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Lok Sabha Election 2019: नतीजों से पहले विपक्ष की मोर्चेबंदी, साझा विपक्षी मोर्चा बनाने की कसरत

तेदेपा प्रमुख और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी समेत विपक्षी खेमे के कई नेताओं से मुलाकात कर सरकार बनाने की पहल पर चर्चा की।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sat, 18 May 2019 08:04 AM (IST)Updated: Sat, 18 May 2019 11:05 PM (IST)
Lok Sabha Election 2019: नतीजों से पहले विपक्ष की मोर्चेबंदी, साझा विपक्षी मोर्चा बनाने की कसरत
Lok Sabha Election 2019: नतीजों से पहले विपक्ष की मोर्चेबंदी, साझा विपक्षी मोर्चा बनाने की कसरत

नई दिल्ली (जागरण न्यूज नेटवर्क)। लोकसभा चुनाव के आखिरी चरण के मतदान और नतीजों से पहले ही विपक्षी खेमे ने नई सरकार बनाने की संभावनाओं को लेकर साझा मोर्चा बनाने की कसरत शुरू कर दी है। खास बात यह है कि यह कवायद बड़े दलों की ओर से नहीं, बल्कि क्षेत्रीय दल तेलुगु देसम पार्टी (तेदेपा) की ओर से की गई है। तेदेपा प्रमुख और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी समेत विपक्षी खेमे के कई नेताओं से मुलाकात कर सरकार बनाने की पहल पर चर्चा की। बसपा सुप्रीमो मायावती और सपा प्रमुख अखिलेश यादव से नायडू की मुलाकात विपक्षी गोलबंदी के लिहाज से बेहद अहम मानी जा रही है।

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भाजपा-राजग की ओर से विगत में दिखाई गई राजनीतिक तेजी से सतर्क विपक्षी पार्टियां चुनाव नतीजे आने से पहले ही सभी विकल्पों पर विचार-मंथन कर लेना चाहती हैं। ताकि नतीजों के हिसाब से सियासी रणनीति तय करने में ज्यादा वक्त न लगे। इसीलिए चंद्रबाबू नायडू ने शनिवार सुबह राहुल गांधी से सरकार बनाने के विकल्पों से लेकर नेतृत्व जैसे जटिल मसलों पर कांग्रेस का रुख जाना।

कांग्रेस ने शुक्रवार को ही साफ कर दिया था कि वह सभी विपक्षी दलों के साथ मिलकर एक साझा प्रगतिशील गठबंधन सरकार का नेतृत्व करने को तैयार है। कांग्रेस के रुख से साफ है कि पार्टी ने सरकार के नेतृत्व पर अपना दावा छोड़ा नहीं है। हालांकि भाजपा को रोकने के लिए सभी विपक्षी दलों के साथ मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता जताकर लचीला रवैया अपनाने की गुंजाइश का संदेश भी दिया।

नायडू की पहल पर कांग्रेस का सकारात्मक रुख एक तरह से फेडरल फ्रंट के बहाने विपक्षी खेमे में सेंध लगाने की तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) प्रमुख के. चंद्रशेखर राव की कोशिशों को पंचर करने का दांव भी माना जा रहा है। चंद्रशेखर राव चुनाव नतीजों के बाद क्षेत्रीय दलों के फेडरल फ्रंट की कांग्रेस के समर्थन से सरकार बनाने के हिमायती हैं। वह भाजपा को रोकने के नाम पर कांग्रेस को तीसरे मोर्चे जैसी सरकार का समर्थन करने के लिए बाध्य करना चाहते हैं।

चंद्रशेखर राव के दांव को नाकाम करने की इसी कोशिश में चंद्रबाबू ने राकांपा नेता शरद पवार से भी विपक्ष की वैकल्पिक सरकार की संभावनाओं पर चर्चा की। पवार विपक्षी खेमे के उन नेताओं में शामिल हैं जिनकी चुनाव बाद विपक्षी एकजुटता में अहम भूमिका मानी जा रही है। नायडू ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और भाकपा नेताओं सुधाकर रेड्डी व डी. राजा से भी मुलाकात की। माकपा महासचिव सीताराम येचुरी से चंद्रबाबू ने शुक्रवार को मुलाकात की थी। वामपंथी नेताओं से उनकी चर्चा इस बात के इर्दगिर्द रही कि भाजपा को रोकने के लिए विपक्षी दलों की व्यापक एकजुटता में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की भी अहम भूमिका होगी। ऐसे में उनका आपसी राजनीतिक विरोध आड़े न आए।

शनिवार शाम चंद्रबाबू सपा प्रमुख अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती से मिलने लखनऊ पहुंचे। बताते हैं कि नायडू ने दोनों नेताओं से विपक्षी एकता के लिए कांग्रेस के साथ आने का आग्रह किया और इसे समय की जरूरत बताया। बीते दिनों चुनाव प्रचार के दौरान दोनों नेता कांग्रेस पर खासे हमलावर रहे हैं। मालूम हो कि विपक्षी एकता के लिए पहले 21 मई को दिल्ली में देशभर के राष्ट्रीय और क्षेत्रीय दलों की बैठक बुलाने की तैयारी थी, लेकिन ममता बनर्जी के कहने पर अब चुनाव परिणाम आने के बाद इस बैठक की तैयारी की जा रही है।

रणनीति पर विचार के लिए 22 मई को कांग्रेस की बैठक
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने चुनाव परिणाम के आकलन और पार्टी की आगे की सियासी रणनीति पर चर्चा के लिए 22 मई को पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों की बैठक बुलाई है। इसमें महासचिवों के साथ-साथ सभी राज्य प्रभारियों को भी बुलाया गया है। चुनाव परिणाम 23 मई को आएंगे, ऐसे में पार्टी पदाधिकारियों के साथ राहुल गांधी की यह बैठक महत्वपूर्ण मानी जा रही है।

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