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जम्मू शहर में रोजाना कचरे में 10 मीट्रिक टन पॉलीथिन निकल रहा है। जब तक इस पर पूर्ण प्रतिबंध नहीं लगता पर्यावरण संरक्षण के प्रयास सफल नहीं होंगे
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पर्यावरण संरक्षण समय की जरूरत है लेकिन इसके लिए गंभीरता से कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। राज्य में पॉलीथिन को रिसाइकिल कर इसका 50 माइक्रोन में उत्पादन किए जाने का फैसला कागजों तक ही सीमित होकर रह गया है। विडंबना यह है कि राज्य में 50 माइक्रोन की आड़ में इससे कम माइक्रोन के पॉलीथिन का चोरी छिपे हो रहा उत्पादन पर्यावरण के लिए खतरनाक है। 50 माइक्रोन का पॉलीथिन काफी महीन होता है और यह जमीन की उर्वरक शक्ति को कम तो करता ही है, आसानी से गलता भी नहीं। हद तो यह है कि जम्मू शहर से रोजाना निकलने वाले चार सौ मीट्रिक टन कचरे में 10 मीट्रिक टन पॉलीथिन होता है। राज्य में पॉलीथिन के इस्तेमाल के खिलाफ ग्रामीण विकास विभाग ने अभियान चलाया है। बेहतर होता कि यह अभियान पहले शहरों व कस्बों में चलता। दावे किए जा रहे हैं कि अभियान के दौरान पिछले दो दिन में 90 क्विंटल पॉलीथिन जब्त हुआ। जब तक 50 माइक्रोन से कम पॉलीथिन के चोरी छिपे उत्पादन पर प्रतिबंध नहीं लगेगा तब तक ऐसे अभियान सफल नहीं होंगे। यहां पर कोई ऐसा संगठित क्षेत्र नहीं है, जो पॉलीथिन एकत्र करता है। इसे केवल कूड़ा बीनने वाले ही फैक्ट्रियों में रिसाइकिल के लिए लाते है। इससे औपचारिक तौर पर रिसाइकिलिंग नहीं हो पाती। जब तक फैक्टरियों में
रिसाइकिल होने वाले पॉलीथिन की गहन जांच नहीं की जाती और यह नहीं देखा जाता कि किस स्तर का माल तैयार हो रहा है तब तक ऐसे अभियानों का कोई अर्थ नहीं है। सरकार को इसके लिए इच्छाशक्ति की जरूरत है। अगर पॉलीथिन पर पूर्ण प्रतिबंध होगा तभी समस्या का हल हो सकता है। राज्य में पॉलीथिन पर रोकथाम का जिम्मा पहले नगर निगम के पास था। निगम पकड़े माल को प्रदूषण नियंत्रण विभाग को दे देता था लेकिन प्रदूषण नियंत्रण विभाग के पास इसे ठिकाने लगाने का कोई तरीका नहीं है। सरकार भी इसका कोई हल नहीं ढूंढ़ पाई है। नतीजा यह है कि विभाग के कुछ अधिकारी जब्त पॉलीथिन को दोबारा बाजार में बेच रहे हैं। जब तक पॉलीथिन को जब्त कर इसे ठिकाने लगाए जाने का कोई तरीका नहीं होगा तब तक पर्यावरण से खिलवाड़ होता रहेगा। विभाग को चाहिए कि जो भी पॉलीथिन जब्त हो, उन लोगों के नाम बताए जो इसे अवैध रूप से बेच या उत्पादन में लगे हुए हैं। हाल ही में विभाग ने 90 क्विंटल पॉलीथिन जब्त तो किया लेकिन यह नहीं बताया कि यह किन लोगों से पकड़ा गया। इसमें पारदर्शिता लाने की जरूरत है। पॉलीथिन पर पर पूर्ण प्रतिबंध और कड़ी सजा का प्रावधान न होने से इस पर अंकुश लगाना मुश्किल है।

[ स्थानीय संपादकीय : जम्मू-कश्मीर ]