आरक्षित सीट होने के बाद लगातार तीसरी बार होंगे अजय व प्रदीप होंगे आमने-सामने
अल्मोड़ा संसदीय क्षेत्र आरक्षित होने के बाद से हो रहे चुनाव में लगातार तीसरी बार परंपरागत प्रतिद्वंदी आमने-सामने हैं।
अल्मोड़ा, चन्द्रशेखर द्विवेदी : अल्मोड़ा संसदीय क्षेत्र आरक्षित होने के बाद से हो रहे चुनाव में लगातार तीसरी बार परंपरागत प्रतिद्वंदी आमने-सामने हैं। काफी मंथन के बाद इस सीट पर दोनों बड़े राष्ट्रीय दलों में परंपरागत चेहरों पर ही दांव लगाया है। भाजपा से अजय टम्टा व कांग्रेस से प्रदीप टम्टा लोकसभा ही नहीं बल्कि विधानसभा चुनाव में भी एक-दूसरे को सीधी टक्कर दे चुके हैं।
अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ संसदीय सीट से एक बार फिर भाजपा ने अजय टम्टा व कांग्रेस ने प्रदीप टम्टा को अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया है। दोनों ही प्रदेश की राजनीति में दलित नेता के रूप में स्थापित हो चुके हैं। अब चंद दिनों में दोनों को अपने को साबित करना है।
लाल रंग में अजय टम्टा और नीले कलर में प्रदीप टम्टा को मिला वोट प्रतिशत
अजय टम्टा और प्रदीप टम्टा की राजनीतिक जंग राज्य बनने के बाद से शुरू हो गई थी। सबसे पहले 2002 में हुए विधानसभा चुनाव में दोनों आमने सामने आए। सोमेश्वर सीट से प्रदीप टम्टा जहां कांग्रेस के टिकट से चुनाव मैदान में उतरे तो वही अजय टम्टा भाजपा से टिकट न मिलने के बाद निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतरे। इस चुनाव में प्रदीप टम्टा विजय रहे। उसके बाद 2007 के विधानसभा चुनाव में एक बार फिर प्रदीप टम्टा और अजय टम्टा सोमेश्वर विधानसभा से चुनाव लड़े। इस बार अजय टम्टा पर बीजेपी ने भरोसा दिखाया और सोमेश्वर से टिकट दिया। कांग्रेस से प्रदीप टम्टा प्रत्याशी थे। इन चुनाव में अजय टम्टा ने प्रदीप टम्टा से अपनी हार का बदला लिया और विजय हुए। इसका पार्टी ने उन्हें इनाम दिया और राज्य कैबिनेट में जगह दी।
अजय टम्टा धीरे-धीरे पार्टी का दलित चेहरा बनकर उभर रहे थे। 2009 में अल्मोड़ा संसदीय सीट आरक्षित हो गई। दोनों राष्ट्रीय दलों ने इन परंपरागत राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों पर ही भरोसा दिखाया। कांग्रेस के टिकट से प्रदीप टम्टा व भाजपा के टिकट से अजय टम्टा लोकसभा क्षेत्र से प्रत्याशी घोषित हुए। इन चुनाव में प्रदीप टम्टा ने अजय टम्टा को करीब 11 हजार से अधिक वोटों से पटकनी दी।
लाल रंग में अजय टम्टा और नीले कलर में प्रदीप टम्टा को मिला वोट प्रतिशत
प्रदीप टम्टा लोकसभा चले गए और उसके बाद सोमेश्वर विधानसभा से चुनाव नहीं लड़ा। लोकसभा चुनाव हारने के बाद अजय टम्टा ने 2012 में सोमेश्वर विधानसभा सीट से विधानसभा चुनाव लड़ा और विजयी रहे। 2014 में फिर लोकसभा चुनाव का बिगुल फूंका। इस बार हवा बदली-बदली थी। पूरे देश मे मोदी लहर थी। एक बार फिर अजय टम्टा और प्रदीप टम्टा आमने सामने थे। मोदी लहर में कांग्रेस उड़ गई। अजय टम्टा ने प्रदीप टम्टा को करीब एक लाख वोटों से पराजित कर दिया। चुनाव जीतने के बाद दलित नेता होने का उनको लाभ भी मिला। केंद्र सरकार में वह केंद्रीय कपड़ा राज्य मंत्री भी बने। अब मुकाबले में फिर दोनों प्रतिद्वंद्वी आमने-सामने हैं और जनता का मिजाज 11 अप्रैल को पता चलेगा।
विधानसभा- सोमेश्वर
2002 | प्रदीप टम्टा | विजयी |
2007 | अजय टम्टा | विजयी |
2012 | अजय टम्टा | विजयी |
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