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पूरी तरह से बदली होगी मनोहर लाल की नई कैबिनेट, दुष्‍यंत भी साधेंगे जातीय संतुलन

हरियाणा में सीएम मनाेहलाल की नई कैबिनेट एकदम बदली हुई नजर आएगी। एक-दो चेहरे को छोड़ कर अधिकतर नए मंत्री होंगे। दुष्‍यंत चौटाला भी अपने कोटे के मंत्री बनाने में जातीय संतुलन साधेंगे।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Sun, 27 Oct 2019 10:01 AM (IST)Updated: Mon, 28 Oct 2019 09:09 PM (IST)
पूरी तरह से बदली होगी मनोहर लाल की नई कैबिनेट, दुष्‍यंत भी साधेंगे जातीय संतुलन
पूरी तरह से बदली होगी मनोहर लाल की नई कैबिनेट, दुष्‍यंत भी साधेंगे जातीय संतुलन

चंडीगढ़, [अनुराग अग्रवाल]। हरियाणा की भाजपा सरकार में लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री बनने वाले मनोहर लाल की नई कैबिनेट पूरी तरह से बदली हुई होगी। अनिल विज और डा. बनवारी लाल को छोड़ कर मनोहर लाल की मौजूदा कैबिनेट के सारे मंत्री चुनाव हार गए। इनमें प्रो. रामबिलास शर्मा, ओमप्रकाश धनखड़ और कैप्टन अभिमन्यु सरीखे दिग्गज मंत्री भी शामिल हैं। भाजपा विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद मनोहर लाल आज दूसरी बार सीएम पद की शपथ ली। अपनी नई कैबिनेट के बारे में मनोहर लाल ने हालांकि अभी पत्ते नहीं खोले, लेकिन माना जा रहा है कि सीएम की शपथ के करीब एक सप्ताह बाद नई कैबिनेट बनेगी, जिसमें नए मंत्री शामिल किए जाएंगे।

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अनिल विज को छोड़कर अधिकतर चेहरे होंगे नए, सीएम के अलावा कुल 13 मंत्री हो सकते हैं शामिल

90 सदस्यीय विधानसभा में मुख्यमंत्री के अलावा 13 मंत्री शामिल किए जा सकते हैं। भाजपा सरकार में जननायक जनता पार्टी (जजपा) भी साझीदार है। जजपा को उप मुख्यमंत्री के अलावा दो कैबिनेट और दो राज्य मंत्री के पद दिए जा सकते हैं। ऐसे में भाजपा के कोटे में सीएम के अलावा आठ मंत्रियों के पद बचते हैं।

अंबाला छावनी से लगातार चुनाव जीतते आ रहे अनिल विज और जगाधरी से चुनाव जीते स्पीकर कंवरपाल गुर्जर का नई मनोहर कैबिनेट में मंत्री बनना तय है। थानेसर से चुनाव जीते सुभाष सुधा, घरौंडा से जीते हरविंद्र कल्याण और पानीपत ग्रामीण से चुनाव जीते महीपाल ढांडा का नाम मंत्री पद के लिए चल रहा है।

इंद्री से रामकुमार कश्यप और नलवा से रणबीर गंगवा में से किसी एक की लॉटरी खुल सकती है। नांगल चौधरी से चुनाव जीते डा. अभय सिंह यादव मंत्री पद के सशक्त दावेदार हैं। पिहोवा से चुनाव जीते भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान संदीप सिंह को भी भाजपा जीत का इनाम दे सकती है। उन्हें सिख होने के साथ ही खिलाड़ी होने का लाभ मिल सकता है। जींद से चुनाव जीते कृष्ण मिढा, लोहारू से जेपी दलाल और बल्लभगढ़ से मूलचंद शर्मा भी मनोहर कैबिनेट में शामिल होने की लाबिंग में हैं। भाजपा ने यदि निर्दलीय विधायकों को कैबिनेट में प्रतिनिधित्व दिया तो गैर जाट नयन पाल रावत की किस्मत खुल सकती है।

महिला कोटे से सीमा त्रिखा आगे

कम मंत्री पद होने की वजह से बावल से चुनाव जीते डा. बनवारी लाल का नंबर इस बार कट सकता है। बड़खल से सीमा त्रिखा, गन्नौर से निर्मला रानी और कलायत से कमलेश ढांडा चुनाव जीती हैं, लेकिन मंत्री पद के लिए महिला कोटे में सीमा त्रिखा की लाटरी खुल सकती है। वैश्य कोटे में फरीदाबाद से नरेंद्र गुप्ता, भिवानी से घनश्याम सर्राफ, पंचकूला से ज्ञानचंद गुप्ता, हिसार से डा. कमल गुप्ता, गुरुग्राम से सुधीर सिंगला और पलवल से दीपक मंगला चुनाव जीते हैं। मंत्री पद के लिए डा. कमल गुप्ता और दीपक मंगला के बीच कांटे की टक्कर है, जबकि ज्ञानचंद गुप्ता को स्पीकर की जिम्मेदारी दी जा सकती है।

दुष्‍यंत अपने कोटे के मंत्रियों के लिए बनाए जातीय समीकरण

हरियाणा में दूसरी बार सत्तारूढ़ हुई भाजपा के साथ राजनीतिक कदमताल बैठाने वाली जननायक जनता पार्टी अपने कोटे के मंत्री तय करने में जातीय संतुलन साधेगी। जजपा विधायक दल के नेता दुष्यंत चौटाला आज मुख्यमंत्री मनोहर लाल के साथ डिप्टी सीएम की शपथ ली। दुष्यंत के साथ उनकी पार्टी के विधायक भले ही मंत्री पद की शपथ नहीं लेने जा रहे, लेकिन जजपा विधायकों में भी उत्सुकता है कि किसे मंत्री पद मिल सकता है। जजपा के कोटे में डिप्टी सीएम के अलावा दो कैबिनेट व दो राज्य मंत्री के पद आए हैं। जजपा की कोशिश भाजपा को तीन कैबिनेट मंत्री पद देने के लिए मनाने की होगी।

इनेलो से अलग होकर अस्तित्व में आई जजपा मात्र 11 माह पुरानी पार्टी है। जजपा ने एक साल से भी कम अवधि में जिस तरह से खुद को खड़ा किया और पहली बार में ही दुष्यंत चौटाला 10 विधायक जिताने में कामयाब रहे, उसे देखकर लग रहा कि भविष्य में पार्टी ऊंची उड़ान के लिए तैयार है। जजपा अगले एक माह के भीतर अपने कोटे के मंत्री तय करने का इरादा रखती है।

जजपा कोटे से नारनौंद से चुनाव जीते रामकुमार गौतम के मंत्री बनने की संभावना है। रामकुमार गौतम ने भाजपा के सुपर मंत्री कैप्टन अभिमन्यु को 12 हजार से अधिक मतों से पराजित किया है। गुहला चीका से चुनाव जीते पूर्व राज्यसभा सदस्य चौधरी ईश्वर सिंह और उकलाना से चुनाव जीते अनूप धानक को भी जातीय समीकरणों का लाभ मंत्री पद के रूप में मिल सकता है। अनूप धानक इनेलो छोड़कर दुष्यंत चौटाला के साथ आए थे। उन्होंने 23 हजार से अधिक मतों से जीत हासिल की है। ईश्वर सिंह की जीत साढ़े चार हजार मतों से हुई है।

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टोहाना में देवेंद्र सिंह बबली ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला को 52 हजार से अधिक मतों से हराकर रिकार्ड बनाया है। देवेंद्र बबली की मंत्री पद पर दावेदारी है, लेकिन जातीय समीकरणों में वह फिट बैठते हैं या नहीं, इस पर अभी स्थिति साफ नहीं है। शाहाबाद मारकंडा से चुनाव जीते रामकुमार काला भी मंत्री पद के दावेदार हैं। उन्होंने भाजपा सरकार में राज्य मंत्री कृष्ण कुमार बेदी को 37 हजार मतों से पराजित किया है।

नरवाना से रामनिवास वाल्मीकि 30हजार मतों से चुनाव जीते हैं। नैना चौटाला बाढ़डा से चुनाव जीती हैं, लेकिन उनके फील्ड में रहकर काम करने की ज्यादा संभावना है। जुलाना से अमरजीत ढांडा व बरवाला से जोगी राम सिहाग को अभी इंतजार करना पड़ सकता है।

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