तीसरे चरण में 570 प्रत्याशियों पर आपराधिक मामले, एडीआर की रिपोर्ट से खुलासा
एडीआर की रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि लोकसभा के तीसरे चरण के चुनाव के कुल 11621 प्रत्याशियों में से 570 के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं।
नई दिल्ली, आइएएनएस। लोकसभा के तीसरे चरण के चुनाव के कुल 1,1621 प्रत्याशियों में से 570 ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज होने की बात स्वीकार की है। एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफार्म (एडीआर) ने शुक्रवार को प्रमुख राजनीतिक दलों के आंकड़े जारी किए हैं। यह आंकड़े चुनाव उम्मीदवारों के अपने शपथपत्र में दी गई जानकारी के आधार पर दिए गए हैं।
23 अप्रैल को होने वाले मतदान के उम्मीदवारों में 570 पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें भी तीसरे चरण के कांग्रेस के 90 उम्मीदवारों में 40 के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। जबकि भारतीय जनता पार्टी के कुल 97 उम्मीदवारों में 38 के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। वहीं, माकपा के सबसे कम उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले हैं।
तीसरे चरण में कुल 14 उम्मीदवारों ने दोषी साबित होने की बात स्वीकारी है। जबकि 13 उम्मीदवारों के खिलाफ हत्या के संगीन मामले दर्ज हैं। 29 उम्मीदवारों ने महिलाओं के खिलाफ अपराध जैसे दुष्कर्म, हमला या दुर्व्यवहार आदि के मामले दर्ज होने की बात अपने हलफनामों में कबूल की है। केवल 26 उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ नफरत भरे भाषण देने के लिए मामले दर्ज होने की बात मानी है।
63 सीटों पर रेड अलर्ट
आंकड़ों के मुताबिक तीसरे चरण के चुनाव में कुल 115 संसदीय सीटों में से 63 संसदीय क्षेत्रों को संवेदनशीलता के आधार पर रेड अलर्ट की श्रेणी में रखा गया है। ये वे जगहें हैं जहां तीन या उससे अधिक उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ अपराधिक मामले दर्ज होने की बात स्वीकार की है।
392 उम्मीदवारों की संपत्ति करोड़ों में
एडीआर ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि अगले चरण में 392 उम्मीदवारों ने अपनी निजी संपत्ति करोड़ों में बताई है। समाजवादी पार्टी के कुमार देवेंद्र सिंह यादव ने अपनी कुल संपत्ति 204 करोड़ रुपये की बताई है। दूसरे स्थान पर राकांपा के भोंसले श्रीमंत छत्रपति हैं जिनकी कुल संपत्ति 199 करोड़ रुपये है।
सबके पास औसतन 2.95 करोड़ की संपत्ति
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि एक करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति बताने वाले सभी उम्मीदवारों के पास औसतन 2.95 करोड़ रुपये की संपत्ति है। आपराधिक मामलों के अलावा चुनाव उम्मीदवारों के हलफनामों को वित्तीय और शैक्षणिक आधार पर भी परखा गया है।