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तीन तलाक के नौ साल बाद दोस्त के साथ हलाला कराने पूर्व पत्नी के घर पहुंचा AIMIM का पूर्व नेता, FIR दर्ज

तीन तलाक देकर पत्नी को छोड़ चुका पति अपने दोस्त के साथ हलाला करवाने के लिए जामिया नगर स्थित महिला के घर पहुंच गया। आरोपित ने महिला से कहा कि अगर वह दोस्त के साथ हलाला कर उस उससे दोबारा निकाह नहीं करेगी तो वह उसे जान से मार देगा।

By Mangal YadavEdited By: Mon, 13 Sep 2021 06:12 PM (IST)
तीन तलाक के नौ साल बाद दोस्त के साथ हलाला कराने पूर्व पत्नी के घर पहुंचा AIMIM का पूर्व नेता, FIR दर्ज
तीन तलाक के नौ साल बाद दोस्त के साथ हलाला कराने पूर्व पत्नी के घर पहुंचा युवक

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। नौ साल पहले तीन तलाक देकर पत्नी को छोड़ चुका पति अपने दोस्त के साथ हलाला करवाने के लिए जामिया नगर स्थित महिला के घर पहुंच गया। आरोपित ने महिला से कहा कि अगर वह दोस्त के साथ हलाला कर उस उससे दोबारा निकाह नहीं करेगी तो वह उसे जान से मार देगा। पीड़िता की शिकायत पर जामिया नगर थाना पुलिस ने एफआइआर दर्ज कर ली है। पीड़िता के अनुसार, आरोपित पूर्व पति रियाजुद्दीन खान असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी आल इंडिया मजलिस-ए- इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (एआइएमआइएम) का उत्तर प्रदेश का सचिव है।

हालांकि रियाजुद्दीन ने दैनिक जागरण से फोन पर बताया कि वह एक सप्ताह पहले पार्टी से इस्तीफा दे चुका है। रियाजुद्दीन ने बताया उसकी पूर्व पत्नी पैसे वसूलने के लिए उन पर झूठे आरोप लगा रही है। वह छह माह से दिल्ली गए ही नहीं हैं। लेकिन उनका राजनीतिक करियर खराब करने व ब्लैकमेल करने के लिए वह उन पर झूठे आरोप लगा रही है।

पुलिस को दी शिकायत में पीड़िता ने बताया है कि रियाजुद्दीन ने खुद को तलाकशुदा बताकर जनवरी 2012 में उससे निकाह किया था। बाद में पता चला कि वह तलाकशुदा नहीं है। वह अपनी पहली पत्नी के साथ मिलकर उसे परेशान करने लगा। इस बीच पीड़िता ने एक पुत्र को जन्म दिया। 2012 के आखिर में आरोपित ने पीड़िता को तीन तलाक दे दिया। पीड़िता ने बताया कि 19 अगस्त की रात वह अपने एक साथी के साथ उनके घर पहुंचा और कहा कि नौ साल पहले उसने तीन तलाक देकर भूल की थी। अब वह उससे दोबारा निकाह करना चाहता है।

उसने कहा कि पीड़िता उसके दोस्त के साथ हलाला करके उससे दोबारा निकाह करे। विरोध करने पर आरोपित ने उसके कपड़े फाड़ दिए और दुष्कर्म का प्रयास किया और पिटाई की। शोर सुनकर पड़ोसी जुटने लगे तो दोनों भाग गए। गौरतलब है कि पीड़िता ने बहु विवाह व निकाह हलाला को गैरकानूनी करार देने के लिए 26 मार्च 2018 को सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की थी जिस पर अभी सुनवाई चल रही है।

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