Delhi-Mumbai Expressway: 12 घंटे में दिल्ली से मुंबई तक सफर, पांच राज्यों के लोगों को मिलेगा फायदा; केंद्रीय मंत्री करेंगे 16 सितंबर को निरीक्षण
Delhi-Mumbai Expressway दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे बनने के बाद केवल 12 घंटे में दिल्ली से मुंबई का सफर कार से लोग कर सकेंगे। वर्तमान में दिल्ली से मुंबई की दूरी सड़क मार्ग से लगभग 1510 किलोमीटर है। एक्सप्रेस-वे बनने के बाद दूरी 1350 किलोमीटर रह जाएगी।
गुरुग्राम/फिरोजपुर झिरका [आदित्य राज/ अख्तर अलवी]। केंद्रीय सड़क एवं परिवहन राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी 16 सितंबर को निर्माणाधीन न्यू दिल्ली-मुंबई ग्रीन एक्सप्रेस-वे का हवाई सर्वेक्षण कर एक्सप्रेस-वे का अवलोकन करेंगे। केंद्रीय मंत्री का हवाई सर्वेक्षण कार्यक्रम 16 सितंबर को गुरुग्राम के अलीपुर से शुरू होगा और मेवात होते हुए राजस्थान की ओर कूच करेगा। कार्यक्रम को लेकर एनएचएआई और जिला प्रशासन के अधिकारियों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। इससे पहले भी केंद्रीय मंत्री का उक्त मार्ग का अवलोकन करने का कार्यक्रम का तय हुआ था, लेकिन कोविड-19 के चलते उनका कार्यक्रम उस समय रद कर दिया गया था। केंद्रीय मंत्री के आगमन को लेकर एहतियात के तौर पर एक्सप्रेस-वे पर दो जगह हैलीपेड बनाए गए हैं। इस संदर्भ में एसडीएम रणबीर सिंह मौका निरीक्षण कर चुके हैं।
बता दें कि न्यू दिल्ली-मुंबई ग्रीन एक्सप्रेस-वे (148एन) का निर्माण कार्य इस समय प्रगति पर है। यह एक्सप्रेस-वे 2023 तक देश की जनता को समर्पित किया जाना है। 1350 किलोमीटर लंबे इस मार्ग के बनने के बाद दिल्ली से मुंबई के बीच का सफर मात्र 12 घंटों में तय किया जा सकेगा। बताया जा रहा है कि यह मार्ग आठ लेन का बनाया जाना है। इस मार्ग पर सवा लाख करोड़ रुपये से अधिक खर्च किया जा रहा है। एक्सप्रेस-वे दिल्ली से गुरुग्राम और मेवात, कोटा, रतलाम, गोदरा, बडोदरा, सूरत, दहिसर होते हुए मुंबई में समाप्त होगा। इस एक्सप्रेस-वे पर हर 50 किलोमीटर की दूरी पर पेट्रोल पंप, होटल, रेस्टोरेंट और पार्किंग की सुविधा प्रदान की जाएगी।
एक्सप्रेस-वे पर लगेंगे 10 लाख पौधे
निर्माणाधीन न्यू दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे को ग्रीनफिल्ड एक्सप्रेस-वे बनाने के लिए इसपर 10 लाख पौधे लगाए जाएंगे। पर्यावरण संरक्षण की दिशा में निश्चित ही यह महत्वपूर्ण कदम हैं। उक्त एक्सप्रेस-वे पर इस समय पौधारोपण का काम तेजी से किया जा रहा है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों के अनुसार 350 किलोमीटर का एक्सप्रेस-वे बनकर तैयार हो चुका है। इसका निर्माण 2023 तक पूरा होने की संभावना है। मेवात की धरती से निकल रहे इस एक्सप्रेस वे की लंबाई करीब 80 किलोमीटर है।'
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जलसंचयन के लिए एक्सप्रेस-वे पर लगेंगे हार्वेस्टिंग सिस्टम
एनएचएआई की प्रस्तावित योजना के मुताबिक 1350 किलोमीटर इस ग्रीनफिल्ड एक्सप्रेस-वे पर बारिश के पानी के संचयन के लिए हर 500 मीटर की दूरी पर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाए जाएंगे। मेवात में एनएचएआई द्वारा जलसंचयन की दिशा में उठाया गया है यह अभी तक का सबसे बड़ा कदम होगा। इससे पहले इस तरह के प्रयास यहां संभव नहीं हो सके थे।
देश को मिलने जा रहा है पहला इलेक्ट्रिक हाईवे
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे का निर्माण इस समय मार्डन टेक्नोलाजी से हो रहा है। केंद्रीय सडक़ मंत्रालय की योजना के मुताबिक यह देश का पहला ऐसा इलेक्ट्रिक हाईवे होगा जिसपर इलेक्ट्रिक वायर लगाई जाएगी। इस इलेक्ट्रिक हाईवे पर आपको जल्द ही इलेक्ट्रिक ट्रक भी दौड़ते नजर आएंगे। संभावित आठ लेन के इस इलेक्ट्रिक हाईवे का उद्देश्य हाईवे को प्रदूषण से मुक्त करना है।
12 घंटे में दिल्ली से मुंबई तक का सफर
एक्सप्रेस-वे बनने के बाद केवल 12 घंटे में दिल्ली से मुंबई का सफर कार से लोग कर सकेंगे। वर्तमान में दिल्ली से मुंबई की दूरी सड़क मार्ग से लगभग 1510 किलोमीटर है। एक्सप्रेस-वे बनने के बाद दूरी 1350 किलोमीटर रह जाएगी। निर्माण पर लगभग 90 हजार करोड़ रुपये की लागत आएगी। यह पांच राज्यों से होकर गुजरेगा, जिनमें हरियाणा, राजस्थान, मध्यप्रदेश, गुजरात एवं महाराष्ट्र शामिल हैं। नाम दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे है लेकिन इसकी शुरुआत गुरुग्राम जिले के गांव अलीपुर से है। अलीपुर में एक्सप्रेस-वे का सबसे बड़ा जंक्शन होगा।
इस एक्सप्रेस-वे की खासियत यह है कि यह पांच राज्यों के अधिकतर पिछड़े इलाकों से होकर गुजरेगा। इससे इलाकों में विकास के पंख लगेंगे। हरियाणा ही नहीं देश के पिछड़े इलाकों में शामिल नूंह जिले से होकर गुजरेगा। इससे नूंह इलाके की तस्वीर बदलने की उम्मीद है।