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समाजको नई दिशा देने वाले लोग किए गए सम्मानित

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : समाज को प्रेरणा देने और लोगों के जीवन में बदलाव लाने का प्रयास क

By JagranEdited By: Published: Sat, 28 Jul 2018 12:31 AM (IST)Updated: Sat, 28 Jul 2018 12:31 AM (IST)
समाजको नई दिशा देने वाले लोग किए गए सम्मानित

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : समाज को प्रेरणा देने और लोगों के जीवन में बदलाव लाने का प्रयास करने वालों को शुक्रवार को दिल्ली में सम्मानित किया गया। बाल अधिकारों एवं लड़कियों को समान अधिकार दिलाने के लिए प्रयासरत गैर-लाभकारी संगठन प्लान इंडिया ने प्लान इंपैक्ट पुरस्कार से पांच लोगों और दो संगठनों को सम्मानित किया। इन सभी को 290 लोगों और संगठनों से चुनकर विजेता घोषित किया गया है। इस पुरस्कार का उद्देश्य उन जमीनी कार्यकर्ताओं को प्रोत्साहित करना है जो जरूरतमंद लोगों को आवश्यक सेवाएं पहुंचाने में सकारात्मक योगदान दे रहे हैं।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कात और अभिनेत्री एवं सामाजिक कार्यकर्ता शबाना आजमी ने विजेताओं को पुरस्कार दिए। उत्तर प्रदेश के अंबेडकरनगर की रहने वालीं आशा मजदूर अनुपम सिंह, झारखंड निवासी परी सिंह, ओडिशा के मयूरगंज निवासी कनकलता रौला, पिताबास माझी, भगीरथी मोहंता को सम्मानित किया गया। राजस्थान के बीकानेर की स्कूल प्रबंधन समिति और महाराष्ट्र के ठाणे की बाल कल्याण समिति को भी पुरस्कार दिया गया। बच्चों को स्वास्थ्य के प्रति करती हैं जागरूक

अनुपम सिंह 11 साल से मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता के तौर पर काम कर रहीं हैं। उन्हें प्लान इंडिया की तरफ से समाज को बेहतर बनाने और अपना योगदान देने के लिए सम्मानित किया गया। वह बच्चों के स्वास्थ्य से संबंधित शिक्षा को लेकर जागरूकता फैला रही हैं। 14 साल की उम्र में उनकी शादी हो गई थी, लेकिन उन्होंने अपनी शिक्षा जारी रखी और अपने जिले से 50 किलोमीटर दूर अयोध्या के संस्कृत विश्वविद्यालय से बीए की पढ़ाई की। बालिका अधिकारों के लिए करती हैं काम

परी सिंह वर्ष 2016 से सामाजिक संस्था से जुड़ी हुई हैं। इस दौरान उन्होंने झारखंड के पाटामड़ ब्लॉक में लड़कियों के अधिकारों के उन्नयन के लिए जबरदस्त प्रयास किए हैं। 21 साल की परी सामुदायिक बैठकों के माध्यम से लैंगिक समानता, लड़कियों की शिक्षा, साफ-सफाई और स्वच्छता जैसे विषयों का प्रचार-प्रसार करती हैं। उनकी कोशिश की वजह से 200 परिवारों को सहायता मिली। वह बाल विवाह पर रोक लगाने के लिए जागरूकता अभियान भी चला रही हैं। महाराष्ट्र के ठाणे के बाल कल्याण समिति को मिला सर्वश्रेष्ठ पुरुस्कार -

महाराष्ट्र के ठाणे की बाल कल्याण समिति एक जिले में अपनी सेवाएं दे रही हैं, जिसकी जनसंख्या करीब 28 लाख है। यह समिति रोज करीब 98 मामलों पर काम करती है। इसने बच्चों को सहायता देने वाली कई एजेंसियों और विशेषज्ञों से संबंध स्थापित किए हैं। बच्चों की उम्र के अनुसार बाल देखभाल संस्थानों में भर्ती करवाने में सफलता पाई है। इस समिति ने पूर्व बाल श्रमिकों को 20 से 25 हजार रुपये तक के बचत प्रमाण पत्र दिलवाए हैं। सर्वश्रेष्ठ स्कूल प्रबंधन समिति का खिताब मिला

झज्जू, बीकानेर की स्कूल प्रबंधन समिति योजनाबद्ध बैठकें आयोजित करती है और इसका मकसद राजस्थान के राज्य शिक्षा विभाग के आदेश के अनुसार काम करना है। विभाग द्वारा प्रदान की जाने वाली राशि का इस्तेमाल पाठ्यक्रम और सह-पाठ्यक्रम गतिविधियों के आयोजन करने और स्कूल के रखरखाव में किया जाता है।


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