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सियासत के हर रोग के इलाज में माहिर हैं डॉक्टर साहब

नेमिष हेमंत नई दिल्ली टेक्नोसेवी डॉ हर्षवर्धन की जब वेबसाइट खोलते हैं तो उसमें उनकी तस्वीर एक बड़ी मेज पर टेबल लैंप के सहारे आइपैड पर सर्फिंग करते नजर आती है। वेबसाइट में ही मेरी प्राथमिकता व मेरा नजरिया जैसे कालम है। इसमें कृष्णानगर (जहां से यह विधायक रह चुके हैं) चांदनी चौक व दिल्ली के साथ ही यमुना फिर भाजपा के खांके में प्राथमिकताओं को बांटा गया है। बिजली शिक्षा स्वास्थ्य पानी कानून व्यवस्था जैसे 12 मुद्?दे हैं जिनपर उनके स्पष्ट नजरिए को बताया गया है। उनके नाम से एक एप भी है। वह जब लोगों से मिलते हैं तो उनसे वह एप डाउनलोड करने को प्रोत्साहित करते हैं। फेसबुक व ट्विटर से लेकर जमीन तक पर वह सक्रिय है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 02 May 2019 07:13 PM (IST)Updated: Thu, 02 May 2019 07:13 PM (IST)
सियासत के हर रोग के इलाज में माहिर हैं डॉक्टर साहब

नेमिष हेमंत, नई दिल्ली

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टेक्नोसेवी डॉ. हर्षवर्धन की वेबसाइट जब खोलते हैं तो उसमें उनकी तस्वीर एक बड़ी मेज पर टेबल लैंप के सहारे आइपैड पर सर्फिग करते नजर आती है। वेबसाइट में ही मेरी प्राथमिकता व मेरा नजरिया जैसे कॉलम हैं। इसमें कृष्णानगर (जहां से वह विधायक रह चुके हैं), चांदनी चौक व दिल्ली के साथ ही यमुना को भाजपा के खांचे में प्राथमिकताओं के साथ बांटा गया है। बिजली, शिक्षा, स्वास्थ्य, पानी, कानून व्यवस्था जैसे 12 मुद्दे हैं जिनपर उनके स्पष्ट नजरिये को बताया गया है।

उनके नाम से एक एप भी है। वह जब लोगों से मिलते हैं तो उनसे वह एप डाउनलोड करने को प्रोत्साहित करते हैं।

1993 से लेकर 2013 तक वह पांच बार दिल्ली विधानसभा का चुनाव लड़े और सभी में विजयी रहे। वर्ष 2014 में जब चांदनी चौक से चुनाव लड़ा तो उसमें भी दमदार जीत हासिल की। वह सियासत के हर रोग के इलाज में माहिर हैं इसलिए उन्हें अदब और प्यार से 'डॉक्टर साहब' बुलाया जाता है।

दिल्ली भाजपा के चंद कद्दावर नेताओं में शामिल डॉ. हर्षवर्धन को इस बार भी चांदनी चौक से टिकट मिला है। उनकी सीधी लड़ाई कांग्रेस पार्टी से चांदनी चौक से तीन बार सांसद रह चुके जेपी अग्रवाल से है। दोनों में समानता यह भी है कि दोनों अपने-अपने दल के दिल्ली संगठन की कमान संभाल चुके हैं। हर्षवर्धन चार बार दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष रहे हैं। 2013 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने उन्हें मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर चुनाव भी लड़ा था। वहीं, चांदनी चौक में चुनाव को रोचक बनाने के लिए आम आदमी पार्टी ने अपने राष्ट्रीय सचिव पंकज गुप्ता को खड़ा कर लड़ाई को त्रिकोणीय बनाया है।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखाओं में बचपन से जाने वाले हर्षवर्धन की पहचान एक जमीनी और संगठन में मजबूत पकड़ रखने वाले नेता के तौर पर है। जब इन्हें दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री की जिम्मेदारी मिली तो वर्ष 1993 से पोलियो के खिलाफ एक जनअभियान छेड़ा, जिसे बाद मे केंद्र सरकार ने अपनाते हुए भारत को पोलियो मुक्त घोषित करवाया। वह दावा करते हैं कि मोदी सरकार में बतौर विज्ञान व तकनीकी तथा पृथ्वी विज्ञान मंत्री उन्होंने मेक इन इंडिया अभियान को बढ़ावा दिया। हालांकि, इस बार उनकी राहें आसान नहीं रहने वाली है, क्योंकि चांदनी चौक लोकसभा के अंतर्गत आने वाली विधानसभा की सभी 10 सीटों पर आम आदमी पार्टी काबिज है। कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार जेपी अग्रवाल उन्हें बाहरी उम्मीदवार के मुद्दे पर घेर रहे हैं तो सीलिग, नोटबंदी व वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) को लेकर भी विपक्षी दलों द्वारा सवाल दागे जा रहे हैं। हालांकि, वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम को लेकर आश्वस्त हैं और लोगों से मुलाकात में उन्हें विजयी बनाकर मोदी को केंद्र की सत्ता में दोबारा बैठाने की अपील करते हैं।


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