडा 269185 (36.49 प्रतिशत)
झापा - एनोस एक्का- 176937 (23.99 प्रतिशत)
कांग्रेस -कालीचरण मुंडा 147017 (19.93 प्रतिशत)
आजसू- नियेल तिर्की-27158 (3.68 प्रतिशत)
जेवीएम- बसंत कुमार लोंगा- 24514 (3.32 प्रतिशत)
मुद्दे : राष्ट्रीय
रेलवे : समग्र तौर पर रेलवे लाइन से जोडऩे की मांग काफी पुरानी।फिलहाल अपेक्षित विस्तार नहीं।
औद्योगिक इकाइयां : संसदीय क्षेत्र में औद्योगिक इकाइयां नहीं, जबकि इसके विकास की प्रचुर संभावना।
सड़क : सड़कों का अपेक्षित विस्तार नहीं। जबकि यहां से गुजरने वाली सड़कें राज्य को ओडिशा से जोड़ती है।
राज्यस्तरीय
पर्यटन : पर्यटन विकास की असीम संभावनाएं। कई रमणीय पर्यटन स्थल। जलप्रपात भी, पंचघाघ जलप्रपात मशहूर है।
सिंचाई सुविधा : कृषि के लिए पूरी तरह बारिश पर निर्भरता। सिंचाई की सुविधा हो तो होगी आर्थिक उन्नति।
स्वरोजगार - ग्रामीण कई उत्पाद बनाने में माहिर। अगर उन्हें कुटीर और लघु उद्योग के लिए प्रोत्साहन मिला तो बदलेगी सूरत।
स्थानीय मुद्दे
पलायन -- रोजगार के साधन नहीं है। कोई कल कारखाना नहीं। पूरी निर्भरता वन उत्पादों पर।
कृषि--सिंचाई के साधन नहीं होने के कारण सिर्फ धान की खेती होती है, वह भी भगवान भरोसे। कृषि उत्पादन कम।
शिक्षा--सिर्फ एक डिग्री कॉलेज है। वह भी बदहाल। नॉलेज सिटी का सपना पूरा नहीं हुआ।
अर्जुन मुंडा का प्रोफाइल
नाम : अर्जुन मुंडा
शिक्षा : स्नातक एवं समाज विज्ञान में स्नातकोत्तर डिप्लोमा
90 के दशक में झारखंड अलग राज्य आंदोलन से जुड़े। 1995 में खरसावां से झामुमो के टिकट पर विधायक चुने गए। 1999 में झामुमो से भाजपा में आए। 2000 में पुन: विधायक चुने गए और बाबूलाल मरांडी की सरकार में कल्याण मंत्री बने। 2003 में बाबूलाल मरांडी की सरकार गिरने पर 35 वर्ष की आयु में झारखंड के मुख्यमंत्री बने। 2005 में दूसरी बार झारखंड के मुख्यमंत्री का पद संभाला। 2009 में जमशेदपुर से पहली बार सांसद बने। 2010 में वे तीसरी बार झारखंड के मुख्यमंत्री बने। 2014 में खरसावां से चुनाव लड़े, जिसमें झामुमो के दशरथ गागराई से पराजित हो गए।
मत-विमत
भगवान बिरसा की धरती की गरिमा को कायम रखूंगा। प्रकृति से हमारा प्रारंभ से जुड़ाव रहा है। प्राचीनकाल से ही भारत की संस्कृति एवं गरिमा को दुनिया मानती आ रही है। भाजपा की सरकार में ही गरिमा कायम रह सकती है। नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हर क्षेत्र में विकास हो रहा है। आप साथ दें, विकास के मामले में कोई भी क्षेत्र अछूता नहीं रहेगा। अर्जुन मुंडा, भाजपा प्रत्याशी
कालीचरण मुंडा का प्रोफाइल
नाम : कालीचरण मुंडा
शिक्षा : इंटर पास
जन्म स्थल : ग्राम माहिल, मुरहू।
1992 और 1995 में तमाड़ से कांग्रेस के टिकट पर विधायक चुने गए। कांग्रेस पार्टी के संगठन में कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे। कांग्रेस के जिलाध्यक्ष से लेकर प्रदेश महामंत्री व उपाध्यक्ष तक का पद संभाला। फिलहाल एआइसीसी के सदस्य हैं। 2014 में कांग्रेस के टिकट पर खूंटी से लोकसभा चुनाव लड़े और 147017 वोट लाकर तीसरे स्थान पर रहे।
कालीचरण मुंडा के बोल : खूंटी लोकसभा क्षेत्र में रोजगार का कोई साधन नहीं है। रोजगार के लिए हर वर्ष 70-80 हजार लोग पलायन करते हैं। भाजपा सरकार में यह क्षेत्र उपेक्षित रहा है। बेरोजगारों को रोजगार के लिए कोई योजना भाजपा सरकार के पास नहीं है। किसानों की हालत दयनीय हो गई है। सब्जी उत्पादन के बाद उसे बेचने के लिए बाजार नहीं है। उन्हें बैठने के लिए भी बाजार में कहीं जगह नहीं मिलती है। बुनियादी समस्याओं का त्वरित निष्पादन किया जाएगा।