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Kisan Andolan: किसान संगठनों ने सरकार के प्रस्‍ताव को किया खारिज, कहा- आंदोलन को हल्‍के में ना लें

Delhi Farmers Protest किसानों ने मंगलवार देर शाम केंद्र सरकार को जवाब देने के लिए भी अपनी रणनीति का एलान किया है। इसके तहत बुधवार को सभी संगठनों से मंत्रणा करने के बाद यह जवाब केंद्र को भेजा जाएगा।

By JP YadavEdited By: Published: Wed, 23 Dec 2020 07:58 AM (IST)Updated: Wed, 23 Dec 2020 06:25 PM (IST)
Kisan Andolan: किसान संगठनों ने सरकार के प्रस्‍ताव को किया खारिज, कहा- आंदोलन को हल्‍के में ना लें
कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कोविड के दौरान किसानों को दी गई सुविधाओं के बारे में बताया।

नई दिल्ली/सोनीपत/गाजियाबाद/नोएडा, जागरण न्यूज नेटवर्क। तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में सिंघु बॉर्डर पर चल रहा किसानों का धरना-प्रदर्शन बुधवार को 28 वें दिन में प्रवेश कर गया है।  यहां पर एक प्रदर्शनकारी ने बताया कि जो चिट्ठी केंद्र सरकार ने भेजी है। बुधवार को उसका जवाब दिया जाएगा। हम 24 घंटे बात करने के लिए तैयार हैं, लेकिन वे बात नहीं करना चाहते क्योंकि उनके मन में खोट है। उधर, कृषि कानूनों के खिलाफ टिकरी बॉर्डर पर भी किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है। एक प्रदर्शनकारी ने बताया कि किसान दिवस पर मैं मोदी सरकार को एक ही बात बोलना चाहता हूं कि कृषि कानूनों को वापस लेकर हमें आज ये गिफ्ट में दें क्योंकि अबका किसान पढ़ा-लिखा है उन्हें इस कानूनों के बारे में पता है। 

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उधर बुधवार दोपहर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि वो बैंकों को भी धन्यवाद देना चाहते हैं क्योंकि कोविड महामारी के दौरान वो 1 करोड़ से अधिक किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड कवर के तहत ले आए। साथ ही बीते 8 महीनों में किसानों को 1 लाख करोड़ रुपये दिए। हमने कुछ सुधार किए हैं और भविष्य में और अधिक सुधार लाएंगे।

टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी के निर्देश पर, डेरेक ओ ब्रायन, सतबदी रॉय, प्रसून बनर्जी, प्रतिमा मोंडल और एमडी नादिमुल हक सहित 5 पार्टी सांसद सिंघू बॉर्डर पर पहुंचे और वहां भूख हड़ताल पर बैठे किसानों से मुलाकात की। इन सांसदों ने किसानों से बातचीत की।

वहीं,  कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलनरत किसान केंद्र सरकार को अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर घेरने की तैयारी में जुट गए हैं। किसान नेताओं ने इंग्लैंड के सांसदों को पत्र भेजकर अपील की है कि वे अपने प्रधानमंत्री को किसानों के समर्थन में भारतीय गणतंत्र दिवस समारोह में शिरकत करने के लिए आने से रोकें।

किसानों ने देर शाम सरकार को जवाब देने के लिए भी अपनी रणनीति का एलान किया है। बुधवार को सभी संगठनों से मंत्रणा करने के बाद यह जवाब केंद्र को भेजा जाएगा। इसमें किसानों का सवाल है कि केंद्र सरकार बताए कि कृषि कानून रद होंगे या नहीं, इसके बाद वह बताएंगे कि बातचीत के लिए जाएंगे या नहीं। जाएंगे तो कब व किसके बुलावे पर जाएंगे। 

कृषि कानूनों के खिलाफ कुंडली बॉर्डर पर जीटी रोड जाम कर धरना दे रहे किसानों के कारण आसपास के लोगों की मुश्किलें अब बढ़ गई हैं। किसानों ने धरनास्थल से करीब छह किलोमीटर पीछे प्रीतमपुरा के पास ही जीटी रोड के साथ-साथ सर्विस रोड को भी पूरी तरह से जाम कर दिया है। यहां से दोपहिया वाहनों को भी आगे नहीं जाने दिया जा रहा है।

इसके अलावा मंगलवार को युवा किसानों ने केजीपी (कुंडली-गाजियाबाद-पलवल) एक्सप्रेस-वे से जीटी रोड पर दिल्ली की ओर उतरने वाले रोड को बैरिकेड्स लगाकर बंद कर दिया। ऐसे में कुंडली, प्याऊ मनियारी व आसपास के क्षेत्र में काम करने वाले या रहने वाले लोगों के लिए अब समस्या खड़ी हो गई है। यहां से लोग पैदल ही आवागमन कर सकते हैं।

किसानों ने मंगलवार को आठ घंटे तक यूपी बॉर्डर पर दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस-वे को जाम रखा। दिल्ली से गाजियाबाद जाने के लिए वाहन चालक भटकते रहे। दिल्ली यातायात पुलिस को गाजीपुर व आनंद विहार के पास रूट डायवर्ट करना पड़ा। ऐसे में आनंद विहार और गाजीपुर मुर्गा मंडी रोड पर भीषण जाम लगा रहा। वाहन चालक पिछले कई दिनों से हर रोज जाम का सामना कर रहे हैं। साथ ही सरकार व किसानों से भी अपील कर रहे कि किसी भी तरह सड़क को खाली करवाएं, किसान और सरकार के मामले में वाहन चालकों को परेशान होना पड़ रहा है।

यह भी देखें: किसान प्रदर्शन का आज 28वां दिन, इंग्लैंड के सांसदों को भारतीय किसान पत्र लिखकर करेंगे ये अपील

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