#Election 2016: अबकी बार ट्रंप 'सरकार', हिलेरी को दी मात
रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने हिलेरी को राष्ट्रपति चुनाव में करारी शिकस्त दी है। हिलेरी को हराने के साथ ही वो अमेरिका के 45वें राष्ट्रपति बन गए हैं।
वाशिंगटन। सभी सर्वेक्षणों को झुठलाते हुए रिपब्लिकन उम्मीदवार ट्रंप ने हिलेरी को करारी शिकस्त दी है। ह्वाइट हाउस पर ट्रंप ने कब्जा जमा लिया है। ट्रंप को जहां 276 इलेक्टोरल वोट वहीं हिलेरी को 218 वोट हासिल हुए। इस तरह ट्रंप अमेरिका के 45वें रष्ट्रपति बन गए हैं।
ट्रंप समर्थक ने क्या कहा?
इससे पहले डोनाल्ड ट्रंप के समर्थक बेहद जोश में दिखाई दिए। समर्थक शलभ कुमार ने कहा कि ओहियो, नॉर्थ कैरोलिना और फ्लोरिडा में हम कामयाब हो रहे हैं, उम्मीद है कि अब की बार ट्रंप की सरकार बनेगी।
ट्रंप के एक समर्थक ने कहा कि उनकी जीत से अमेरिका और मजबूत होगा। वो न केवल अमेरिका को महान बनाएंगे बल्कि रोजगार के अवसर पर भी प्रदान करेंगे।
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राष्ट्रपति बनने को निर्वाचक मंडल (इलेक्टोरल वोट) के 538 में से 270 वोट जरूरी हैं। आखिरी वक्त में रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप (70) की लोकप्रियता में उभार दिखा था। पर सर्वे व मिडनाइट वोटिंग के नतीजों में वे पिछड़ गए हैं। मतदान से ठीक पहले आए फॉक्स न्यूज के सर्वे में हिलेरी को 48 और ट्रंप को 44 फीसद वोट मिलने की संभावना जताई गई। 19 में से सिर्फ दो सर्वे में ट्रंप आगे बताए गए हैं।
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रिकॉर्ड मतदाताओं ने किया गया मतदान
20 करोड़ मतदाताओं में से रिकॉर्ड 4.62 करोड़ मतदाता पूर्व मतदान कर 2012 का रिकॉर्ड तोड़ चुके है। तब 3.23 करोड़ ने समय पूर्व मतदान किया था। विशेषज्ञ इसका फायदा हिलेरी को मिलने की संभावना बता रहे हैं। इससे पूर्व मिडनाइट वोटिंग प्रक्रिया पूरी होने के बाद न्यू हेम्पशायर में हिलेरी ने ट्रंप पर 32-25 की बढ़त बना ली थी। डिक्सविले नॉच में 4-2 और हार्ट्स लोकेशन में 17-14 से उन्होंने ट्रंप को हराया। मिसफील्ड में हिलेरी को चार और ट्रंप को 16 वोट मिले।
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आपको बता दें कि, अमेरिका के 50 में से 48 राय में ‘विनर टेक्स ऑल’ की व्यवस्था है। यानी जिस प्रत्याशी को यादा वोट मिलते हैं वहां के सारे इलेक्टोरल वोट उसके खाते में जाते हैं। ऐसे में आखिरी नतीजे एरिजोना, फ्लोरिडा, नेवादा, न्यू हेम्पशायर, नॉर्थ केरोलिना, मिशिगन प्रांत तय करेंगे जहां रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक समर्थक बराबर है।
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संसद के लिए भी मतदान
राष्ट्रपति के साथ-साथ हाउस ऑफ़ रिप्रेज़ेंटेटिव की सीटों के लिए वोट पड़े। इस पर रिपब्लिकन का नियंत्रण है। सीनेट की तिहाई सीटों पर भी मतदान हुआ। इन पर भी रिपब्लिकन का कब्जा है। चुनावों में भारतीय मूल के कई उम्मीदवारों की जीत पक्की बताई जा रही है।
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