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Delhi Assembly Election: राजेंद्र नगर सीट से जनता को भाया युवा चेहरा, राघव चड्ढा पहली बार बने विधायक

दिल्‍ली विधानसभा की राजेंद्र नगर सीट से आम आदमी पार्टी के राघव चड्ढा ने अपने प्रतिद्वंदी भाजपा के आरपी सिंह पर मजबूत जीत हासिल की है।

By Kamal VermaEdited By: Published: Tue, 11 Feb 2020 01:21 PM (IST)Updated: Tue, 11 Feb 2020 07:08 PM (IST)
Delhi Assembly Election: राजेंद्र नगर सीट से जनता को भाया युवा चेहरा, राघव चड्ढा पहली बार बने विधायक
Delhi Assembly Election: राजेंद्र नगर सीट से जनता को भाया युवा चेहरा, राघव चड्ढा पहली बार बने विधायक

नई दिल्‍ली। दिल्‍ली विधानसभा की राजेंद्र नगर सीट से आम आदमी पार्टी के प्रत्‍याशी राघव चड्ढा ने अपने प्रतिद्वंदी भारतीय जनता पार्टी के आरपी सिंह को 16 हजार से अधिक मतोंं से हराकर इस सीट पर कब्‍जा जमा लिया है।इस सीट पर भाजपा के आरपी सिंह लगातार उनसे पीछे चल रहे थे। आपको बता दें कि राघव चड्ढा का ये पहला विधानसभा था जबकि भाजपा ने आरपी सिंह को वर्ष 2013 और 2015 में भी चुनाव के मैदान में उतारा था। इससे पहले राघव चड्ढा 2019 के लोकसभा चुनाव में दक्षिण दिल्‍ली से आप के प्रत्‍याशी बने थे, लेकिन यहां से उन्‍हें हार का सामना करना पड़ा था।   

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इस बार का ये विधानसभा चुनाव और राधव चड्ढा को चुनाव प्रचार के दौरान मिले शादी के प्रपोजल के लिए भी याद रहेगा। पेशे से चार्टड अकाउंटेंट राघव ने प्रचार के दौरान एक बार कहा था कि उनका परिवार उनके राजनीति में आने को लेकर काफी उत्‍साहित था। इसकी वजह थी आप की सोच और परिवार की सोच का एक होना। राघव पार्टी के सबसे युवा प्रवक्‍ता होने के अलावा इसकी नेशनल एक्‍जीक्‍यूटिव का भी हिस्‍सा हैं। उनके प्रचार के दौरान पार्टी ने उन्‍हें राजेंद्र नगर का बेटा कहकर प्रचार किया था। प्रचार के दौरान उन्‍होंने पीटीआई से बातचीत के दौरान माना था कि इस चुनाव में आप का मुकाबला केवल भाजपा से है। इस चुनाव में कांग्रेस की कोई जगह नहीं है। ऐसा पूरे चुनाव प्रचार और अब भी साफतौर पर दिखाई दिया है। 

राघव की जीत में उनकी उच्‍च शिक्षा और उनके साफ-सुथरे व्‍यक्तित्‍व की बड़ी भूमिका रही है। इसके अलावा प्रवक्‍ता के तौर पर भी लोगों के दिमाग में उनकी छवि एक ऐसे नेता की रही जो बेबुनियाद बातें और दावे करने से दूर था। इसके अलावा अपने विपक्षी पार्टी के नेताओं को भी पूरा सम्‍मान देना और अपनी बातों को तथ्‍यों के साथ रखना भी लोगों का पसंद आया। यहां पर आए रिजल्‍ट से एक बात ये भी सामने आई है कि लोगों ने यहां की कमान बेहद सोच समझकर एक युवा के हाथों में दी है। 

वर्ष 2015 के विधानसभा चुनाव में इस सीट से आम आदमी पार्टी के प्रत्‍याशी विजेंदर गर्ग विजय को मैदान में उतार था। उन्‍हें इस चुनाव में सबसे 53.39 फीसद वोट मिले थे, जबकि भाजपा के आरपी सिंह को 35.94 फीसद मत मिले थे। तीसरे स्‍थान पर कांग्रेस के प्रत्‍याशी ब्रह्म यादव थे जिन्‍हें महज 7.8 फीसद मत ही हासिल हुए थे। इस बार आम आदमी पार्टी ने इस सीट से विजय का टिकट काट कर राघव पर दांव लगाया है। राजेंद्र नगर सीट 1972 में सामने आई थी। यह विधानसभा क्षेत्र कोचिंग सेंटर के लिए जाना जाता है। इसके अलावा इसकी पहचान देश के बंटवारे के बाद पंजाबी शरणार्थियों का यहां आकर बसना भी है।

वर्ष 1993 से 2003 तक इस सीट पर भाजपा के पूरन चंद त्‍यागी का कब्‍जा था। इसके बाद 2008 में ये सीट कांग्रेस की झोली में चली गई और यहां से रमाकांत गोस्‍वामी ने जीत हासिल की थी। वर्ष 2013 में इस सीट पर भाजपा के आरपी सिंह ने कब्‍जा किया। 2015 में आम आदमी पार्टी ने इस सीट पर धमाकेदार जीत दर्ज की थी।


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