शिमला ग्रामीण में कसौटी पर पिता-पुत्र
नौ नवंबर को मतदान तय करेगा कि वीरभद्र सिंह जो शिमला ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र में विकास के बड़े-बड़े दावे कर रहे हैं, वे जमीनी हकीकत में कहां तक सही हैं।
शिमला, जागरण संवाददाता। प्रदेश विधानसभा चुनाव में शिमला ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र की सीट सबसे 'हॉट' मानी जा रही है। इस सीट पर पिता-पुत्र यानी मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह व उनके पुत्र युवा कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष विक्रमादित्य की साख दाव पर है। नौ नवंबर को मतदान तय करेगा कि वीरभद्र सिंह जो शिमला ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र में विकास के बड़े-बड़े दावे कर रहे हैं, वे जमीनी हकीकत में कहां तक
सही हैं।
मुख्यमंत्री ने अपने विधानसभा क्षेत्र शिमला ग्रामीण की सीट विक्रमादित्य के लिए छोड़ी है। इस सीट पर कांग्रेस के विक्रमादित्य व भाजपा के डॉ. प्रमोद शर्मा में सीधा मुकाबला है। इन दोनों में कांटे की टक्कर है। हालांकि स्वाभिमान पार्टी से कुशल राज व आजाद उम्मीदवार एमडी शर्मा भी चुनाव मैदान में हैं। विक्रमादित्य विकास कार्यों के बलबूते चुनाव लड़ रहे हैं। वह वीरभद्र सिंह के हाथ मजबूत करने के साथ उन्हें मुख्यमंत्री बनाने के लिए वोट मांग रहे हैं। भाजपा के प्रमोद शर्मा रजवाड़ाशाही समाप्त करने और बेहतर विकास के नाम पर वोट देने की अपील कर रहे हैं।
शिमला ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस व भाजपा
के प्रत्याशी बाहरी क्षेत्रों से हैं। वीरभद्र सिंह व विक्रमादित्य ने चुनाव प्रचार के दौरान प्रमोद शर्मा पर आरोप लगाया कि उन्हें दस वर्षों के बाद शिमला ग्रामीण के क्षेत्रों की याद आ रही है। प्रमोद शर्मा ने फेसबुक पर सवालों के जवाब देते हुए विक्रमादित्य से उनकी शैक्षणिक योग्यता के बारे में तीखे सवाल किए हैं और पूछा कि राजपरिवार से संबद्ध होने के अलावा उनकी पहचान क्या विक्रमादित्य का पहला चुनाव विक्रमादित्य पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं। वर्ष 2007 में भाजपा प्रत्याशी प्रमोद शर्मा पुनर्सीमांकन से पूर्व जब कुमारसैन विधानसभा क्षेत्र था तब विद्या स्टोक्स के खिलाफ तृणमूल कांग्रेस की ओर से चुनाव लड़ चुके हैं।
कड़े मुकाबले में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। पुनर्सीमांकन के कारण प्रमोद शर्मा का गृहक्षेत्र ठियोग
विधानसभा क्षेत्र में चला गया। वर्ष 2012 का विधानसभा चुनाव प्रमोद शर्मा ने ठियोग से तृणमूल कांग्रेस की टिकट पर लड़ा था जिसमें वह मात्र चार हजार वोट ही हासिल कर सके थे।
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