भारत की चेतना जगाने वाले भगत सिंह, आज फिर उस संकल्प को दोहराने का दिन

वर्ष 1911 से पूर्व कांग्रेस में स्वराज्य प्राप्ति की इच्छा अवश्य थी लेकिन व्यापक जन उभार के अभाव में वह कोई ठोस कार्यक्रम नहीं बन पा रही थी। 23 मार्च 1931 को इन वीरों की आहुति के बाद समूचे देश की चेतना में एक नई जागृति आई।