Matihani Election 2020: मटिहानी में 60 फीसद मतदाता बूथ तक पहुंचे, जदयू के बोगो सिंह के लिए सीट बचाने की चुनौती
मटिहानी विधानसभा सीट से 13 प्रत्याशी मैदान में हैं। जदयू ने अपने विधायक बोगो सिंह को मैदान में उतारा है। वहीं महागठबंधन से सीपीआइ उम्मीदवार हैं। लोजपा के कारण यहां चुनावी मुकाबला त्रिकोणीय होने के आसार दिख रहे हैं।
जेएनएन, बेगूसराय। मटिहानी विधानसभा सीट बेगूसराय लोकसभा क्षेत्र में आती है। वर्ष 1977 में इस विधानसभा क्षेत्र का गठन हुआ। पहली बार सीपीआइ के सीताराम मिश्र यहां से विधायक चुने गए। वर्ष 2015 के विधानसभा चुनाव में जदयू-राजद के गठबंधन में यहां से जदयू उम्मीदवार नरेंद्र कुमार सिंह उर्फ बोगो सिंह चुनाव जीते। एक बार फिर वे जदयू के उम्मीदवार हैं। उनके सामने महागठबंधन ने सीपीआइ के राजेंद्र सिंह को मुकाबले में उतारा हैं। वहीं लोजपा ने राजकुमार सिंह को प्रत्याशी बनाया है। शिक्षा, स्वास्थ्य पुनर्वास आदि यहां के प्रमुख मुद्दे हैं। यहां से 13 प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं। इस बार यहां 60.31 फीसद मतदान हुआ
कुल प्रत्याशी
1. नरेंद्र कुमार सिंह उर्फ बोगो सिंह - जदयू
2. राजकुमार सिह - लोजपा
3. राजेंद्र सिंह - माकपा
प्रमुख मुद्दे :
1.शिक्षा : मटिहानी विधानसभा क्षेत्र में डिग्री कॉलेज नहीं है। यह क्षेत्र शहरी इलाके से तो जरूर सटा हुआ है, लेकिन सुदूर देहात के लोगों को उच्च डिग्री की शिक्षा हासिल करने के लिए भी 20-20 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है। इस कारण अधिकांश छात्राएं उच्च शिक्षा ग्रहण करने से वंचित रह जाती हैं। सबसे अधिक परेशानी इस क्षेत्र के गंगा पार शाम्हो अकहा कुरहा प्रखंड के छात्र-छात्राओं को होती है।
2. पुल का निर्माण : शाम्हो अकहा कुरहा को बेगूसराय मुख्यालय से जोडऩे के लिए गंगा नदी पर पुल का निर्माण यहां बड़ा मुद्दा है। पुल नहीं होने के कारण यहां के लोगों को जिला मुख्यालय आने के लिए करीब 80 किलोमीटर की दूरी तय कर मुख्यालय आना पड़ता है। पुल बन जाने पर यह दूरी महज 14 किलोमीटर रह जाएगी। शाम्हो के लोग नाव से गंगा नदी पार कर जिला मुख्यालय आते हैं।
3. पुनर्वास : वर्ष 1989-90 में इस इलाके में गंगा कटाव हुआ था जिसमें हजारों परिवारों का आशियाना गंगा में विलीन हो गया। कटाव से विस्थापित परिवार गुप्ता लखमीनियां बांध पर शरण लिए रहे। सरकार से पुनर्वास की मांग की। जो आज भी यहां बड़ा मुद्दा बना हुआ है। सरकार के स्तर से कुछ को पुनर्वासित तो किया गया, लेकिन आज भी सैंकड़ो परिवार गुप्ता लखमीनियां बांध पर रहने को विवश हैं।
4. स्टेडियम का निर्माण : विधानसभा क्षेत्र के केएल उच्च विद्यालय परिसर में स्टेडियम का निर्माण भी यहां का बड़ा मुद्दा है। यह मुद्दा इसलिए भी कि यहां स्टेडियम का शिलान्यास दो-दो मंत्री कर चुके हैं। बावजूद स्टेडियम निर्माण का कार्य प्रारंभ नहीं हो सका है। जबकि इस इलाके में क्रिकेट, वॉलीबॉल, कबड्डी आदि खेल का आयोजन इस विद्यालय के परिसर में ही किया जाता है।
5. स्वास्थ्य : मटिहानी व शाम्हो प्रखंड में एक-एक पीएचसी है। परंतु यहां चिकित्सक व चिकित्सा कर्मियों के अभाव के कारण लोगों को उचित स्वास्थ्य सुविधा नहीं मिल पाती है। मटिहानी पीएचसी का भवन जर्जर एवं भवन निर्माण विभाग द्वारा परित्यक्त घोषित है। फिर भी इसी परित्यक्त भवन में चिकित्सक व चिकित्सा कर्मी बैठने को विवश हैं। स्वास्थ्य विभाग में दवा व अन्य संसाधनों का भी अभाव रहता है।
वर्ष कौन जीता कौन हारा
2010 नरेंद्र कुमार सिंह उर्फ बोगो सिंह जदयू, अभय कुमार सिंह सार्जन कांग्रेस
2015 नरेंद्र कुमार सिंह उर्फ बोगो सिंह जदयू, सर्वेश कुमार भाजपा