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Delhi Assembly Election 2020: सीट घटने के बाद भी पहले से कहीं अधिक बड़ी है इस बार केजरीवाल की ये जीत

इस बार के चुनाव में आप की भले ही सीटें कम हुई हैं लेकिन कई मायनों में ये जीत पिछली बार से भी बड़ी है।

By Kamal VermaEdited By: Published: Wed, 12 Feb 2020 10:03 AM (IST)Updated: Wed, 12 Feb 2020 10:47 PM (IST)
Delhi Assembly Election 2020: सीट घटने के बाद भी पहले से कहीं अधिक बड़ी है इस बार केजरीवाल की ये जीत
Delhi Assembly Election 2020: सीट घटने के बाद भी पहले से कहीं अधिक बड़ी है इस बार केजरीवाल की ये जीत

नई दिल्ली [सौरभ श्रीवास्तव]। मुख्यमंत्री व आम आदमी पार्टी (आप) के मुखिया अरविंद केजरीवाल से जब भी पूछा गया कि जनता आपको वोट क्यों दे तो उन्होंने हर बार कहा, हमारे काम को वोट दे। ..और अंतत: जनता ने वोट के जरिए उनके काम पर मुहर लगा दी।

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स्कूलों-अस्पतालों और पानी-बिजली के कार्य को समर्थन

विधानसभा चुनाव में भाजपा ने अपना प्रचार अनधिकृत कॉलोनियों को मालिकाना हक देने के मुद्दे से शुरू किया, लेकिन बाद में यह शाहीन बाग पर केंद्रित हो गया। वहीं, आप शुरू से ही प्रचार में अपने काम को साथ लेकर चली। प्रचार के दौरान केजरीवाल ने हर सभा में स्कूलों-अस्पतालों, पानी-बिजली के लिए किए गए काम की बात की। ‘अच्छे बीते पांच साल, दिल्ली में तो केजरीवाल’ नारे के जरिए उनकी पार्टी ने लोगों को स्पष्ट संदेश दिया कि पिछले पांच साल में सरकार ने काफी काम किया है और यह समय दिल्लीवालों के लिए अच्छा बीता है। आगे भी केजरीवाल को जिताएं और एक काम करने वाली सरकार चुनें।

अपने काम के भरोसे प्रचार में जुटे रहे केजरीवाल

चुनाव में प्रचार के लिए भाजपा की ओर से स्वयं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मोर्चा संभाला था। उनके साथ भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, कई केंद्रीय मंत्री, छह मुख्यमंत्री अपने सहयोगी मंत्रियों के साथ और 300 सांसद अपनी पार्टी को जिताने के लिए मैदान में जुटे थे। बड़े पैमाने पर नुक्कड़ सभाएं और रोड-शो किए गए। आप और केजरीवाल पर जोरदार तरीके से निशाना साधा गया। वहीं, इतनी भारी भरकम फौज के सामने प्रचार करते हुए केजरीवाल का साफ कहना था कि मैं अकेला नहीं हूं, मेरे पास पिछले पांच साल का काम है। अपने काम के भरोसे वह प्रचार में जुटे रहे और अब नतीजे साफ बता रहे हैं कि उनका पांच साल का काम विपक्षी दलों पर भारी पड़ा।

भाजपा की पांच सीटें अवश्य बढ़ीं, लेकिन उसके चुनाव प्रचार को देखते हुए उसे संतोषजनक नहीं कहा जा सकता है। वहीं, मुद्दों और प्रचार में हर स्तर पर पिछड़ी कांग्रेस कहीं लड़ाई में दिख ही नहीं रही थी। नतीजा भी इसी के अनुरूप आया और एक बार फिर दिल्ली में उसका सूपड़ा साफ हो गया।

बड़ी जीत के साथ ही बढ़ी जिम्मेदारी

आप ने लगातार दूसरी बार विधानसभा चुनाव में बड़ी जीत दर्ज की है। पिछली बार की तरह ही इस बार की बड़ी जीत यकीनन पार्टी के लिए बड़ी जिम्मेदारी लेकर आई है। केजरीवाल ने जीत के बाद भाषण में भी साफ किया है कि हमें अगले पांच साल लोगों के लिए जमकर काम करना है और लोगों के भरोसे पर खरा उतरना है। संदेह नहीं कि लोगों की अपेक्षाएं आप से बढ़ीं हैं और उन्हें पूरा करने के लिए पार्टी को नई ऊर्जा के साथ जुटना होगा।

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