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Assam Assembly Election: चुनाव से पहले भाजपा को झटका, सहयोगी बीपीएफ ने कांग्रेस से मिलाया हाथ

Assam Assembly Election असम में अगले महीने होने वाले चुनावों से पहले बीजेपी के सहयोगी बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट या बीपीएफ (BPF) ने घोषणा की कि वह सत्तारूढ़ बीजेपी के नेतृत्व वाले गठबंधन को छोड़ रहा है और विपक्षी मोर्चे में शामिल हो रहा है।

By Shashank PandeyEdited By: Updated: Sun, 28 Feb 2021 08:48 AM (IST)
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बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट (बीपीएफ) के मुखिया हगरामा मोहिलारी। (फोटो: फेसबुक)

गुवाहाटी, एजेंसियां। असम में विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा को झटका लगा है। असम (Assam) में भाजपा (BJP) का सहयोगी दल बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट (बीपीएफ) विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस (Congress) के नेतृत्व वाले गठबंधन में शामिल हो गया है। उसके सहयोगी दल बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट (बीपीएफ) ने शनिवार को कहा कि वह कांग्रेस के नेतृत्व वाले महागठबंधन में शामिल होगा। कांग्रेस ने इसका स्वागत किया है। बीपीएफ के मुखिया हगरामा मोहिलारी ने ट्वीट कर कहा कि असम में शांति, एकता और विकास के लिए पार्टी ने कांग्रेस गठबंधन के साथ जाने का फैसला किया है।

उन्होंने यह भी कहा कि बीपीएफ का अब किसी भी तरह से भाजपा के साथ दोस्ताना संबंध नहीं रहेगा। कांग्रेस के प्रचार समिति के चेयरमैन प्रद्युत बोर्दोलोई ने कहा कि असम बसाओ अशोक यात्रा का राज्य में गहरा प्रभाव पड़ा है। बीपीएफ देख रहा है कि हवा का रुख किस तरफ है। कांग्रेस सत्ता में आ रही है और हमें बीपीएफ का पार्टनर बनने पर गर्व है।

असम में अगले महीने होने वाले चुनावों से पहले बीजेपी के सहयोगी बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट या बीपीएफ (BPF) ने घोषणा की कि वह सत्तारूढ़ बीजेपी के नेतृत्व वाले गठबंधन को छोड़ रहा है और विपक्षी मोर्चे में शामिल हो रहा है। असम में कांग्रेस के नेतृत्व वाले गठबंधन को यह बड़ा फायदा मिला है और बीजेपी को इससे झटका लगा है। बीपीएफ ने पिछले विधानसभा चुनाव में राज्य की 126 सीटों में से 12 सीटें जीती थीं और बीजेपी के नेतृत्व वाले गठबंधन में शामिल हो गया था। लेकिन पिछले साल के अंत में बीजेपी ने बीपीएफ को धूल चटा दी और बहुमत हासिल करने व असम के बोडो बहुल क्षेत्रों में स्वशासी निकाय, बोडोलैंड टेरिटोरियल काउंसिल (BTC) पर काबिज होने के लिए एक नया साथी चुन लिया।

राज्य में सर्बानंद सोनोवाल की अगुवाई वाली गठबंधन सरकार में तीन मंत्रियों वाली बीपीएफ दिसंबर में बीटीसी चुनावों में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी, जिसने 40 सदस्यीय निकाय में 17 सीटें जीतीं।