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World Osteoporosis Day 2020: हड्डी व जोड़ों के दर्द से हैं परेशान तो करें व्यायाम, बुढ़ापे में भी मिलेगी राहत

हड्डियों का विकास 30-32 साल तक होता है और उसके बाद 42-45 साल तक हड्डियां स्थिर होती हैं वहीं 45 साल के बाद हड्डियों पर उम्र का असर पड़ने लगता है। इसलिए अक्सर कहा जाता है कि बुढ़ापे में हड्डी नहीं जुड़ती है।

By Edited By: Published: Mon, 19 Oct 2020 09:17 PM (IST)Updated: Tue, 20 Oct 2020 04:41 PM (IST)
World Osteoporosis Day 2020: हड्डी व जोड़ों के दर्द से हैं परेशान तो करें व्यायाम, बुढ़ापे में भी मिलेगी राहत
हड्डियों का विकास 30-32 साल तक होता है।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। बढ़ती उम्र के साथ हड्डियों और जोड़ों से संबंधित परेशानियां आम बात हैं, लेकिन उन पर ध्यान देने की भी आवश्यकता है। अगर जवानी में ध्यान दिया गया तो बुढ़ापे में हड्डियां परेशान नहीं करेंगी। यह कहना है लेडी हार्डिग अस्पताल में सहायक प्रोफेसर डॉ. अरुण पांडेय का। मंगलवार को विश्व ऑस्टियोपोरोसिस दिवस पर लोगों को इस बीमारी और उसके बचाव के बारे में जानना चाहिए। विश्व ऑस्टियोपोरोसिस दिवस प्रति वर्ष 20 अक्टूबर को मनाया जाता है।

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यह खास दिन इस बीमारी की रोकथाम, निदान और इलाज के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए मनाया जाता है। यह हड्डी का एक ऐसा रोग है, जिससे फ्रैक्चर का खतरा काफी बढ़ जाता है। समय के साथ हड्डियों के कमजोर होने या ऑस्टियोपोरोसिस के खतरे से बचा नहीं जा सकता, लेकिन इसे कम किया जा सकता है। क्या है ऑस्टियोपोरोसिस हड्डियों के ढांचे में दो हिस्से होते हैं। एक प्रोटीन का, जो जैविक होता है और दूसरा खनिज पदार्थ का, जो अजैविक होता है। जैविक हिस्सा एक जटिल जाल की तरह होता है और उसके ऊपर खनिज पदार्थ जमा होते हैं। ये दोनों मिलकर हड्डी की संरचना करते हैं। बढ़ती उम्र के साथ प्रोटीन का जैविक हिस्सा बढ़ती उम्र और खराब जीवनशैली की वजह से धीरे-धीरे कमजोर होता जाता है। इसे ऑस्टियोपोरोसिस कहते हैं।

हड्डियों का विकास 30-32 साल तक होता है और उसके बाद 42-45 साल तक हड्डियां स्थिर होती हैं, वहीं 45 साल के बाद हड्डियों पर उम्र का असर पड़ने लगता है। इसलिए अक्सर कहा जाता है कि बुढ़ापे में हड्डी नहीं जुड़ती है। बीमारी के लक्षण जिस व्यक्ति के शरीर में ऑस्टियोपोरोसिस का असर होता है तो उसे लगातार थकावट, हाथ-पांव में दर्द, कमर दर्द, हल्की चोट लगने पर हड्डियों का टूटना और काम करने की इच्छा न करने जैसी शिकायतें होने लगती हैं। यह समस्या पुरुषों में 60 साल और महिलाओं में 40 साल के बाद देखने को मिलती है।

दरअसल, महिलाओं की माहवारी बंद होने के बाद उनके हार्मोन में बदलाव होता है और मीनोपाज होने के बाद इस्ट्रोजन (सेक्स हार्मोन) का स्तर कम हो जाता है जो इनमें ऑस्टियोपोरोसिस के प्रभाव को बढ़ा देता है और महिलाओं की हड्डियां कमजोर होने लगती हैं।

कैसे करें बचाव

इस बीमारी से बचने के लिए खाने में कैल्शियम और प्रोटीनयुक्त पदार्थो का सेवन करना चाहिए, वहीं प्रतिदिन कम से कम 15 से 20 मिनट तक धूप में जरूर बैठें। इसके साथ ही रोज कम से कम 45 मिनट व्यायाम करें या खेलें और धूमपान व शराब से दूर रहें। अगर उम्र 40 पार है तो हल्की चोट लगने या फ्रैक्चर होने पर बोन डेंसिटी टेस्ट करवाएं।

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